खजुरबानी कांड याद कर सिहर उठते हैं लोग शराब की घूंट से अंधकार में डूबा परिवार

Gopalganj Latest News: खजुरबानी शराब कांड बिहार में अप्रैल- 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के 3 महीने बाद ही 15-16 अगस्त की रात हुई थी. उस स्याह रात को आज भी कई परिवार याद कर सिहर जाता है.

खजुरबानी कांड याद कर सिहर उठते हैं लोग शराब की घूंट से अंधकार में डूबा परिवार
हाइलाइट्स गोपालगंज के खजुरबानी में हुए जहरीली शराब कांड ने कई परिवारों को तबाह कर दिया. इसी त्रासदी में अनिल राम की मौत हो गई और उनके परिवार की जिंदगी पूरी तरह बदल गई. अब अनिल राम की पत्नी अमृता के पिता रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. गोविंद कुमार/गोपालगंज. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद गोपालगंज के खजुरबानी में हुए जहरीली शराब कांड ने कई परिवारों को तबाह कर दिया. इसी त्रासदी में अनिल राम की मौत हो गई, और उनके परिवार की जिंदगी पूरी तरह बदल गई. अनिल राम, जो कभी अपने परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहे थे, जहरीली शराब पीने के कारण अपनी जान गंवा बैठे. उनके ससुर बंधु राम की भी इस घटना में दोनों आंखों की रोशनी चली गई. सरकार ने अनिल राम के परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा दिया, लेकिन उनकी पत्नी अमृता देवी की रीढ़ की हड्डी टूटने के कारण यह राशि उनके इलाज में खत्म हो गई. अब परिवार की जिम्मेदारी अमृता के पिता के कंधों पर है, जो रिक्शा चलाकर छोटे-छोटे बच्चों और बेटी का भरण-पोषण कर रहे हैं. खजुरबानी शराब कांड बिहार में अप्रैल- 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के 3 महीने बाद ही 15- 16 अगस्त की रात हुई थी. उस स्याह रात को आज भी कई परिवार याद कर सिहर जाता है. दर्द में डूबा परिवार अनिल राम की पुत्री मुस्कान कुमारी कहती हैं, “हमारे पापा ने हमें छोड़ दिया. हम कभी भी इस दर्द को भूल नहीं सकते.” अमृता की छोटी बहन निशा कुमारी बताती हैं कि शराबबंदी कानून के बावजूद जहरीली शराब की उपलब्धता ने उनके परिवार को बर्बाद कर दिया. वहीं, अमृता देवी ने सरकार और समाज से अपील की है कि लोग नशे से दूर रहें और सरकार शराबबंदी कानून को और सख्ती से लागू करे. 19 घरों में बुझ गए चिराग अनिल राम का परिवार अकेला नहीं है. खजुरबानी जहरीली शराब कांड ने गोपालगंज के 19 घरों में मौत का मातम ला दिया था. इन परिवारों ने अपने अपनों को खोने का दर्द झेला है. अब ये परिवार नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं और समाज को शराब से दूर रहने का संदेश दे रहे हैं. खजुरबानी कांड के बाद भी हो रही बिक्री यह घटना न केवल शराबबंदी कानून की विफलता को उजागर करती है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि आखिर क्यों जहरीली शराब का कारोबार अब भी फल-फूल रहा है. खजुरबानी कांड के बाद शराब के धंधे बंद नहीं हुए और उसके बाद महम्मदपुर, विजयीपुर और बैकुंठपुर में भी जारी शराब कांड हुआ. पीड़ित परिवार आज भी न्याय और अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं. Tags: Bihar Liquor Smuggling, Gopalganj Police, Poisonous liquor caseFIRST PUBLISHED : January 3, 2025, 10:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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