इलाहाबाद हाईकोर्ट से माफिया मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को बड़ा झटका लगा है. अफजाल अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिल सकी है. कोर्ट से राहत नहीं मिलने से अफजाल अंसारी के चुनाव लड़ने की उम्मीदें धूमिल होती नजर आ रही हैं. हालांकि, अफजाल अंसारी ने गाजीपुर सीट से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है. लेकिन हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने से अब अफजाल अपना नामांकन वापस वापस ले सकते हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि अफजाल अंसारी अपने स्थान पर अपनी बेटी नुसरत अंसारी को समाजवादी पार्टी का टिकट दिला सकते हैं. उनकी बेटी नुसरत ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में मिली 4 साल की सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर करीब 3 घंटे तक सुनवाई हुई. अफजाल की ओर से अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी और दयाशंकर मिश्र ने अपने पक्ष रखा. उन्होंने सजा स्थगित करने के मुद्दे पर ट्रायल कोर्ट में बचाव पक्ष के गवाहों के बयानों का हवाला दिया.
भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड को लेकर गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था. गाजीपुर की विशेष अदालत ने अफजल को इस मामले में दोषी करार देते हुए चार साल कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. अफजल अंसारी ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की, लेकिन सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. हाईकोर्ट इस मामले में अब 20 मई को आगे की सुनवाई करेगा.
सोमवार को हुई सुनवाई में अफजाल अंसारी की तरफ से दलीलें पेश करते हुए उनके वकील ने कहा कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के जिस मर्डर केस के आधार पर उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई उसमें वह पहले ही बरी हो चुके हैं. अगर वह मूल मुकदमे में बरी हो गए हैं तो उस आधार पर लगे गैंगस्टर के केस में उन्हें सजा नहीं दी जा सकती है. अफजाल अंसारी ने हाईकोर्ट से सजा को रद्द किए जाने की गुहार लगाई है. अब 20 मई को होने वाली सुनवाई में सबसे पहले अफजाल अंसारी के वकील अपनी बची हुई दलीलें पेश करेंगे. उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की अपील और भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के परिवार का पक्ष रखा जाएगा. कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने निगरानी याचिका दाखिल कर सजा बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने दलील दी है कि इसी मुकदमे में मुख्तार अंसारी को स्पेशल कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच अफजाल अंसारी की अपील के साथ ही राज्य सरकार की अपील और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय की उस अर्जी पर भी सुनवाई कर रही है जिसमें सजा बढ़ाने की मांग की गई है.
कानून के जानकारों के मुताबिक, अदालत का फैसला आने तक अफजाल अंसारी चुनाव तो लड़ सकते हैं. लेकिन हाईकोर्ट से उनकी सजा रद्द नहीं हुई तो वह चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाएंगे. पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के तहत 2 साल या उससे ज्यादा की सजा पाने वाला कोई व्यक्ति 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता है. अफजाल अंसारी अगर सांसद चुन भी लिए जाते हैं और हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी. ऐसे में अब ज्यादा संभावना इसी बात की है कि अफजाल अंसारी अपना नामांकन वापस ले लेंगे और उनकी जगह बेटी नुसरत अंसारी चुनाव लड़ेगी.
गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट ने पिछले साल 29 अप्रैल को अफजाल अंसारी को गैंगस्टर के मामले में दोषी करार देकर 4 साल की सजा सुनाई थी. इस सजा की वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी और उन्हें जेल जाना पड़ा था. इलाहाबाद हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अफजल अंसारी की सजा पर रोक लगा दी थी और इलाहाबाद हाईकोर्ट को उनकी अपील को 30 जून से पहले निस्तारित करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट से रोक लगने के बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो गई थी.
Tags: Ghazipur news, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Mukhtar ansariFIRST PUBLISHED : May 13, 2024, 17:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed