जगन्नाथ मंदिर एक हफ्ते तक रहेगा बंद श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे दर्शन जानिए वजह
जगन्नाथ मंदिर एक हफ्ते तक रहेगा बंद श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे दर्शन जानिए वजह
मंदिर के महंत राघवाचार्य ने बताया कि जगन्नाथ पुरी में जब भगवान विष्णु तालाब में स्नान करने जाते हैं, तो वह बीमार हो जाते हैं और घर में आते हैं तो माता लक्ष्मी नहीं रहती है.
अयोध्या: मंदिर और मूर्तियों की नगरी अयोध्या में एक और उत्सव की तैयारी शुरू हो गई है. यह उत्सव जगन्नाथ रथ यात्रा का होगा. आज से राम मंदिर से मात्र 100 मीटर दूरी पर स्थित जगन्नाथ मंदिर में भक्त अब दर्शन नहीं कर पाएंगे. क्योंकि आज से लेकर 7 जुलाई तक जगन्नाथ मंदिर बंद रहेगा . राम मंदिर के निकट स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में एक सप्ताह के लिए श्रद्धालुओं के दर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
दरअसल इसकी भी अपनी अनोखी परंपरा है. हम बात कर रहे हैं राम जन्मभूमि परिसर से सटे जगन्नाथ मंदिर की. जहां धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ चंदन लगाकर स्नान करने के लिए जाते हैं. अधिक स्नान करने के कारण उनके सिर में दर्द हो जाता है और जब लौटकर घर आते हैं तो उनकी पत्नी वहां विराजमान नहीं मिलती है. जिसकी वजह से भगवान रूठ जाते हैं और अस्वस्थ हो जाते हैं. अस्वस्थ होने के कारण भगवान का श्रृंगार नहीं होता. जिसकी वजह से पूर्णिमा से लेकर प्रतिपदा तक भगवान का पट बंद रहता है. इसी वजह से वह अपने भक्तों को दर्शन नहीं देते हैं.
मंदिर के महंत राघवाचार्य ने बताया कि जगन्नाथ पुरी में जब भगवान विष्णु तालाब में स्नान करने जाते हैं, तो वह बीमार हो जाते हैं और घर में आते हैं तो माता लक्ष्मी नहीं रहती है. वह रूठ कर अपने मायके चली जाती है. जिससे भगवान विष्णु अस्वस्थ हो जाते हैं. इसके बाद भगवान को एक सप्ताह तक काढ़ा पिलाया जाता है. एक सप्ताह बाद भगवान स्वस्थ हो जाते हैं. उसके बाद रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण करते हैं इतना ही नहीं इस दौरान भगवान की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है. एक बालक की तरह ख्याल रखा जाता है.
इस दौरान 7 दिनों तक भगवान को कथा सुनाई जाती है. उसके बाद 7 जुलाई को रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ साधु संतों के साथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं. जिसमें लाखों की संख्या में भक्त भी शामिल होते हैं. मंदिर के महंत ने बताया कि यह परंपरा कई वर्ष पुरानी है. इतना ही नहीं कलयुग में भगवान जगन्नाथ को देवता माना जाता है. हर युग के एक देवता होते हैं. उसी प्रकार भगवान जगन्नाथ भी कलयुग के देवता माने जाते हैं.
Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : June 30, 2024, 10:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed