क्या डबल बिजली बिल वसूल रही है केजरीवाल सरकार सच्चाई जानकर सिर जाएगा चकरा

दिल्ली में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ कांग्रेस और बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है. कल बीजेपी ने बिजली की बढ़ी हुई दरों को लेकर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया. बुधवार को कांग्रेस की बारी थी. कांग्रेस ने भी केजरीवाल सरकार पर बिजली कंपनियों से साठगांठ का आरोप लगाया.

क्या डबल बिजली बिल वसूल रही है केजरीवाल सरकार सच्चाई जानकर सिर जाएगा चकरा
नई दिल्ली. दिल्ली में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने मोर्चा खोल दिया है. कल बीजेपी ने बिजली की बढ़ी हुई दरों को लेकर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया. बुधवार को कांग्रेस की बारी थी. दिल्ली कंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने बुधवार को पूरे दिल्ली में 55 से भी अधिक मुख्य चौराहों और चर्चित भीड़भाड़ वाली जगहों प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार बिजली कंपनियों को निजी फायदा पहुंचाने के लिए बिलों पर पीपीएसी शुल्क में लगभग 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि 2015 से 2020-21 तक 5 वर्ष में उपभोक्तओं को 200 यूनिट के अंतर्गत 11, 743 करोड़ सब्सिडी देकर की छूट दी गई. इस दौरान केजरीवाल सरकार ने बिलों पर पीपीएसी, पेन्शन, फिक्स चार्ज, सरचार्ज, बिजली, रेगुलेटरी चार्ज आदि के रुप में 37 हजार 227 करोड रुपये की लूट की. बंद पड़े मकानों, व्यापारिक संस्थानों के भी बिजली के बिल सरजार्च लगाकर आ रहे हैं, जो उपभोक्ताओं के साथ नाइंसाफी है. बिजली बिल को दिल्ली में महाभारत यादव ने आगे कहा, खपत के कहीं ज्यादा बिजली के बिल लोगों को मिल रहे हैं और कांग्रेस के समय औसतन प्रति यूनिट लगभग 5 रुपये प्रति यूनिट था, जो हाफ बिल के अनुसार अब 2.50 होना चाहिए था. जिसको केजरीवाल सरकार उपभोक्ताओं से औसतन प्रति यूनिट 10 रुपये वसूल रही है, जो मध्यम वर्ग, छोटे दुकानदारों, लघु उघोग, औद्योगिक इकाईयों और व्यवसायिक संस्थानों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा. कांग्रेस का कहना है कि इससे राजधानी में रिहायशी और व्यवसायिक क्षेत्र में बिजली सबसे महंगी हो गई है. यादव ने कहा कि दिल्लीवालों से बिजली बिलों को हाफ करने का वादा किया था परंतु जो बिल हाफ होने थे वो दुगने हो गए हैं. सरकार पिछले 10 वर्षों से बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है और जुलाई, 2022 में 6 प्रतिशत, जून 2023 में 10 प्रतिशत और अब 2024 में बिजली बिल पर पीपीएसी सरचार्ज में 9 प्रतिशत की वृद्धि करके दिल्ली की जनता की कमर तोड़ दी है. जहां 2015 में बिजली बिल पर पीपीएसी शुल्क 1.7 प्रतिशत था, वह 8.7 प्रतिशत के बाद 46 प्रतिशत पीपीएसी हो गया है. ये भी पढ़ें: बिल्डिंग के बेसमेंटे में खेल रहे थे बच्चे, अचानक दिखा किंग कोबरा, एक दिलेरी ने बचा ली सबकी जान बीजेपी ने भी केजरीवाल सरकार पर बिजली पर लगने वाले टैक्स में इजाफा कर दिल्लीवालों को अतिरिक्त भार देने का आरोप लगाया है. बीजेपी भी बढ़ी हुई बिजली की दरों को लेकर सड़कों पर उतर आई है. रोहिणी से बीजेपी के विधायक विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि केजरीवाल सरकार एक तरफ बिजली के दाम बढ़ा रही है और दूसरी तरफ उनके नेता दिल्लीवालों को गुमराह कर रही है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसके लिए जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने डीआरसी को एक तरह से बंधक बना लिया है. डीआरसी पूरी तरह से अरविंद केजरीवाल के इशारों पर चल रही है. Tags: BJP, Congress, Delhi, Delhi CM Arvind Kejriwal, Electricity billFIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 20:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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