दल-बदल केस में JMM MLA लोबिन हेम्ब्रम और BJP विधायक जेपी पटेल की सदस्यता खत्म

Ranchi news: दल-बदल मामले में स्पीकर रवींद्र नाथ के न्यायाधिकरण में लगातार दो दिनों तक सुनवाई चली. बोरियो से जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम और मांडू से बीजेपी विधायक जेपी पटेल संविधान की 10 वीं अनुसूची के तहत दल-बदल के दोषी पाये गये हैं. इसके बाद गुरुवार को स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने दोनों विधायक की सदस्यता खत्म करने का फैसला सुनाया.

दल-बदल केस में JMM MLA लोबिन हेम्ब्रम और BJP विधायक जेपी पटेल की सदस्यता खत्म
रांची. दल बदल मामले में जेपी पटेल और लोबिन हेम्ब्रम की सदस्यता चली गई है. गुरुवार को स्पीकर ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अपना फैसला सुनाते हुए दोनों विधायकों की सदस्यता खारिज कर दी. जेपी पटेल बीजेपी के टिकट पर मांडू से विधायक बने, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में हजारीबाग से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. वहीं, लोबिन हेम्ब्रम झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर बोरियो से विधायक बने और लोकसभा चुनाव में राजमहल से निर्दलीय चुनाव लड़े थे. दोनों चुनाव भी हार गए थे. बता दें कि बुधवार को मामले में स्पीकर न्यायाधिकरण ने सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. बुधवार को लगातार दूसरे दिन न्यायाधिकरण में सुनवाई हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों की ओर से बहस चली थी. इसके बाद न्यायाधिकरण ने लिखित बहस की कॉपी 25 जुलाई को दोपहर 12 बजे तक पेश किए जाने का आदेश देते हुए सुनवाई पूरी होने की बात कही थी. पहले जेपी पटेल के मामले में सुनवाई हुई थी. कोर्ट के समक्ष बीजेपी की ओर से अधिवक्ता विनोद कुमार साहू ने प्रतिवादी की दलील को खारिज कर दिया था. इस क्रम में उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस में शामिल होकर हजारीबाग क्षेत्र से जेपी पटेल ने लोकसभा चुनाव लड़ा वह सार्वजनिक है और चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में है. ऐसे में साक्ष्य मांगे जाना और उसके बाद जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग न्यायाधिकरण से किया जाना, यह कोर्ट का समय जानबूझकर बर्बाद करने जैसा है. यह मामला पूरी तरह से विधानसभा के 10वीं अनुसूची के तहत दल बदल के दायरे में आता है. लोबिन हेम्ब्रम पर लगे दल-बदल के आरोप मामले में स्पीकर न्यायाधिकरण ने सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. स्पीकर न्यायाधिकरण में हुई सुनवाई के दौरान लोबिन हेम्ब्रम की ओर से अधिवक्ता अनुज कुमार ने पक्ष रखते हुए कहा था कि जिस तरह से आरोप लगाए गए हैं, वह कहीं ना कहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के संविधान के खिलाफ है. उन्होंने पार्टी संविधान की धारा 19(7) का हवाला देते हुए कहा था कि अध्यक्ष के द्वारा की गई निष्कासन पर पार्टी की बैठक में 4 महीने के अंदर मंजूरी प्रदान किया जाना आवश्यक है. यह मामला दल-बदल का नहीं बल्कि पार्टी का अंदरूनी मामला है. जेएमएम की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता अंकितेश कुमार झा ने कहा था कि लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा था, लेकिन उनके द्वारा जवाब नहीं दिया गया था. उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर लोकसभा चुनाव लड़ने का काम किया था,ऐसे में लोबिन हेम्ब्रम की सदस्यता खत्म किया जाना चाहिए. दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई होने के बाद न्यायाधिकरण ने बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था. FIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 18:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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