पौधे देखकर ही भाग जाते हैं आवारा पशु और कीड़े हर साल होगी छप्परफाड़ कमाई
पौधे देखकर ही भाग जाते हैं आवारा पशु और कीड़े हर साल होगी छप्परफाड़ कमाई
मेंथा एक ऐसी फसल है जो किसान को खरीफ और रवी के बीच के समय का भारपाई कर देती है. खास बात ये है कि इसकी खेती में आवारा पशुओं और किसी प्रकार की बीमारी का खतरा नहीं रहता है.
बलिया: अगर आप किसान हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद अहम है. दरअसल आज हम बात करने जा रहे हैं मेंथा की खेती के बारे में. जिसको लोग पिपरमेंट के नाम से भी जानते हैं. इसको एक तरह से पुदीना भी बोलते हैं. दरअसल ये पुदीने के ही परिवार का एक पौधा है. मेंथा की खेती से आजकल किसान लखपति बन रहे हैं. उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर इसकी खेती हो रही है.
मेंथा एक ऐसी फसल है जो किसान को खरीफ और रवी के बीच के समय का भारपाई कर देती है. खास बात ये है कि इसकी खेती में आवारा पशुओं और किसी प्रकार की बीमारी का खतरा नहीं रहता है. आइए जानते हैं इसकी खेती को लेकर कृषि विशेषज्ञ प्रो. अशोक कुमार सिंह ने क्या कुछ कहा…
तेल काफी महंगे..
श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन विभाग के एचओडी प्रो. अशोक कुमार सिंह ने लोकल 18 को बताया कि निश्चित रूप से मेंथा की खेती कर किसान मालामाल बन सकते हैं. इसके तेल काफी महंगे और सुगंधित होते हैं.
ऐसे करें मेंथा की खेती, पशु और बीमारी का डर नहीं…
मेंथा के छोटे-छोटे पौधे होते हैं उनको कट करके नर्सरी तैयार किया जाता है, और नर्सरी को जैसे धान की रोपाई होती है उसी प्रकार इसकी रोपाई कर दी जाती है. लगभग 3 महीने में मेंथा पूरी तरह से तैयार हो जाता है. खास तौर से मेंथा में हफ्ता में एक बार सिंचाई जरूर करनी चाहिए. एक बीघा में मेंथा से कम से कम 12 से 15 लीटर तेल निकल जाता है. बलिया में भी किसान मेंथा की खेती प्रचुर मात्रा में कर रहे हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें किसी प्रकार की बीमारी नहीं लगती है, और कोई पशु भी नहीं खाता है क्योंकि यह बहुत महकता है.
इस पर ध्यान दें…
प्रो. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि हेवी मेटल और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स इसके तेल के गुण को और बढ़ाते हैं. क्रोमियम, लेड और कैडमियम (chromium, lead & cadmium) का इस पर छिड़काव करने से गुणवत्ता काफी बढ़ती है. जैसा कि हम लोगों ने सन 2005, 2006 और 2007 के रिसर्च में पाया है.
बेहद महत्वपूर्ण और शानदार है मेंथा ऑयल…
इसके हरे पौधों से तेल निकाला जाता है. जिसे सुगंधित तेल (aromatic oil) के नाम से जानते हैं. यह तेल एक तरह से कहा जाए तो बहु उपयोगी है. इसकी तमाम दवाइयां बनाई जाती हैं. जो हम माउथ फ्रेशनर प्रयोग करते हैं उसमें भी मेंथा का यूज होता है. मेंथा का क्रिस्टल ठंडक देने वाले तेल में उपयोग किए जाते हैं.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : July 4, 2024, 11:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed