हो जाएं सावधान दिमाग को कोरोना वायरस पहुंचा सकता है नुकसान NIH की रिसर्च में हुआ खुलासा

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के एक अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से पैदा होने वाले इम्यून रिस्पांस दिमाग को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

हो जाएं सावधान दिमाग को कोरोना वायरस पहुंचा सकता है नुकसान NIH की रिसर्च में हुआ खुलासा
नई दिल्ली. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के एक अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से पैदा होने वाले इम्यून रिस्पांस दिमाग को नुकसान पहुंचा सकते हैं. साथ ही इससे कम समय या फिर लंबे समय के लिए संक्रमित व्यक्ति में न्यूरोलॉजिकल लक्षण हो सकते हैं. ब्रेन में प्रकाशित एक रिसर्च में इसका खुलासा किया गया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक (एनआईएनडीएस) के शोधकर्ताओं ने उन नौ लोगों में मस्तिष्क परिवर्तन की जांच की, जिनकी वायरस से संपर्क में आने के बाद अचानक मृत्यु हो गई.वरिसर्च के मुताबिक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर एंड स्ट्रोक (एनआईएनडीएस) के शोधकर्ताओं ने उन नौ लोगों में मस्तिष्क परिवर्तन की जांच की, जो कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई. वैज्ञानिकों को इस बात के प्रमाण मिले हैं कि एंटीबॉडी, वायरस और अन्य आक्रमणकारियों के जवाब में इम्यून सिस्टम द्वारा शरीर में बनने वाले प्रोटीन दिमाग की रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को लाइनिंग करने वाली सेल्स पर हमले में शामिल होते हैं. इससे दिमाग की नसों में सूजन होती है और नुकसान पहुंचता है.  समूह के पहले के एक अध्ययन के अनुसार, रोगियों के दिमाग में SARS-CoV-2 का पता नहीं चला था. इसके मुताबिक यह था कि कोरोना वायरस मस्तिष्क पर सीधा असर नहीं करता है. यह समझना कि SARS-CoV-2 ब्रेन डैमेज को कैसे ट्रिगर कर सकता है.  NIH के अनुसार, COVID-19 रोगियों के लिए उपचार के विकास में मदद कर सकता है, जिनके पास न्यूरोलॉजिकल लक्षण हैं. एनआईएनडीएस के नैदानिक ​​निदेशक और रिसर्च के वरिष्ठ लेखक अविंद्र नाथ ने कहा, “मरीजों को अक्सर कोरोना के साथ न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी शुरू होती हैं.” “हमने पहले शवों के परीक्षण के दौरान रोगियों के दिमाग में ब्लड वेसेल्स में नुकसान और सूजन को दिखाया था, लेकिन हमें नुकसान का कारण समझ में नहीं आया. मुझे लगता है कि इस पेपर में हमने महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की है.” डॉ. नाथ और उनकी टीम ने पाया कि COVID-19 के जवाब में उत्पादित एंटीबॉडी रक्त-मस्तिष्क बाधा के लिए महत्वपूर्ण कोशिकाओं को गलती से लक्षित कर सकते हैं. कसकर पैक की गई एंडोथेलियल कोशिकाएं रक्त-मस्तिष्क की बाधा बनाने में मदद करती हैं, जो हानिकारक पदार्थों को मस्तिष्क तक पहुंचने से रोकती हैं जबकि आवश्यक पदार्थों को गुजरने देती हैं. दिमाग में रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) में एंडोथेलियल कोशिकाओं को नुकसान होने से रक्त से प्रोटीन का रिसाव हो सकता है. यह कुछ COVID-19 रोगियों में रक्तस्राव और थक्के का कारण बनता है और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है.  NIH के अनुसार, अध्ययन में COVID-19 के बाद सिरदर्द, थकान, स्वाद और गंध की कमी, नींद की समस्या और “ब्रेन फॉग” न्यूरोलॉजिकल समस्याओं में शामिल हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Coronavirus, NIHFIRST PUBLISHED : July 06, 2022, 06:53 IST