नोयडा में 80 हजार बायर्स को नहीं मिला उनका आशियाना ईडी करेगी जांच

Noida Authority:ग्रेटर नोएडा में नोएडा प्राधिकरण द्वारा बिल्डर्स को कुल प्लॉट का 10 प्रतिशत प्लॉट अलॉट किया गया था. वहीं, बिल्डरों ने फ्लैट बुकिंग के नाम पर बायर्स से हजारों करोड़ रुपए ठग लिए. साथ ही उन्हें उनका आशियाना भी नहीं दिया. अब ईडी ने ऐसे बिल्डरों के बारे में नोयडा प्राधिकरण से जानकारी मांगी है

नोयडा में 80 हजार बायर्स को नहीं मिला उनका आशियाना ईडी करेगी जांच
सुमित राजपूत/नोएडा: यूपी के ग्रेटर नोएडा में नोएडा प्राधिकरण द्वारा बिल्डर्स को कुल प्लॉट के मात्र 10 प्रतिशत प्लाट अलॉट किया गया था. बिल्डर ने फ्लैट बुकिंग के नाम पर बायर्स से हजारों करोड़ रुपए हड़प लिए, लेकिन उन्हें उनका आशियाना नहीं दिया. बता दें कि यहां सैकड़ों सोसाइटी में लाखों बायर्स हैं, जो अपने आशियाना के लिए प्राधिकरण और बिल्डर के दफ्तर का चक्कर काटते रहते हैं. इसी कड़ी में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बिल्डर कंपनियों की जानकारी नोएडा प्राधिकरण से मांगी है. इसकी बड़ी वजह बायर्स के साथ करोड़ों रुपए का हेराफेरी का मामला है. नोएडा में करीब 80 हजार फ्लैट बायर्स को आशियाना मिला, जबकि 30 से 40 हजार फ्लैट की रजिस्ट्री का इंतजार है. इन सभी ने फ्लैट बुकिंग का 95 से 100% तक पैसा बिल्डरों के खाते में जमा कर दिया, जो बिल्डर पर दूसरा प्रोजेक्ट लगाने का आरोप है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत यह जानकारी मांगी है. 14 साल बाद भी बायर्स आशियाने के लिए परेशान बता दें कि जिन कंपनियों की जानकारी ईडी मांग रही है, उनको प्राधिकरण द्वारा 2009-10 में जमीन आवंटित हो गई थी, लेकिन 14 साल बाद भी बायर्स को उनके घर नहीं मिले. नियमानुसार प्राधिकरण ने ये जमीन कुल प्लॉट की लागत का 10 प्रतिशत लेकर अलॉट की थी. बायर्स द्वारा दी गई रकम बिल्डर ने दूसरे प्रोजेक्ट में लगाकर अच्छा मुनाफा कमाया. जबकि बिल्डर ने 3 से 5 साल में बायर्स को उसके आशियाने देने का वायदा किया, लेकिन आज भी बायर्स के पास सिवाय प्रदर्शन करने के अलावा कुछ नहीं है. ये कंपनियां आई ईडी के जांच दायरे में ये कोई आज कल का मसला नहीं है, कई सालों से चलता आ रहा है. इससे नोएडा में लाखों बायर्स परेशान हैं. शिकायतों के बाद ईडी अब प्राधिकरण से 63 बिल्डर कंपनियों की जानकारी मांग रही है. ताकि इन पर शिकंजा कसा जा सके. साथ ही बायर्स को उनका आशियाना दिलाया जा सके. बता दें कि ईडी ने 63 कंपनियों की डिटेल मांगी है. इससे पहले भी ईडी की जांच के दायरे में आम्रपाली, सुपरटेक, यूनिटेक के अलावा थ्रीसी बिल्डर की परियोजनाएं हैं. पिछले महीने ही ईडी ने थ्रीसी की लोटस 300 और लोटस बुलेवर्ड को लेकर जानकारी मांगी थी, जिसका संकलन किया जा रहा है. इन कंपनियों की मांगी ED ने जानकारी बता दें कि ईडी ने अगोरा स्मार्ट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, ऑल एबाउट ईव प्राइवेट लिमिटेड, अल मंड इंफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड, एल्सटोनिया टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड, आनंद की प्राइवेट लिमिटेड की छः सोसाइटी, एटीएस प्राइवेट लिमिटेड की 24 सोसाइटी, सिलेरिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, कल्टीवर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, दामली डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड, ड्रीमलैंड स्टेट प्राइवेट लिमिटेड, डायनामिक कलोनाइज़र प्राइवेट लिमिटेड, लॉजिक्स सिटी डेवलपर्स, प्रतीक रिसोर्ट एंड बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड के अलावा कई और कंपनियों की जानकारी मांगी है. Tags: Greater Noida Authority, Local18, Noida newsFIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 16:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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