अंजू प्रजापति/रामपुर: खेती कर किसान बढ़िया लाभ कमा सकते हैं. पर कई सवाल हैं जिनके जवाब किसानों के पास नहीं होते. इसी वजह से कई बार फायदे की जगह नुकसान हो जाता है. किसानों को दलहन उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास कर रही है. दलहनी फसलों में दालों को प्रमुख रूप से गिना जाता है. इनमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की वजह से बाजार में इसकी अच्छी खासी मांग रहती है.
किसानों को ऐसे मिलेगा डबल मुनाफा
किसान कृषि में अधिक लाभ के लिए अच्छी दाल की किस्मों की बुवाई कर सकते हैं. इस समय खेत में नई फसलों की बुवाई का समय है, जिसकी डिमांड बाजार में पूरे साल रहती है. किसान परम्परागत खेती छोड़कर दलहनी खेती पर फोकस करें तो उनकी आय कई गुना बढ़ सकती हैं.
खरीफ के सीजन में कैसे होगा किसानों को फायदा
जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र कुमार बताते हैं कि इस समय खरीफ का सीजन चल रहा है. रामपुर की मुख्य फसल धान है तो किसानों से हमारा अनुरोध है कि जिनकी नर्सरी अभी तक नहीं है वो किसान अपनी नर्सरी खोल लें. 20 से 25 दिन की नर्सरी रोपाई के समय की होनी चाहिए. क्योंकि किसान जुलाई के प्रथम सप्ताह में दलहन की बुवाई करते हैं. इसके अलावा विभाग के द्वारा फसल विविधीकरण और दलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें किसानों के लिए दलहनी फसलों के निःशुल्क मिनी किट आ गई है.
खेती करने से पहले रखें इस बात का ख्याल
इसकी खेती के लिए गर्मी का मौसम सही समय होता है, क्योंकि इस दौरान तापमान में थोड़ी नमी रहती है. गर्मी का मौसम दालों की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. जुलाई के पहले सप्ताह में इसकी बुवाई स्टार्ट कर देनी चाहिए. दलहनी फसलों की खेती रबि और खरीफ, दोंनो सीजन में की जा सकती है. रामपुर में मुख्य रूप से उड़द की खेती लगभग 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में होती है.
Tags: Agriculture, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 16:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed