सरकार की उदासीनता या नदियों का कहर! आखिर क्यों आती है इस जिले में बार-बार बाढ़

मुख्य तौर पर शारदा नदी पीलीभीत जिले के कलीनगर व पूरनपुर तहसील से होकर गुजरती है. दोनों तहसीलों में दर्जनों गांव ऐसे हैं जो शारदा नदी से होने वाले कटान और बाढ़ की जद में आते हैं. लेकिन इसके पीछे प्रशासन और शासन की उदासीनता के साथ ही साथ कुछ प्रमुख कारण हैं.

सरकार की उदासीनता या नदियों का कहर! आखिर क्यों आती है इस जिले में बार-बार बाढ़
पीलीभीत. वैसे तो शारदा नदी हज़ारों गांवों और लाखों लोगों के लिए प्राणदायिनी साबित होती है. लेकिन पीलीभीत का एक इलाका ऐसा भी है जहां शारदा नदी का बढ़ता जलस्तर लोगों के लिए आफत का सबब बन जाता है. मुख्य तौर पर शारदा नदी पीलीभीत जिले के कलीनगर व पूरनपुर तहसील से होकर गुजरती है. दोनों तहसीलों में दर्जनों गांव ऐसे हैं जो शारदा नदी से होने वाले कटान और बाढ़ की जद में आते हैं. लेकिन इसके पीछे प्रशासन और शासन की उदासीनता के साथ ही साथ कुछ प्रमुख कारण हैं. पीलीभीत उत्तराखंड की शिवालिक पर्वतमाला की तराई में बसा जिला है. इंडो-नेपाल सीमा के नजदीक से ही शारदा नदी भी गुजरती है. इस नदी के किनारे पीलीभीत की पूरनपुर और कलीनगर तहसील के दर्जनों गांव हैं. वैसे तो इन इलाकों के लिए शारदा लाइफ लाइन मानी जाती है. लेकिन बरसात के मौसम में इस इलाके में बसे ग्रामीणों के लिए परिस्थितियां विषम होती जाती हैं. तकरीबन हर साल ही ग्रामीणों को कई बार बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ता है. सहायक नदियों पर नहीं है कोई बांध दरअसल, उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों से निकलने वाली पहाड़ी नदियां भी शारदा नदी में आ कर मिलती हैं. गौरतलब है कि शारदा नदी पर पीलीभीत में प्रवेश करने से पहले दो बांध बने हुए हैं. पहला उत्तराखंड के टनकपुर और दूसरा बनबसा में है. इन दोनों बैराजों से नियंत्रित रूप से पानी रिलीज किया जाता है. लेकिन शारदा में मिलने वाली अन्य सहायक नदियों पर कोई भी बांध नहीं हैं. ऐसे में पहाड़ों पर बारिश के बाद सहायक नदियों के सहारे पानी शारदा में मिलता है, जिस वजह से शारदा विकराल रूप ले लेती है. इस कारण बढ़ जाता है शारदा नदी का जलस्तर शारदा नदी में भारत की सीमा में जगबूढ़ा नामक नदी तो वहीं नेपाली सीमा में बमनी नदी मिलती हैं. इन दोनों नदियों पर किसी प्रकार का कोई बांध नहीं बना है. ऐसे में पहाड़ों पर तेज बारिश के दौरान ये नदियां उफान पर रहती हैं. जिससे शारदा नदी में मिलने के बाद शारदा का जलस्तर और अधिक बढ़ जाता है. शासन की उदासीनता भी हुई उजागर पिछले कई सालों से बाढ़ग्रस्त इलाक़े में रहने वाले ग्रामीण शारदा नदी में आने वाली बाढ़ से स्थाई राहत बचाव के कार्यों की मांग कर रहे हैं. वही इस मांग को लेकर से स्थानीय लोग कई दिनों के अनशन पर भी बैठ चुके हैं. लेकिन नतीजा आज भी शून्य है. बीते दिनों आई बाढ़ से मची तबाही से लोग उबर नहीं पा रहे हैं. पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए जिलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि बाढ़ की स्थिति फ़िलहाल नियंत्रण में है. बाढ़ से हुए नुकसान का जल्द से जल्द आंकलन किया जा रहा है. वहीं प्रभावित परिवारों को प्रशासन की ओर से हर संभव मदद दी जा रही है. Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 19:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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