तराई के इस जिले में पाया जाता है दुर्लभ रेड कोरल कुकरी सांप!
तराई के इस जिले में पाया जाता है दुर्लभ रेड कोरल कुकरी सांप!
इन दिनों बारिश के चलते आबादी के इलाकों में अलग अलग प्रजातियों के सांप देखे जा रहे हैं. इनमें से कुछ सांप तो सामान्य है लेकिन कुछ इतने दुर्लभ भी हैं जो बेहद कम देखे जाते हैं. आज हम आपको ऐसे सांप के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने आप में बेहद दुर्लभ और नायाब है.
पीलीभीत. इन दिनों बारिश के चलते आबादी के इलाकों में अलग-अलग प्रजातियों के सांप देखे जा रहे हैं. इनमें से कुछ सांप तो सामान्य है लेकिन कुछ इतने दुर्लभ भी हैं जो बेहद कम देखे जाते हैं. आज हम आपको ऐसे सांप के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने आप में बेहद दुर्लभ और नायाब है.
अगर पीलीभीत की बात करें वैसे तो यूपी का पीलीभीत बाघों के लिए देश दुनिया में जाना जाता है. लेकिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व केवल टाइगर ही नहीं सांपों का भी पसंदीदा बसेरा है. जानकारी के अनुसार पीलीभीत टाइगर रिजर्व में सांपों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. इसमें से कुछ दुर्लभ प्रजातियां तो किसानों के दोस्त माने जाते हैं. लेकिन बीते सालों में पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में ऐसा दुर्लभ सांप देखा गया है जिससे अब तक इतिहास में बहुत ही कम बार देखा गया है. यह दुर्लभ साथ रेड कोरल कुकरी के नाम से जाना जाता है.
इस कारण पड़ा रेड कोरल नाम
एक्सपर्ट के अनुसार इस दुर्लभ प्रजाति के सांप को दुधवा में सबसे पहली बार साल 1936 में देखा गया था. इस सांप का जूलॉजिकल नाम ओलिगोडोन खेरिएन्सिस है. अपने लाल नारंगी रंग और दांतों के वजह से इन सांपों को रेड कोरल कुकरी नाम दिया गया है. हालांकि ये जहरीला नहीं होता है.
इस कारण नहीं हुआ बहुत शोध
वैसे सांपों को लेकर भले ही डरावनी छवि हो लेकिन अधिकांश सांप बेहद शर्मीले होते हैं. यही कारण है कि कई सांप बहुत ही कम नज़र आते हैं. इन्हीं में से एक है रेड कोरल कुकरी सांप यह सांप इतना दुर्लभ है कि इसे भारत में बेहद कम ही देखा गया है. यही कारण है कि इस दुर्लभ सांप को लेकर जितना शोध कार्य होना चाहिए वह अभी तक नहीं हो पाया. इसी के चलते सांप के बारे में न के बराबर जानकारी है.
Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 20:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed