इंजीनियर बनने का टूटा सपना तो युवक ने शुरू की यह खेती आज कमा रहा लाखों

अजय आकाश बताते हैं कि उन्होंने कृषि वैज्ञानिक विनय वर्मा की सलाह पर अपनी पुश्तैनी 5 एकड़ जमीन पर बागवानी यानी की तरबूज की खेती शुरू कर दी. जिससे वह अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

इंजीनियर बनने का टूटा सपना तो युवक ने शुरू की यह खेती आज कमा रहा लाखों
सौरभ वर्मा/रायबरेली: रायबरेली जनपद के रहने वाले एक युवक का सपना था कि वह इंजीनियर बन देश सेवा करेगा. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. काफी कोशिश करने के बाद भी उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ ऐसा कर दिखाया कि जो युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं. दरअसल, यह कहानी है रायबरेली जनपद के जगतपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत तिवारीपुर गांव के रहने वाले अजय आकाश सिंह की है. जो बैंकिंग के क्षेत्र में इंजीनियर बनना चाहते थे. जिसके लिए उन्होंने राजकीय पॉलिटेक्निक ललितपुर से वर्ष 2013 में पीजीडीए (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन अकाउंटेंसी) की डिग्री हासिल की. उसके बाद 5 वर्ष तक नौकरी की तलाश करते रहे. जब उन्हें नौकरी नहीं मिली फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ अलग करने के बारे में सोचा. तरबूज की खेती कर कमा रहा बंपर मुनाफा फिर अजय आकाश ने खेती किसानी की ओर रुख किया. परंतु वह परंपरागत फसलों से इतर कुछ अलग करना चाह रहे थे. जिसके लिए वह कृषि उपनिदेशक कार्यालय रायबरेली गए. जहां पर उनकी मुलाकात कृषि वैज्ञानिक विनय वर्मा से हुई, तो उन्होंने इन्हें बागवानी की खेती करने की जानकारी दी और बताया कि इस खेती में कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. उन्हीं की सलाह मानकर उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन पर बागवानी की खेती यानी तरबूज की खेती शुरू कर दी. जिससे अब वह कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. 5 एकड़ जमीन पर कर रहे खेती अजय आकाश बताते हैं कि उन्होंने कृषि वैज्ञानिक विनय वर्मा की सलाह पर अपनी पुश्तैनी 5 एकड़ जमीन पर बागवानी यानी की तरबूज की खेती शुरू कर दी. जिससे वह अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. वह कहते हैं कि नौकरी से ज्यादा मुनाफा तो खेती में है. अजय 5 वर्षों से बागवानी की खेती कर रहे हैं. प्रयागराज तक है इनके तरबूज की मांग लोकल 18 से बात करते हुए प्रगतिशील युवा किसान अजय आकाश सिंह बताते हैं कि खेतों में तैयार तरबूज की फसल को वह रायबरेली, प्रयागराज, फैजाबाद, प्रतापगढ़, लखनऊ के बाजारों में बिक्री के लिए भेजते हैं. जहां से उन्हें अच्छा मुनाफा मिल जाता है. आगे की जानकारी देते हुए बताते हैं कि इस खेती में एक एकड़ में लगभग 50 से 60 हजार रुपए की लागत आती है. तो वही सीजन में 7 से 8 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है. अब वह कहते हैं कि इंजीनियर नहीं बना तो क्या हुआ, उससे ज्यादा कमाई वह कर रहे हैं. आज उन्हें किसी के दबाव में काम ही नहीं करना पड़ता है. यहां हम खुद अपनी मर्जी के मालिक हैं. . Tags: Hindi news, Local18, Success StoryFIRST PUBLISHED : April 29, 2024, 14:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed