किसान ने शुरू की यह खेती सिर्फ 60 दिनों में हो रही लाखों की कमाई

करेले की खेती करने वाले किसान रमन ने बताया कि वह धान गेंहू की खेती के साथ सब्जियों की खेती कर रहे हैं, जिसमें कि हमने आधे बीघे से करेले की खेती की शुरुआत की. जिसमें हमें अच्छा मुनाफा देखने को मिला.

किसान ने शुरू की यह खेती सिर्फ 60 दिनों में हो रही लाखों की कमाई
संजय यादव/बाराबंकी: वैसे तो किसान आज के समय मे ऐसी फसलो की खेती करना चाहते हैं, जिनसे कम  लागत में अच्छा मुनाफा हो सके. ऐसी ही एक फसल है करेले की. जिसकी खेती कई किसान कर रहे हैं. क्योंकि इसकी खेती में जो लागत लगती है उससे कई गुना अधिक मुनाफा मिल जाता है. क्योंकि बाजार में इसकी मांग बनी रहती है, जिससे इसके अच्छे भाव मिल जाते हैं. कई किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा भी ले रहे हैं. जिले के एक किसान ने मचान विधि से करेले की खेती कर रहे हैं. उन्हें इससे लागत के हिसाब से अच्छा मुनाफा भी हो रहा है. वह कई सालों से करेले की खेती करके लाखों रुपए मुनाफा कमा रहे हैं. बाराबंकी जिले के मानपुर गांव के रहने वाले युवा किसान रमन सिंह ने आधे बीघे से करेले की खेती की शुरुआत की, जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ. आज वह करीब दो बीघे से ज्यादा की जमीन पर करेले की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें दो से ढाई लाख रुपए का मुनाफा एक फसल में हो रहा है. करेले की खेती करने वाले किसान रमन ने बताया कि वह धान गेंहू की खेती के साथ सब्जियों की खेती कर रहे हैं, जिसमें कि हमने आधे बीघे से करेले की खेती की शुरुआत की. जिसमें हमें अच्छा मुनाफा देखने को मिला. आज करीब दो बीघे से ज्यादा जमीन पर करेले की खेती कर रहे हैं. इसमें जो लागत है करीब एक बीघे में 15 से 20 हजार रुपये आती है. क्योंकि इसमें बीज, डोरी, बांस, कीटनाशक दवाइयां पानी लेबर आदि का खर्च लगता है और वहीं  मुनाफा करीब एक फसल पर दो से ढाई लाख रुपए तक हो जाता है. इसकी खेती हम मचान विधि से करते हैं. इससे  सब्जियां  खराब नहीं होती हैं और बरसात के पानी से फसल सड़ने और गलने का खतरा कम रहता है. जिससे सब्जियों की अच्छी पैदावार अन्य विधि के मुकाबले ज्यादा रहती है. इसकी खेती करना बहुत ही आसान है. पहले खेत की जुताई की जाती है. उसके बाद पूरे खेत में मेड बनाते हैं. फिर थोड़ी-थोड़ी दूर पर करेले के बीज को लगाया जाता है. जब पेड़ थोड़ा बड़ा होने लगता है तब पूरे खेत मे बांस और तार का स्टेचर तैयार करते हैं. फिर करेले के पौधे को डोरी से स्टेचर से बांध दिया जाता है. जिससे करेले का पौधा स्टेचर पर फैल जाता है. वहीं पौधा लगाने के महज 60 से 65 दिनों बाद फसल निकलनी शुरू हो जाती है, जिसे हम हर रोज तोड़कर बेच सकते हैं. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 16:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed