Bihar Politics: जिसे CM नीतीश बताते हैं अपनी उपलब्धि उसी दुखती रग पर पीके ने रख दिया हाथ! जानें क्या कहा
Bihar Politics: जिसे CM नीतीश बताते हैं अपनी उपलब्धि उसी दुखती रग पर पीके ने रख दिया हाथ! जानें क्या कहा
Bihar News: बिहार में पोशाक योजना हो या फिर विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रही बालिकाओं को साइकिल प्रदान करने की योजना. साक्षरता दर में वृद्धि की बात हो या फिर स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ने की बात. सीएम नीतीश कुमार अक्सर इसे अपनी उपलब्धि बताते हैं. लेकिन, प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार में शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठा दिया है.
हाइलाइट्सप्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर बोला बड़ा हमला, शिक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल. बिहार में शिक्षा व्यवस्था का ध्वस्त होना नीतीश कुमार की सबसे बड़ी नाकामी- पीके.प्रशांत किशोर ने बिहार के विकास को लेकर अपनी कार्ययोजना भी लोगों से साझा की.
पश्चिमी चंपारण. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से अब तक 550 किमी से अधिक चल चुके हैं और 320 से अधिक गांवों में दौरा कर चुके हैं. इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उनके निशाने पर महागठबंधन (जदयू-राजद) और बीजेपी दोनों आ रहे हैं. इसी कड़ी में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा हमला बोला है. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था का ध्वस्त हो जाना नीतीश कुमार की सबसे बड़ी नाकामी है.
पश्चिमी चंपारण में अपनी पद यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “बिहार में शिक्षा व्यवस्था एकदम ध्वस्त है. पद यात्रा के दौरान शायद ही कोई स्कूल मुझे ऐसा देखने को मिला जहां एक विद्यालय की 3 मूलभूत चीजें शिक्षक, छात्र और बिल्डिंग तीनों एक साथ मौजूद हो. जहां बिल्डिंग और छात्र हैं वहां शिक्षक नहीं है. कहीं बिल्डिंग और शिक्षक है तो छात्र नहीं है. हैरानी तब होती है जब पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 17 साल के शासनकाल में भी शिक्षा की हालत ध्वस्त हैं. एक लाइन में कहें तो, बिहार के स्कूलों में खिचड़ी बंट रही है और कॉलेजों में डिग्रियां बंट रही हैं.”
एक तरफ प्रशांत किशोर नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे थे, वहीं दूसरी ओर उन्होंने जनता से वादा करते हुए ये भी दावा किया कि उनका सपना है कि देश के 10 अग्रणी राज्यों में बिहार शामिल हो और विकसित बिहार बने. प्रशांत किशोर ने विकसित बिहार को लेकर अपनी प्राथमिकता साझा करते हुए बताया कि विकास के ज्यादातर मानकों पर अभी बिहार 27वें या 28वें स्थान पर है. 50 के दशक में बिहार की गिनती देश के अग्रणी राज्यों में होती थी. आपके शहर से (पटना) बिहार उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब पटना पटना गया मुजफ्फरपुर भागलपुर अररिया अरवल औरंगाबाद कटिहार किशनगंज खगड़िया गोपालगंज जमुई जहानाबाद दरभंगा नवादा नालंदा पश्चिमी चंपारण पूर्णिया पूर्वी चंपारण बक्सर बांका बेगूसराय भोजपुर मधुबनी मधेपुरा मुंगेर मोतिहारी राजगीर रोहतास लखीसराय वैशाली शेखपुरा समस्तीपुर सहरसा सारण सीतामढ़ी सीवान सुपौल कैमूर
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार के हर पंचायत, गांव और नगर क्षेत्र के स्तर पर योजनाए बनाईं जाएं. साढ़े 8 हजार ग्राम पंचायत और 2 हजार नगर पंचायत की विकास की योजनाओं का खाका हम तैयार कर रहे हैं. हर पंचायत की समस्याओं को हम संकलित कर रहे हैं, ताकि हर पंचायत विकास के मापदंडों पर अग्रणी राज्य में शामिल हो सके.
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FIRST PUBLISHED : November 18, 2022, 11:07 IST