अगर सोरेन के खिलाफ सभी आरोप सही हों सिब्बल ने हाईकोर्ट में क्यों कहा ऐसा

Hemant Soren News:

अगर सोरेन के खिलाफ सभी आरोप सही हों सिब्बल ने हाईकोर्ट में क्यों कहा ऐसा
रांची. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राजधानी के बारगेन में अवैध रूप से जमीन पर कब्जा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे. ईडी की ओर से दलील देते हुए उसके वकील एस.वी. राजू ने कहा कि सोरेन ने 2009-10 में जमीन का अधिग्रहण किया था और इसके कब्जे को सुरक्षित करने के लिए एक चारदीवारी का निर्माण किया गया था झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने 27 मई को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनीलॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मांगी थी. अदालत ने ईडी से इस मामले में 12 जून को जवाब देने को कहा था. सुनवाई बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी. ईडी के वकील ने कहा कि संघीय एजेंसी ने भूमि का स्वतंत्र सर्वेक्षण भी किया था और पूछताछ करने पर उसकी देखभाल करने वाले ने बताया कि भूमि सोरेन की है. ईडी ने कहा कि इसके अलावा उसने कई दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जिनसे पता चलता है कि सोरेन को लाभ पहुंचाने के लिए भूमि अभिलेखों में हेराफेरी की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री को जमानत देने की वकालत करते हुए कहा था कि झामुमो नेता को ईडी ने एक आपराधिक मामले में झूठा फंसाया है. सोरेन को मनीलॉन्ड्रिंग मामले में 31 जनवरी को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन्होंने हाईकोर्ट से शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था. सिब्बल ने दलील दी कि सोरेन पर रांची के बार्गेन क्षेत्र में 8.86 एकड़ के भूखंड पर कब्जा करने का गलत आरोप लगाया गया है और यह कृत्य धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत अपराध नहीं बनता है, जिसके लिए सोरेन को हिरासत में लिया गया है. ईडी ने आरोप लगाया है कि भूमि दस्तावेजों में फेरबदल किया गया और सोरेन ने मूल भूस्वामियों को जबरन बेदखल कर दिया. सिब्बल ने जवाब दिया कि मूल भूस्वामियों ने तब कोई शिकायत नहीं की, जब उनकी जमीन कथित तौर पर ली गई तो और न ही अधिकारियों से संपर्क किया. उन्होंने कहा कि जबरन बेदखली की यह घटना 2009-10 में घटित हुई बताई जाती है, लेकिन रिपोर्ट 2023 में ही तैयार की गई. सिब्बल ने दलील दी कि यदि सोरेन के खिलाफ सभी आरोप सही भी हों, तो भी यह जबरन बेदखली का एक दीवानी मामला होगा, न कि आपराधिक मामला. Tags: Hemant soren, Jharkhand High Court, Kapil sibalFIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 23:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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