प्लीज मुझे भारत वापस बुला लीजिएविदेश गए बेटे की पुकार पर पिता लगा रहे गुहार
प्लीज मुझे भारत वापस बुला लीजिएविदेश गए बेटे की पुकार पर पिता लगा रहे गुहार
Gopalganj News: गृह विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक गोपालगंज जिले के करीब 47 युवक अलग-अलग देशों में फंसे हैं, जहां उनसे साइबर फ्रॉड का काम लिया जा रहा है. इस पूरे खेल में पाकिस्तान और चीन के साइबर अपराधियों का हाथ होने की बात सामने आयी है. जिसकी जांच एनआइए और इओयू की टीम कर रही है.
हाइलाइट्स टूरिस्ट वीजा पर कंबोडिया, थाइलैंड, म्यांमार और लाओस जाकर फंसे युवक. साइबर फ्रॉड के साथ ही करवाया जा रहा गलत काम, 47 युवक विदेश में फंसे.
गोपालगंज. बिहार के युवाओं को टूरिस्ट वीजा पर कंबोडिया, थाइलैंड, म्यांमार और लाओस में भेजकर साइबर फ्रॉड का गलत काम कराया जा रहा है. विशेष रूप से कंप्यूटर प्रशिक्षित युवाओं को एजेंट विदेश भेजते हैं और साइबर ठगी का गोरखधंधा करवा रहे हैं. इसका विरोध करने पर उन्हें यातनाएं दी जा रहीं. एक बेबस पिता अपना दर्द बयां करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार से गुहार लगा रहे हैं. बेबस बच्चों के पिता हैं, जो म्यामार में साइबर अपराधियों के जाल में फंसे हैं…बेटे और भतीजे को वतन वापसी कराने के लिए गुहार लगा रहे हैं कि किसी तरह उनके बेटे को वापस लाया जाए.
दरअसल, मीरगंज थाना क्षेत्र के फतेहपुर गांव के रहनेवाले रौशन अली का कहना है कि उनके पुत्र वाहिद रौशन और भतीजा मो. साउद अली को विदेश भेजा गया जहां ये फंस गए हैं. पीड़ित का कहना है कि इन दोनों को यूपी के प्रयागराज के एजेंट सुदरजीत कुमार यादव ने दिल्ली से थाईलैंड के मॉल में काम करने के लिए 26 अक्टूबर 2024 को भेजा था. उन्होंने आगे बताया कि इन दोनों को टूरिस्ट वीजा पर इंटरव्यू देकर थाइलैंड गये, जहां एयरपोर्ट पर उतरते ही पाकिस्तान के एजेंट मुंसिफ ने रिसीव किया और नदी के रास्ते मोटरबोट से म्यांमार पहुंचा दिया. वहां पहले पहले पाकिस्तान, चीन, नेपाल और दूसरे देश के युवा साइबर फ्रॉड के धंधे में लगे हुए थे. आरोप है कि 7 हजार यूएस डॉलर (भारतीय करेंसी छह लाख से अधिक) में इन युवकों को एजेंट ने चीन और पाकिस्तान के साइबर अपराधियों को बेच दिया है.
रौशन और साउद ने किसी तरह से छिपकर एक वीडियो बनाया और उसे भेजकर सरकार और प्रशासन से मदद के लिए गुहार लगायी. युवकों ने वीडियो में लोकेशन दिखाया और बताया कि कंप्यूटर के काम में यूपी के एजेंट ने भेजा था, लेकिन जाने के बाद साइबर फ्रॉड के काम में लगा दिया गया. विरोध करने पर यातनाएं दी जा रहीं हैं. प्लीज, मुझे यहां से भारत वापस बुला लीजिए. रौशन और वाहिद की तरह हथुआ थाना क्षेत्र का शुभम कुमार भी एजेंट के झांसे में आकर कंबोडिया जाकर फंस गया था और साइबर फ्रॉड के लिए दबाव बनाया गया. लेकिन वह भागकर भारतीय दूतावास पहुंच गया. दूतावास की मदद से घर पहुंच चुका है. रौशन अली के पुत्र वाहिद रौशन और भतीजा मो. साउद अली विदेश जाकर फंस गए हैं. गम में डूबे परिजन.
शुभम कुमार ने इस मामले में साइबर थाने में पांच लोगों पर एफआइआर दर्ज करायी है. इसने पुलिस को बताया कि उसे एजेंट के द्वारा 70 हजार रुपये प्रतिमाह की सैलरी पर मॉल में काम करने के लिए भेजा गया था. लेकिन, थाइलैंड जाने के बाद वहां से कंबोडिया ले जाया गया, जहां साइबर फ्रॉड के काम में लगा दिया गया था. विरोध करने पर बिजली करंट के झटके दिये जा रहे थे, किसी तरह से भागकर दूतावास पहुंचा, जिसके बाद वापस घर लौटा. शुभम ने कहा कि उनके तरह बिहार के कई युवा साइबर ठगों के जाल में फंसे थे. शुभम ने बताया कि कोविड में पिताजी का निधन हो गया था. आर्थिक स्थिति खराब होने पर दूसरे देश में जाना पड़ा. हालांकि, इस केस की जांच के लिए एनआइए गोपालगंज पहुंची थी, जिसमें कई ठिकानों पर छापेमारी की गयी और दस्तावेज बरामद किये.
एनआइए के साथ अब बिहार पुलिस की एजेंसी इओयू इस केस की जांच कर रही है. ये सिर्फ रौशन और वाहिद अली की कहानी नहीं है, बल्कि इनके तरह गोपालगंज के 47 युवक म्यामार, थाईलैंड, कंबोडिया में फंसे हुए हैं. वतन वापसी के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) और आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की टीमें इसकी जांच कर रही है.
Tags: Bihar latest news, Gopalganj newsFIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 10:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed