मथुरा: वृन्दावन के विश्व प्रसिद्ध बाँकेबिहारी मंदिर में हरियाली-तीज का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर भगवान बाँकेबिहारी को मंदिर के गर्भ-गृह से बाहर निकालकर विशाल ‘स्वर्ण-हिंडोले’ में झूला झुलाया जा रहा है. अपने आराध्य भगवान बाँकेबिहारी की इस अनुपम छवि के दर्शन करने के लिए मंदिर-प्रांगण में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.
हरियाली-तीज का मथुरा-वृन्दावन में विशेष महत्त्व है. इस दिन यहां के सभी प्रमुख मंदिरों में विराजमान ठाकुरजी को झूला झुलाने की परंपरा है. कहा जाता है कि इस दिन पहली बार वृन्दावन की पवित्र भूमि पर कृष्ण ने राधा संग झूला झूलने का आनंद लिया था. तब से लेकर आज तक मथुरा-वृन्दावन के सभी प्रमुख मंदिरों में उसी परंपरा का पालन हो रहा है.
बांकेबिहारी मंदिर का स्वर्ण-हिंडोला
हरियाली-तीज पर वृन्दावन के सभी प्रमुख मंदिरों में झूले सजाये जाते हैं, लेकिन विश्वप्रसिद्ध बाँकेबिहारी मंदिर में इस दिन एक विशाल ‘स्वर्ण-हिंडोला’ सजाया जाता है. 32 फुट चौड़े और 12 फुट ऊँचे सोने और चांदी से बने इस विशाल झूले में भगवान बाँकेबिहारी झूलन उत्सव का आनंद लेते हैं. उनके दोनों तरफ खड़ी सखियाँ उन्हें झूला झुलाती हैं. हरियाली-तीज के मौके पर हरे रंग के महत्त्व को देखते हुए ठाकुरजी को हरे रंग की विशेष पोशाक पहनाई जाती है. मंदिर में सावन का एहसास कराने के लिए सावन के सभी रंगों से सजावट की जाती है. इस दिन ठाकुरजी को घेवर का विशेष भोग लगाया जाता है. 1938 में इस झूले का निर्माण कार्य शुरू हुआ और कई महीनों की कड़ी मेहनत के बाद इसे तैयार किया गया. 77 साल से ठाकुर बाँकेबिहारी इस झूले पर हरियाली तीज के दिन झूल रहे हैं.
भक्तों को होती है ठाकुर जी के दर्शन कर अलौकिक अनुभूति
ठाकुर बाँकेबिहारी मंदिर के सेवायत पुजारी श्री नाथ गोस्वामी ने मान्यता की जानकारी देते हुए कहा कि आज श्री धाम वृन्दावन में ठाकुर बाँकेबिहारी जी का वर्ष में एक दिन लगने वाला स्वर्ण और चाँदी का हिंडोला है. ठाकुर जी को हरी पोशाक धारण कराई जाती है और घेवर, फैनी का भोग लगाया जाता है. भक्त यहां आकर अपने आप को आनंदित और कृतार्थ महसूस करते हैं. अपने आराध्य भगवान बाँकेबिहारी को ‘स्वर्ण-हिंडोले’ में झूलते हुए दर्शन करने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालू हरियाली-तीज के मौके पर वृन्दावन आये हुए हैं. सभी ठाकुरजी की इस अनुपम छवि को देखकर आनंदित महसूस कर रहे हैं.
एक घंटे पहले खोल दिए जाते हैं मंदिर के कपाट
हरियाली-तीज के मौके पर बाँकेबिहारी मंदिर के कपाट विशेष रूप से रोजाना से डेढ़ घंटा पहले शाम 4 बजे ही खोल दिए गए हैं, ताकि दूर-दूर से आये श्रद्धालुओं को हरियाली-तीज की भारी भीड़ की वजह से ठाकुरजी के इस अनुपम दर्शनों से वंचित ना रहना पड़े. मंदिर में ठाकुर जी के इस स्वर्ण-हिंडोला दर्शन का क्रम आज रात 12 बजे तक चलता रहेगा और उसके बाद शयन आरती कर इस मौके के लिए विशेष रूप से तैयार की गई शय्या पर ठाकुरजी को शयन कराया जाएगा.
Tags: Hartalika Teej, Local18, Mathura newsFIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 12:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed