मिलिए बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमन सनोबर पारदीवाला से 12 साल की उम्र से कर रही हैं स्टंट
मिलिए बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमन सनोबर पारदीवाला से 12 साल की उम्र से कर रही हैं स्टंट
2003 में उर्मिला मातोंडकर की फिल्म ‘भूत’ में उन्हें काम करने का मौका मिला था. हालांकि, इससे पहले वह ऐश्वर्या राय के लिए बॉडी डबल कर चुकी थीं. उनका पहला प्रोजेक्ट नक्षत्र डायमंड के लिए किया गया एक विज्ञापन था.
एक्शन फिल्म. इसकी अपनी ऑडियंस है. बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, साउथ की फिल्म हो या किसी दूसरे देश की. फिल्मों में स्टंट का अलग ही क्रेज है. लेकिन, स्टंट के नाम पर ज्यादातर लोगों को हीरो या स्टंटमैन ही याद आते हैं. लेकिन, इस स्टीरियोटाइप को तोड़ती दिखती हैं, बॉलीवुड की स्टंट वुमन सनोबर पारदीवाला. वह 12 साल की उम्र से स्टंट कर रही हैं और अब तक 200 से ज्यादा फिल्मों में स्टंट कर चुकी हैं. उनकी अपनी मेहनत रहती है जिससे एक बेहतरीन एक्शन सीन क्रिएट होता है. लेकिन, कई बार हम उन फीमेल एक्टर्स की तारीफ में स्टंट वुमन को याद करना भूल जाते हैं.
35 वर्षीय सनोबर पारदीवाला ने बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमन के तौर पर अपनी पहचान बनाई. मुंबई में ही पली बढ़ी सनोबर 12 साल की उम्र से ही स्टंट कर रही हैं. वह छोटी सी उम्र से ही लाइट, कैमरा और एक्शन की दीवानी हैं. 12 साल की उम्र में ही वह कराटे में ब्लैक बेल्ट हासिल कर चुकी थीं. इसके साथ ही वह बचपन से एक बहुत अच्छी तैराक भी रही हैं.
‘एहसास हुआ कि स्टंट मेरे लिए ही है’
न्यूज 18 से बात करते हुए उन्होंने अपने इस सफ़र से जुड़ी कई सारी बातें साझा कीं. पहली बार सेट पर स्टंट करने का अनुभव साझा करते हुए वह बताती हैं, ‘मुझे सेट पर पहली बार कैमरे के सामने करतब करने में अलग सा जुड़ाव महसूस हुआ. एहसास हुआ कि स्टंट मेरे लिए ही है.’ बता दें कि बॉलीवुड में उन्होंने अपनी धमाकेदार एंट्री की थी. 2003 में उर्मिला मातोंडकर की फिल्म ‘भूत’ में उन्हें काम करने का मौका मिला था. हालांकि, इससे पहले वह ऐश्वर्या राय के लिए बॉडी डबल कर चुकी थीं.
उनका पहला प्रोजेक्ट नक्षत्र डायमंड के लिए किया गया एक विज्ञापन था. इसके बाद सनोबर ने दोबारा कभी अपनी ज़िंदगी में पीछे मुड़ कर नहीं देखा. अब उन्हें इस इंडस्ट्री में 20 से भी अधिक साल हो चुके हैं. इस दौरान उन्होंने आग में कूदने से लेकर पानी में डूबने तक के सारे करतब किए हैं. अब तो उन्होंने शूटिंग के दौरान इस्तेमाल की गई राइफल और बंदूकों को चलाने का भी गहन प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है.
हुनर और कला की कोई सीमा नहीं
वह कहती हैं कि कला और हुनर की कोई सीमा नहीं होती है. वह स्टंट वुमन के साथ-साथ एक ट्रेनर भी हैं. उन्होंने बॉलीवुड की कई हीरोइनों को स्टंट करने के लिए प्रशिक्षित भी किया है. इस लिस्ट में हुमा कुरैशी और नंदिता दास जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं. आपको बात दें कि सनोबर एक इंटीरियर डिजाइनर भी हैं और शूटिंग के साथ -साथ वो इंटीरियर डिज़ाइनिंग के काम को भी जारी रखती हैं.
वह बताती हैं, ‘अपने शरीर को फुर्तीला बनाए रखने के लिए मैं रोज़ाना 5 घंटे प्रैक्टिस करती हूं. शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखना उतना ही ज़रूरी है. इसमें इंटीरियर डिज़ाइनिंग काफ़ी कारगर साबित होती है.’ वह कहती हैं कि स्क्रीन पर दिखाए गए करतब से असल में किया गया उनका अभ्यास 10 गुना ज़्यादा मुश्किल होता है.
बचपन की यादें
सनोबर अपने बचपन का एक दिलचस्प किस्सा बताती हैं. उनके परिवार वाले ये सुनकर दंग रह गए थे कि वह स्टंट करना चाहती हैं. उन्होंने इस बात को मज़ाक समझ कर टाल दिया और एक शौक की तरह सनोबर को कुछ वक़्त तक स्टंट सीखने दिया. लेकिन जैसे- जैसे वो ट्रेनिंग के साथ अपने हुनर को तराशती गईं उनके घरवालों ने उन्हें उनके सपनों की उड़ान भरने की इजाज़त दे दी.
बदलते हालात
सनोबर कहती हैं कि जब उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की तब इस क्षेत्र में ज़्यादा महिलाएं नहीं थीं. पर्दे पर तो फिर भी महिलाएं दिखती थीं, लेकिन पर्दे के पीछे महिलाओं की संख्या काफ़ी कम थी. लेकिन अब वक़्त के साथ हालात बदल रहे हैं ज़्यादा महिलाएं न होने के बावजूद उनका सफर काफ़ी अच्छा रहा है. हालांकि शुरुआती दिनों में कई बार लोग उनसे स्टंट कराने में संशय में रहते थे. लेकिन धीरे-धीरे अपने हुनर से उन्होंने अपनी जगह बनाई. कुछ उतार चढ़ाव के बावजूद वह कहती हैं कि वो अपने इस सफर से बेहद खुश हैं और इंडस्ट्री में सबकी काफ़ी इज़्ज़त करती हैं क्योंकि वो हमेशा से एक स्टंट वुमन बनना चाहती थीं.
वह बताती हैं कि पिछले 20 सालों में बॉलीवुड में काफ़ी बदलाव आए हैं. नई-नई तकनीक आई हैं. उपकरणों में बदलाव आए हैं. नई तकनीकों के कार्यान्वयन से स्टंट करने का माहौल भी काफ़ी परिवर्तित हुआ है. पहले स्टंट करने में थोड़ा डर भी लगता था. लेकिन अब इंडस्ट्री में इतनी तकनीक आ गई है कि जोखिम काफ़ी हद तक कम हो गए हैं. स्टंट करने से पहले पूरी टीम कलाकार की सुरक्षा सुनिश्चित करती है.
मिले हैं कई सारे पुरस्कार
उन्हें उनके काम और निष्ठा के लिए सिर्फ 24 साल की उम्र में दरबशाव लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाज़ा गया था. उन्हें ये अवॉर्ड बॉलीवुड में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 2010 में दिया गया था. सनोबर के मुताबिक, उनको यह पुरस्कार उनके स्कूल प्रिंसीपल के साथ दिया गया था, जिससे उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. उसके बाद सनोबर ने और भी कई पुरस्कार अपने नाम किए हैं. उनके साहसिक स्टंट को कई बार वर्ल्ड स्टंट अवार्ड्स ने भी सराहा और नामांकित किया. 21 साल की उम्र से ही वो तौरस वर्ल्ड स्टंट अवॉर्ड के लिए कई बार नामांकित हुई हैं.
आपको बता दें कि उनका आखिरी प्रोजेक्ट ओम फिल्म थी. वह अभी भी कई सारे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं. वह कहती हैं, “मैं हमेशा स्टंट करते रहना चाहूंगी, क्योंकि मुझे इससे बहुत खुशी मिलती है.”
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