पथरीली जमीन पर किसान इस तकनीक से कर रहा गुलाब की खेती छप्पर फाड़ कमाई

Rose Farming in Polyhouse: प्रयागराज के मेजा क्षेत्र में पहाड़ी एवं पथरीली भूमि पाई जाती है, जहां खाली पड़े इस जगह पर खेती करना लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है. ऐसे में जिज्ञासु मिश्रा ने ऐसी पत्राली भूमिका अपनी मेहनत और तकनीक की ज्ञान के बदौलत इस जगह को गुलाब की खुशबू से महका दिया. आज वह अच्छी नहीं, बल्कि बहुत अच्छी कमाई कर रहे हैं.

पथरीली जमीन पर किसान इस तकनीक से कर रहा गुलाब की खेती छप्पर फाड़ कमाई
रजनीश यादव/ प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में सभी प्रकार के खाद्य फसलों की खेती होती है. तो वहीं फूलों की भी खेती कुछ इलाकों में हो रही है. सब्जी उत्पादन एवं खाद्यान्न उत्पादन में जहां उत्तर प्रदेश स्थान रखता है, वहीं लगातार सूरजमुखी गुलाब और अन्य फूलों को खेती से भी अपना वर्चस्व से बढ़ा रहा है. इसके पीछे किसानों का खेती में संघर्ष एवं सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं. इससे उत्तर प्रदेश भी लगातार नकदी फसलों की खेती में आगे बढ़ रहा है. प्रयागराज के मेजा क्षेत्र में पहाड़ी एवं पथरीली भूमि पाई जाती है, जहां खाली पड़े इस जगह पर खेती करना लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है. ऐसे में जिज्ञासु मिश्रा ने ऐसी पत्राली भूमिका अपनी मेहनत और तकनीक की ज्ञान के बदौलत इस जगह को गुलाब की खुशबू से महका दिया. इसके लिए उनको सरकार की तरफ से अनुदान मिला है. वहीं, इस पत्राली भूमि को उर्वरक बनाने के लिए विदेशी तकनीक का भी सहारा लेना पड़ा है. इजरायली तकनीक का किया प्रयोग जिज्ञासु मिश्रा बताते हैं कि इस तरह की भूमि पर खेती करना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में तकनीक का सहारा लेना पड़ता है. इसके लिए जिज्ञासू ने सरकारी विभाग से संपर्क किया. यहां से उन्हें अनुदान के रूप में करीब 2 करोड़ रुपये चार पाली हाउस के लिए मिले. इजरायली तकनीक से उन्होंने पाली हाउस का निर्माण कराया. इसकी मदद से तापमान को नियंत्रित करने के साथ सिंचाई की भी पूरी व्यवस्था होती है. इसमें पॉलिथीन के हाउस बनाए जाते हैं, जो सफेद रंग के होते हैं. इनके गुलाब की है काफी मांग गुलाब की खेती करने के लिए लगभग यहां पर हर रोज 10 मजदूर काम करते हैं. यहां के गुलाब लाल, पीले, सफेद आज रंगों का होता है. इनकी डिमांड लखनऊ, दिल्ली- एनसीआर, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में होता है. वहीं, प्रयागराज के मंदिरों में भी हमारे गुलाब की सप्लाई की जाती है. एक गुलाब की न्यूनतम कीमत ₹5 का अधिकतम कीमत ₹15 तक होती है. इसके रेट घटते- बढ़ते रहते हैं. क्योंकि, शादी के सीजन और फरवरी महीने में गुलाब की डिमांड ज्यादा होती है. Tags: Agriculture, Local18, Prayagraj Latest NewsFIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 10:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed