बच्‍चे को लग गई मोबाइल फोन की लत डॉ ने बताए 5 आसान टिप्‍स कमाल का होगा असर

How to stop phone addiction for kids: अक्‍सर बच्‍चों को बिजी रखने के लिए माता-पिता की बच्‍चों को स्‍मार्टफोन या मोबाइल फोन पकड़ा देने की आदत अब बच्‍चों के लिए लत बन गई है. जिसका भारी नुकसान बच्‍चों को हो रहा है. आइए जानते हैं आपके बच्‍चे को भी फोन की आदत पड़ गई है तो उसे कैसे छुड़ाएं.

बच्‍चे को लग गई मोबाइल फोन की लत डॉ ने बताए 5 आसान टिप्‍स कमाल का होगा असर
How get rid of Smartphone addiction in children: आजकल बच्चे मोबाइल फोन, इंटरनेट, सोशल मीडिया और रील्‍स के इतने आदी हो गए हैं कि उन्हें इनसे दूर रखना माता-पिता के लिए बड़ा चैलेंज बन गया है. चाहे पढ़ाई हो या मनोरंजन, बच्चे हर चीज के लिए फोन पर निर्भर होते जा रहे हैं. यह आदत सिर्फ बड़े स्‍कूल-कॉलेज जाने वाले बच्‍चों में ही नहीं है बल्कि 1-2 साल के छोटे बच्‍चे भी फोन की गिरफ्त में ऐसे फंस गए हैं कि बिना फोन देखे न तो खाना खाते हैं और न ही कहीं चुपचाप बैठते हैं. यह चीज उनके शरीर के साथ ही उनके दिमागी विकास को जबर्दस्‍त तरीके से खराब कर रही है. अगर आप भी मोबाइल फोन छुड़ाने की कोशिश कर-कर के थक गए हैं, तो परेशान न हों, बच्‍चों के डॉक्‍टर के बताए ये 5 उपाय आपकी मदद कर सकते हैं. यशोदा सुपर स्‍पेशलिटी अस्‍पताल कौशांबी (Yashoda Super-speciality Hospital) की सीनियर कंसलटेंट पीडियाट्रिक्‍स डॉ. दीपिका रुस्‍तगी से जानते हैं बेहद आसान उपाय, ताकि आपको और मशक्‍कत न करनी पड़े और आपका बच्‍चा खुशी-खुशी खुद ही फोन देखना छोड़ दे. ये भी पढ़ें  तंबाकू-खैनी या सिगरेट-बीड़ी? कौन है आपका जानी-दुश्‍मन? जवाब सुनकर रह जाएंगे दंग 1. थोड़े से हों सख्‍त, बदल दें ये रूटीन पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम का एक निश्चित रूटीन तय कर दें. उन्‍हें साफ-साफ बता दें कि दिन में सिर्फ एक घंटे का स्क्रीन टाइम निश्चित है, फिर चाहे वह टीवी देखें, फोन या टैबलेट. पेरेंट्स थोड़े से सख्‍त हो जाएं और बच्‍चों से इस नियम का पालन कराएं. वहीं खुद बिजी हो रहे हैं तो बच्‍चे को भी बिजी या चुप रखने के लिए फोन पकड़ाने की आदत आज ही बंद कर दें. 2. बच्‍चों के लिए ढूंढ दें कोई फेवरेट एक्टिविटी मोबाइल फोन से दूर हटाने का बेस्‍ट तरीका है कि बच्चों को खेलकूद, किताबें पढ़ने या क्रिएटिव एक्टिविटीज में शामिल करें. पेरेंट्स उन्‍हें बाहर पार्क आदि में खेलने भेज सकते हैं, साइकिल चलवा सकते हैं. किसी हॉबी क्लास जैसे डांस, स्‍व‍िमिंग, आउटडोर गेम्‍स या अन्‍य एक्टिविटी में नाम लिखवा सकते हैं. इसके लिए बच्‍चे की च्‍वॉइस पूछकर फैसला करेंगे तो और बेहतर रिजल्‍ट आएंगे. 3. खुद से दूर कर दें फोन जब भी माता-पिता बच्चों के साथ हों तो खुद से फोन को दूर रख दें. उनसे बात करें, उनके साथ खेलें, उनसे पहेलियां पूछें, उन्‍हें नई-नई बातें बताएं, कहानियां सुनाएं. ऐसा करके बच्‍चे फोन से खुद ब खुद दूर हो जाएंगे. साथ ही ये चीज पेरेंट्स के लिए भी फायदेमंद है. 4. दोस्‍तों और खिलौनों का साथ दें बच्चों को दोस्तों के साथ खेलने दें. वहीं उन्‍हें खिलौने लाकर दें तो इस बात का ध्‍यान रखें कि ये खिलौने उनकी उम्र के हिसाब से हों. कई बार उम्र से छोटे या बड़े खिलौनों के साथ बच्‍चे खेलना पसंद नहीं करते. 5. बच्‍चों को छोटी-छोटी जिम्‍मेदारियां दें बच्चों के साथ समय बिताने के साथ ही उनसे बातें तो करें ही उन्हें घर के छोटे-मोटे कामों की जिम्‍मेदारियां भी दें. बर्थडे, फंक्‍शन आदि में छोटे-मोटे कुछ स्‍पेशल टास्‍क दें. पौधों में पानी देना, अपना सामान, खिलौने खुद रखना, अपनी अलमारी साफ करना, कुछ डेकोरेट करना आदि भी कराएं. इससे बच्‍चे बिजी भी रहेंगे और घर में घुलना-मिलना सीखेंगे व फोन से दूर रहेंगे. मोबाइल की लत है खराब, कर रही बीमार डॉ. रुस्‍तगी कहती हैं कि बच्चों में मोबाइल की लत से कई गंभीर समस्याएं हो रही हैं. कुछ दिन पहले एम्‍स नई दिल्‍ली की रिसर्च बताती है कि अगर बच्चे लंबे समय तक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, तो उनकी आंखों की रोशनी पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे बच्‍चों को मायोपिया की शिकायत बहुत ज्‍यादा हो रही है. इसके अलावा, बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं और उन्हें एंग्जायटी, डिप्रेशन और आत्म-संदेह जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं. मोबाइल की लत बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है, और इसके चलते उनके विचारों में भी बदलाव देखा जा सकता है. वहीं बच्चे ऑनलाइन साइबर क्राइम के शिकार भी हो सकते हैं. डॉ. दीपिका रुस्‍तगी का कहना है कि बच्चों को फोन से दूर रखने के लिए माता-पिता को खुद भी जागरूक होना जरूरी है. बच्चों के ज्यादा फोन इस्तेमाल से उनकी पढ़ाई, नींद और समाजिक जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है. इसलिए बच्चों को खेलकूद और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रखना बेहद जरूरी है. कोरोना में फोन जितना फायदेमंद रहा, अब उतना ही नुकसानदेह हो रहा है. कोशिश करें कि बच्‍चों को ऐसी खबरों की जानकारी भी दें जैसे हाल ही में स्‍वीडन में 2 साल तक के बच्‍चों के लिए फोन बैन कर दिया गया है और क्‍यों कर दिया गया है. इससे बच्‍चे इसके नुकसान के प्रति भी जागरुक होंगे. ये भी पढ़ें  ये हैं भारत के टॉप-5 आंखों के अस्‍पताल, जहां फ्री या बेहद कम कीमत पर होता है इलाज Tags: Health News, Mobile Phone, Parenting tips, SCHOOL CHILDREN, SmartphoneFIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 10:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed