गलती से पास कर ली UPSC परीक्षा 21 साल तक की सरकारी नौकरी दे दिया इस्तीफा
गलती से पास कर ली UPSC परीक्षा 21 साल तक की सरकारी नौकरी दे दिया इस्तीफा
UPSC Success Story: जी हां, आपने सही पढ़ा. कभी-कभी कुछ न चाहते हुए भी बहुत कुछ मिल जाता है. यह कहानी भी एक ऐसी ही महिला की है. उनके साथ भी यही हुआ. कॉलेज के दिनों में उन्हें न बहुत ज़्यादा पढ़ाई की चिंता थी और न ही करियर बनाने की, लेकिन संगत ऐसी मिली कि दोस्तों की देखा-देखी संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का फॉर्म भर दिया. उन्हीं दोस्तों के साथ पढ़ाई करने लगीं और इत्तेफाक से वह UPSC परीक्षा में पास भी हो गईं.
UPSC Success Story: गलती से यूपीएससी पास होने के बाद जब कैडर IPS मिला, तो घर वालों ने सलाह दी कि IPS मत बनो, कुछ और देख लो. ऐसे में उन्होंने ऑडिट विभाग का चुनाव किया. कई पदों पर रहने के बाद जब उन्हें शिक्षा की अहमियत समझ आई, तो उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर बच्चों को पढ़ाने का फैसला लिया. यह कहानी है रत्ना विश्वनाथन की. रत्ना इन दिनों देश भर के अलग-अलग राज्यों में सरकारी स्कूलों के बच्चों को पढ़ाने और मजेदार तरीके से शिक्षा देने का काम कर रही हैं. वह ‘रीच टू टीच’ संस्था के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, मेघालय, हरियाणा जैसे राज्यों के सरकारी स्कूलों में काम कर रही हैं. उनकी यह यात्रा भी काफी रोचक है. रत्ना मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली हैं, लेकिन उनके पिताजी व्यापार के सिलसिले में लखनऊ आए, तब से उनका परिवार लखनऊ का ही हो गया. लिहाजा, उनकी पढ़ाई-लिखाई भी यहीं से हुई.
कैसे पास की UPSC परीक्षा
रत्ना विश्वनाथन ने कभी सोचा भी नहीं था कि वह संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) जैसी कठिन परीक्षा पास कर पाएंगी. बात तब की है, जब वह लखनऊ यूनिवर्सिटी में अंग्रेज़ी साहित्य से एमए कर रही थीं. पढ़ाई को लेकर रत्ना बहुत अधिक गंभीर नहीं थीं, लेकिन उन्हें ऐसे दोस्तों का साथ मिला, जो पढ़ाई करते थे. इसी दौरान उनमें से कुछ ने UPSC की परीक्षा देने का निर्णय लिया. जब उनके दोस्तों ने फॉर्म भरा, तो रत्ना ने भी इसके लिए आवेदन कर दिया. रत्ना कहती हैं कि 1987 में न तो इतने कोचिंग संस्थान थे और न ही लोगों में पढ़ाई पर खर्च करने की क्षमता. ऐसे में हम सभी दोस्त एक जगह बैठकर एक दूसरे से चर्चा करते थे और समूह अध्ययन (ग्रुप स्टडी) करते थे, लेकिन जब UPSC की परीक्षा दी, तो प्री में मेरा सेलेक्शन हो गया. जिसके बाद वह सीरियस हो गईं और मेंस इंटरव्यू की तैयारी ऐसी की कि सफलता मिल ही गई. फाइनल सेलेक्शन हुआ तो उन्हें IPS कैडर मिल गया.
पापा की सलाह ने बदल दी दिशा
रत्ना कहती हैं कि उनके पापा ने उन्हें सलाह दी कि वह IPS बनने का चुनाव न करें, बल्कि किसी और सेवा में जाएं. घरवालों का मानना था कि रत्ना पुलिस विभाग में फिट नहीं बैठ पाएंगी. इसके बाद रत्ना ने भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा (IAAS) में जाने का फैसला लिया. बता दें कि भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा एक ग्रुप ए सेवा है, जो भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के अधीन आती है. रत्ना ने ऑडिट, रक्षा मंत्रालय और भारतीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जैसे विभिन्न विभागों में 21 साल तक काम किया.
Success Story: पहले मां ने पास की UPSC परीक्षा, बीच में छोड़ी नौकरी, दोनों बेटियों को भी बना दिया IAS अफसर
2008 में छोड़ दी नौकरी
रत्ना कहती हैं कि इतना सब कुछ होने के बाद भी उन्हें लगता था कि उन्हें समाज के लिए कुछ काम करना चाहिए. इसलिए उन्होंने 2008 में सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और VRS ले लिया. इसके बाद वह कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ जुड़कर सामाजिक बदलाव (सोशल चेंज) के लिए काम करने लगीं. उन्होंने करीब चार साल तक ऑक्सफैम इंडिया की ऑपरेशंस डायरेक्टर के रूप में काम किया. इसके अलावा, उन्होंने कई NGO के साथ भी काम किया. रत्ना ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के साथ भी काम किया. 2020 से वह ‘रीच टू टीच’ की सीईओ के रूप में स्कूली बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रही हैं. वह कहती हैं कि देश में सबसे अधिक बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं. ऐसे में वहां शिक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत है इसलिए वह उन्हीं स्कूलों के लिए काम कर रही हैं.
IPS Story: जिसे कहते हैं आईपीएस की फैक्ट्री, कौन बना वहां का चीफ? किसके पास रहेगा देश भर के क्राइम का हिसाब?
Tags: Education, Education news, Success Story, UPSC, Upsc exam, UPSC Exams, Womens Success StoryFIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 15:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed