डॉक्टर-नर्स से लेकर पूरे मेडिकल कॉलेज को रुला गई नादान सिया कहानी सुनकर
डॉक्टर-नर्स से लेकर पूरे मेडिकल कॉलेज को रुला गई नादान सिया कहानी सुनकर
Kanpur hallet hospital: 10 महीने से कानपुर मेडिकल कॉलेज में रह रही नादान सिया को अब लखनऊ के राजकीय शिशु गृह भेजा गया है. अब वही उसका नया घर होगा. मासूम सिया की विदाई पर पूरा मेडिकल कॉलेज फूट-फूट कर रोता हुआ दिखाई दिया. डॉक्टर नर्स से लेकर अस्पताल के अन्य स्टाफ
अखंड प्रताप सिंह/कानपुर: मां-बाप की जान अपने बच्चों में बसती है और अपने बच्चों के लिए माता-पिता किसी भी हद तक जाने को तैयार होते हैं. हालांकि, इसी समाज में कुछ ऐसे मामले भी देखने को मिलते रहते हैं जब कुछ लोगों की हरकतें मां-बाप के नाम को कलंकित करती हैं. एक ऐसा ही मामला कानपुर महानगर से सामने आया है. एक नवजात बच्ची को उसके माता-पिता बीमार अवस्था में अस्पताल में छोड़कर चले गए थे.
आज से लगभग 10 महीने पहले एक नवजात बच्ची के माता-पिता उसे कानपुर के हैलट अस्पताल में छोड़कर चले गए थे. नवजात की स्थिति बेहद गंभीर थी. उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. जब माता-पिता का कुछ पता नहीं लगा तब डॉक्टरों ने कड़ी मशक्कत करके बच्ची की जान बचाई. उसके माता-पिता का पता लगाने के लिए लाख कोशिश की गई लेकिन उनका पता नहीं चल पाया. इसके बाद बीते 10 महीने से एक माता-पिता के तरीके मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और पूरा नर्सिंग स्टाफ बच्ची की देखभाल कर रहा है. यह बच्ची कई माता-पिता का प्यार अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ से पा रही थी. इस बच्ची को मेडिकल कॉलेज ने सिया नाम दिया था लेकिन, अब सिया का घर कानपुर मेडिकल कॉलेज नहीं बल्कि लखनऊ का राज्य शिशु गृह होगा.
लखनऊ के राजकीय शिशु गृह में रहेगी सिया
सिया को कानपुर मेडिकल कॉलेज से लखनऊ के राजकीय शिशु गृह भेजा गया है. अब वही उसका नया घर होगा. मासूम सिया की विदाई पर पूरा मेडिकल कॉलेज फूट-फूट कर रोता हुआ दिखाई दिया. डॉक्टर नर्स से लेकर अस्पताल के अन्य स्टाफ 10 महीने में उस बच्ची के प्रति पैदा हुए लगाव को भूल नहीं पा रहे हैं. सभी लोग उन बातों को याद कर रहे हैं कि कैसे उन लोगों ने मिलकर सिया को खुद के बच्चे की तरह पाला था. अब वही सिया उन्हें रुला कर उनसे दूर जा रही है.
कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर संजय काला ने बताया कि बाल रोग विभाग में 10 महीने पहले सिया को दाखिल कराया गया था. उसके माता-पिता उसे छोड़कर यहां से चले गए थे. उनका कोई अता-पता नहीं लग पाया. तब से लगातार डॉक्टर और स्टाफ बच्ची का ख्याल रख रहे हैं. एक माता-पिता के तरीके उसको प्यार मिला. वह सभी की दुलारी है लेकिन, अब वह लखनऊ के राज्य के शिशु गृह में भेजी जा रही है. बच्ची के जाने से हर कोई दुखी है. यहां पर बच्ची का आना और उसकी जान बचना भी किसी चमत्कार से कम नहीं था. जिस प्रकार से डॉक्टर और स्टाफ ने उसे एक माता-पिता का प्यार दिया वह भी अद्भुत है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 7, 2024, 18:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed