कम उपजाऊ जमीन पर करें इस फसल की खेती7 किलो बीज से होगा 10 क्विंटल उत्पादन

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि दलहन की फसल किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है. खासकर मूंग की फसल जो कि कम उपजाऊ मिट्टी में आसानी से की जा सकती है. बशर्ते खेत में जल विकास का प्रबंध उचित होना चाहिए.

कम उपजाऊ जमीन पर करें इस फसल की खेती7 किलो बीज से होगा 10 क्विंटल उत्पादन
शाहजहांपुर: इस समय खरीफ की फसलों की बुवाई हो रही है. खरीफ की फसलों में ज्यादातर किसान धान की खेती करना ही पसंद करते हैं, लेकिन धान की फसल के अलावा अगर किसान दलहन की फसलें उगाएं तो किसानों को बेहद कम लागत में अच्छा मुनाफा मिल सकता है. अगर आपके खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था है तो आप दलहन की खेती कर सकते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि दलहन की फसल किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है. खासकर मूंग की फसल जो कि कम उपजाऊ मिट्टी में आसानी से की जा सकती है. बशर्ते खेत में जल विकास का प्रबंध उचित होना चाहिए. मूंग की फसल की बुवाई करते समय किसानों को चाहिए कि वह उन्नत किस्म के बीच का चयन करें. खेत की कैसे करें तैयारी? डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि मूंग की फसल की बुवाई करने के लिए सबसे पहले खेत की अच्छे से जुताई कर खेत को बुवाई के लिए तैयार कर लें. सबसे पहले डिस्क हैरो चलाकर खेत की गहरी जुताई करें. उसके बाद रोटावेटर से जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना लें. खेत की अंतिम जुताई करते समय गोबर की सड़ी हुई खाद या रासायनिक उर्वरक एनपी का इस्तेमाल करें. 1 एकड़ में होगा 10 क्विंटल का उत्पादन डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि मूंग की फसल की बुवाई करने के लिए उन्नत किस्म का बीज का चुनाव करना बेहद जरूरी है. किसान मूंग की फसल की बुवाई करने के लिए राजकीय कृषि गोदाम या फिर किसी पंजीकृत दुकान से मूंग का बीज खरीद सकते हैं. एक एकड़ की बुवाई करने के लिए 6 से 7 किलो बीज पर्याप्त रहता है. किसान अगर मूंग से अच्छा उत्पादन लेना चाहते हैं तो वह लाइनों में बुवाई करें. 1 एकड़ मूंग की फसल से किसानों को 8 से 10 क्विंटल तक की पैदावार हो सकती है. बुवाई से पहले ऐसे करें बीज उपचार जरूरी डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि मूंग की बुवाई करने से पहले बीज का उपचार करना बेहद जरूरी है. बीज को उपचार करने के लिए जैविक और रासायनिक दो तरीके हैं. रासायनिक तरीके से बीज शोधन करने के लिए 1 किलो बीज के लिए 2.5 ग्राम कैपटान या कार्बेंडाजिम का इस्तेमाल करें. और जैविक तरीके से भी शोध करने के लिए 4 से 5 ग्राम ट्राइकोड्रमा 1 किलो बीज शोधन करने के लिए पर्याप्त रहता है. बीज शोधन करने से मूंग में पीला मौजैक नाम की बीमारी नहीं लगेगी. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 16:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed