क्या अब भारत में भी बच्चों की परवरिश के लिए पिता को मिलेगी ज्यादा छुट्टी एक्सपर्ट ने की अवकाश को बढ़ाने की सिफारिश
क्या अब भारत में भी बच्चों की परवरिश के लिए पिता को मिलेगी ज्यादा छुट्टी एक्सपर्ट ने की अवकाश को बढ़ाने की सिफारिश
Paternity Leave: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 और 2017 के संशोधन पर अंतिम कानून समीक्षा परामर्श का आयोजन किया था. आयोग ने बताया कि इस बैठक का उद्देश्य महिलाओं को प्रभावित करने वाले कानून की समीक्षा और उसका विश्लेषण करना था.
नई दिल्ली. विशेषज्ञों ने माताओं पर बच्चों की परवरिश का बोझ कम करने के लिए पितृत्व अवकाश को बढ़ाने की सिफारिश की है. एक्सपर्ट्स ने ये राय मातृत्व लाभ अधिनियम पर आयोजित कानून समीक्षा परामर्श में रखी. राष्ट्रीय महिला आयोग ने शानिवार को इसकी जानकारी दी. आयोग ने बताया कि सिफारिशों में पितृत्व अवकाश को बढ़ाने के अलावा नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करना तथा अधिक महिला श्रमिकों को रोजगार देने के लिए कॉर्पोरेट क्षेत्र को संवेदनशील बनाना शामिल है.
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 और 2017 के संशोधन पर अंतिम कानून समीक्षा परामर्श का आयोजन किया था. आयोग ने बताया कि इस बैठक का उद्देश्य महिलाओं को प्रभावित करने वाले कानून की समीक्षा और उसका विश्लेषण करना तथा किसी प्रकार की कमी, अपर्याप्तता और त्रुटियों में सुधार करने के लिए संशोधन की सिफारिश करना था.
भारत में पितृत्व अवकाश
भारत में आमतौर पर पितृत्व अवकाश 15 दिनों का दिया जाता है. केंद्र और राज्य सरकार इसे सख्ती से लागू करने की कोशिश करती है. इसके बावजूद कई जगह प्राइवेट कंपनियों में ऐसा नहीं होता है. बच्चे के जन्म के 15 दिन पूर्व से जन्म के 6 माह तक पितृत्व अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है. यूरोप के कई देशों में एक महीने तक की छुट्टी दी जाती है.
एक्सपर्ट का सुझाव
पैनलिस्टों द्वारा दिए गए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव पितृत्व अवकाश की अवधि को बढ़ाने के लिए थे ताकि बच्चों की परवरिश का बोझ माता-पिता दोनों के बीच समान रूप से साझा किया जा सके. इसके अलावा नियोक्ताओं को प्रोत्साहित किया जा सके और अधिक महिला श्रमिकों को रोजगार देने के लिए कॉर्पोरेट क्षेत्र को संवेदनशील बनाया जा सके. एनसीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि विशेषज्ञों ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के मुद्दे पर चर्चा की. इसमें क्रेच सुविधाओं के प्रावधान और नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन की गुंजाइश पर भी चर्चा की गई.
आयोग ने पूरे देश के एक्सपर्ट्स से मांगी थी राय
परामर्श के माध्यम से, आयोग ने पूरे देश से विशेषज्ञों के विचार, सुझाव और राय मांगी. बयान में कहा गया है कि इसने कानूनी विशेषज्ञों, वकीलों और शिक्षाविदों को महिलाओं के सामने आने वाली वास्तविक चुनौतियों और तकनीकी मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए आमंत्रित किया.
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Tags: Paternity leaveFIRST PUBLISHED : June 19, 2022, 10:49 IST