Opinion: पीएम मोदी की आतंकवाद को चेतावनी बोले-आतंक का खात्मा होने तक चैन से नहीं बैठूंगा
Opinion: पीएम मोदी की आतंकवाद को चेतावनी बोले-आतंक का खात्मा होने तक चैन से नहीं बैठूंगा
प्रधानमंत्री मोदी ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान को भी घेरा. उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों को अलग-अलग जगहों से पैसे मिलते हैं, ये हम सभी जानते हैं. टेरर फंडिंग का एक स्रोत देशों का समर्थन भी है. कुछ देशों की तो विदेश नीति में ही आतंकवाद का समर्थन करना शामिल है. ये देश आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों की राजनीतिक, वैचारिक और आर्थिक मदद करते हैं. अंतरराष्ट्रीय संगठनों को ये नहीं मानना चाहिए कि युद्ध नहीं होने का मतलब शांति है.
‘एक आतंकवादी और आतंकवाद से लड़ना दोनों अलग-अलग तरह की चीजें हैं. एक आतंकवादी को हथियारों की मदद से खत्म किया जा सकता है, लेकिन उनकी फंडिंग पर चोट किए बिना ये उपलब्धि जल्द ही हाथ से फिसल भी सकती है. आतंकवादी एक व्यक्ति है लेकिन आतंकवाद व्यक्तियों और संस्थाओं का एक संगठित नेटवर्क. आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए एक व्यापक और प्रोएक्टिव सोच की जरूरत है. अगर हम चाहते हैं कि हमारे नागरिक सुरक्षित रहें तो हम इस बात का इंतजार नहीं कर सकते कि आतंकवादी जब हमारे घरों तक पहुंचेंगे तब हम उनपर कार्रवाई करेंगे. हमें आतंकवादियों को ढूंढकर उनके सहयोगी नेटवर्क को तोड़ना होगा और उनकी फंडिंग पर चोट करनी होगी.’ टेरर फंडिंग के खिलाफ दिल्ली में शुरू हुए दो दिवसीय ‘No Money For Terror Funding’ सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बाते कहीं.
दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में दुनिया भर के 72 देशों के प्रतिनिधि, दर्जनभर से ज्यादा मल्टीनेशनल समूह और एनजीओ के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. लेकिन आतंकवाद की फैक्ट्री माने जाने वाले पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ-साथ चीन ने इस वैश्विक सम्मेलन से किनारा कर लिया है. इससे आतंकवाद की तिकड़ी पूरी एक बार फिर दुनिया के सामने बेनकाब हो गई है.
सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि कई दशकों से अलग-अलग नामों और स्वरूपों में आतंकवाद ने भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है. हमने अपने हज़ारों लोगों का बलिदान दिया लेकिन डटकर साहस के साथ आतंकवाद का मुकाबला भी किया है. दुनिया ने जब आतंकवाद को गंभीरता से लेना शुरू किया उससे बहुत पहले भारत ने इसके भयानक दंश का सामना किया था. प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला करार देते हुए कहा कि ये कोई सीमा नहीं जानता. सिर्फ यूनिफॉर्म, यूनिफाइड और ज़ीरो टॉलरेंस की नीति से ही आतंकवाद को हराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लंबे समय से आतंकवाद का असर गरीबों और स्थानीय अर्थव्यस्था पर पड़ रहा है. चाहे वो पर्यटन हो या कारोबार, कोई भी व्यक्ति उस इलाके को पसंद नहीं करता है, जहां लगातार आतंकवाद का खतरा बना रहता है. इससे लोगों की रोजी-रोटी छिन रही है. आतंकवाद के खिलाफ एक्शन की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर प्रधानमंत्री ने दोहराया और कहा, ‘हम तब तक चैन से नहीं बैठ सकते जब तक आतंकवाद को जड़ से ना उखाड़ फेंके.’
अपनी सुविधा के हिसाब से आतंकवाद को गुड टेररिज़्म और बैड टेररिज़्म की कैटेगरी में बांटने वाले देशों का नाम लिए बिना प्रधनमंत्री ने कहा कि आज की दुनिया में किसी को भी आतंकवाद के खतरे के बारे बताने की जरूरत नहीं है फिर भी कुछ हिस्सों में आतंकवाद को लेकर कुछ गलत धारणाएं हैं. अलग-अलग आतंकवादी घटनाओं पर लोगों की प्रतिक्रिया घटनाएं कहां हुई हैं, इस आधार पर होती हैं. जबकि सभी आतंकी वारदातों के खिलाफ कार्रवाई और विरोध एक जैसा ही होना चाहिए. कई बार तो आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को रोकने या रुकवाने के लिए आतंकवाद के समर्थन में तरह-तरह के तर्क गढ़े जाने लगते हैं.
सम्मेलन में नाम लिए बिना प्रधानमंत्री मोदी ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान को भी घेरा. उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों को अलग-अलग जगहों से पैसे मिलते हैं, ये हम सभी जानते हैं. टेरर फंडिंग का एक स्रोत देशों का समर्थन भी है. कुछ देशों की तो विदेश नीति में ही आतंकवाद का समर्थन करना शामिल है. ये देश आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों की राजनीतिक, वैचारिक और आर्थिक मदद करते हैं. अंतरराष्ट्रीय संगठनों को ये नहीं मानना चाहिए कि युद्ध नहीं होने का मतलब शांति है. पीएम मोदी ने आतंकवाद को प्रॉक्सी युद्ध करार देते हुए कहा कि ये भी उतना ही खतरनाक और हिंसक है जितना कोई युद्ध. आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को दंडित किया जाना चाहिए. साथ ही ऐसा करने वाले संगठनों और व्यक्तियों को अलग-थलग किया जाना चाहिए.
टेरर फंडिंग में संगठित अपराध भी एक बड़ा स्रोत है. प्रधानमंत्री ने इसका जिक्र करते हुए कहा कि संगठित अपराधों को भी इससे अलग नहीं देखा जाना चाहिए. इन गैंग्स का भी आतंकवादी संगठनों से गहरा रिश्ता है. गैंग्स की कमाई, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी से आने वाला पैसा आतंकवाद के प्रचार-प्रसार में झोंका जाता है. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संगठित अपराध पर कार्रवाई भी बेहद जरूरी है.
तकनीक के मौजूदा दौर में आतंकवादी गतिविधियां भी बदल रही हैं. दिन-ब-दिन बढ़ती तकनीक चुनौती भी है और समाधान भी. आतंकवादी संगठन फंडिंग और नए आतंकवादियों की भर्ती के लिए नई-नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. टेरर फंडिंग के खिलाफ शुरू हुए दो दिन के इस महाकुंभ में चार अलग-अलग सत्रों में इससे जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा होगी. पहले सत्र में टेरर फंडिंग के नए तौर तरीकों पर ब्रेन स्टोर्मिंग होगी. जिसमें टेरर फंडिंग के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के इस्तेमाल जैसी चिंताएं भी शामिल हैं. NIA के महानिदेशक दिनकर गुप्ता कहते हैं- ‘टेरर फंडिंग के लिए अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का भी इस्तेमाल हो रहा है और हमारे पास इसके सबूत भी हैं. क्रिप्टोकरेंसी और क्राउडफंडिंग से आतंकवाद को पालने-पोसने और सोशल मीडिया की कमजोर मॉनिटरिंग जैसे विषय बेहद चिंताजनक हैं. सम्मेलन में इनपर भी चर्चा होगी.’ दूसरे सत्र में टेरर फंडिंग में शामिल औपचारिक और अनौपचारिक वित्तीय संगठनों पर चर्चा है. जबकि तीसरे में टेरर फंडिंग्स को रोकने की तकनीक पर व्यापक चर्चा का प्रस्ताव है. चौथे सत्र में टेरर फंडिंग को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर चर्चा होगी.
(डिस्क्लेमर- ये लेखक के निजी विचार हैं.)
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Tags: India pakistan, PM Modi, TerrorismFIRST PUBLISHED : November 18, 2022, 14:37 IST