नेपाल फिर से बनेगा भारत का छोटा भाई या रिश्तों पर आएगी आंच
नेपाल फिर से बनेगा भारत का छोटा भाई या रिश्तों पर आएगी आंच
India China Relations after Oli becomes Prime Minister: नेपाल में नए प्रधानमंत्री ने कमान संभाली है. पुष्प कमल दहल सरकार गिरने के बाद केपी शर्मा ओली नेपाल के नए मगर चौथी बार प्रधानमंत्री बने हैं. नेपाल के वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता केपी शर्मा ओली की प्रो-चीन छवि...
नेपाल में नए प्रधानमंत्री ने कमान संभाली है. पुष्प कमल दहल सरकार गिरने के बाद केपी शर्मा ओली नेपाल के नए मगर चौथी बार प्रधानमंत्री बने हैं. नेपाल के वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता केपी शर्मा ओली की प्रो-चीन छवि के बीच अब यह देखना जरूरी होगा कि भारत के लिए नेपाल में सत्ता परिवर्तन के बाद उनकी ताजपोशी के मायने क्या हैं. और, दोनों देशों के संबंधों पर इसका क्या असर हो सकता है. इसका आकलन करते हुए यह नहीं भूलना चाहिए कि ओली की छवि भारत विरोधी और चीन समर्थक की रही है हालांकि ताज़ा बयानों में वह इससे इतर छवि गढ़ने की कोशिश करते हुए दिखते हैं.
नेपाल में एक के बाद एक राजनीतिक षडयंत्रों का इतिहास रहा है. इसी की ताजा कड़ी के रूप में हालिया घटनाक्रम भी देखा जा सकता है. दो दिग्गजों के बीच एक समझौते के तहत ओली प्रधानमंत्री बने हैं. 21 माह बाद एसी नेता शेर बहादुर देउबा इस पद पर विराजमान होंगे. 15 जुलाई को चौथी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. ओली ने पीके दहल प्रचंड के साथ चार महीने पुराने कम्युनिस्ट गठबंधन को तोड़ दिया और विपक्षी नेपाली कांग्रेस (एनसी) के साथ हाथ मिलाकर यह सरकार बनाई है.
कब और कैसे भारत नेपाल संबंध कुछ बिगड़ते-से गए…
भारत जब पहली बार 2015 में पीएम बने थे, तब शुरू में मधुर लेकिन बाद में संबंध बिगड़ गए थे. उनके पहले कार्यकाल में भारत ने छह महीने की लंबी आर्थिक नाकेबंदी लगाई थी. ओली ने भारत पर अपनी डिपेंडेंसी कम करने के लिए चीन के साथ संबंध बेहतरी की कोशिश की थी. हालांकि भारत यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि प्रो-चीनी छवि मीडिया द्वारा बनाई हुई गै और इसका सच से लेना देना नहीं है.
अयोध्या विवाद मे भी ओली ने भारतीयों का दिल दुखाया. जुलाई 2020 में ओली ने यह दावा भी किया था कि भारत ने राम को हड़प लिया है जबकि असली अयोध्या नेपाल में है. हालांकि बाद में नेपाल के विदेश मंत्रालय को बाकायदा स्पष्टीकरण बयान जारी करना पड़ा था.
‘तटस्थ’ विदेश नीति की ओर नेपाल…?
भारत के साथ नेपाल के फ्यूचर संबंधों में ओली के इस बयान की अनदेखी भी नहीं की जानी चाहिए जिसमें उन्होंने कहा था कि नेपाल अपने राष्ट्रीय हितों और क्षेत्रीय अखंडता को सेफगार्ड करते हुए न्यूट्रल (तटस्थ) विदेश नीति का पालन करेगा. यह भी साफ किया कि नेपाल किसी को भी किसी तीसरे देश को निशाना बनाने के लिए अपने देश का उपयोग करने की अनुमति नहीं देगा.
Tags: China and nepal, China news, India Nepal Relation, Nepal NewsFIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 18:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed