कमाई का फार्मूला: इस फल की खेती ने किसान को बनाया लखपति होती है बंपर पैदावार
कमाई का फार्मूला: इस फल की खेती ने किसान को बनाया लखपति होती है बंपर पैदावार
Banana Farming: किसानी करने वालों को बहुत सम्मान से नहीं देखा जाता था. लेकिन जब कई युवाओं ने आधुनिक तरीके से खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया तो लोग इधर आकर्षित हुए. ऐसे ही एक किसान केले की खेती से बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. ये फसल सालभर में तैयार हो जाती है.
सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: अगर आप भी गेहूं और धान की परंपरागत खेती को छोड़कर ऐसी फसलों का चुनाव करना चाहते हैं जो नगदी में भी हो और खेत के लिए भी लाभदायक हो. तो आज हम आपको ऐसी ही फसल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप अपने खेतों में प्रति बीघा दो हजार की लागत में तैयार कर सकते हैं. हम बात कर रहे हैं केले की फसल की बागवानी के बारे में. केले की एकीकृत बागवानी करने से किसान केला तैयार करने के साथ ही इसके नए पौधों की भी बिक्री कर सकते हैं.
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के निवासी किसान छोटेलाल ने बताया कि केले का एक पौधा आमतौर पर 10 रुपए का आता है. इसे खाली पड़ी जमीन पर लगाने के बाद समय-समय पर इसमें सिंचाई की जाती है. इसमें विशेष लागत नहीं आती लेकिन जब यह पौधा बढ़ाना शुरू होता है तो कम समय में ही इसमें फल आने लगते हैं. एक-एक पेड़ में बीस से तीस किलो केला तैयार होता है. इसे मंडी में बेचकर लाभ कमा सकते हैं. इस समय उन्हें लगभग एक किलो केले की कीमत 30 रुपये मिल रही है. इसके साथ ही इन्हीं केले के पेड़ों के नीचे वह हरी सब्जियों को उगाकार दोगुना लाभ कमा रहे हैं.
यह है कमाई का तरीका
केले को आमतौर पर सदाबहार फसल भी कहते हैं. इसकी खेती किसी भी मौसम में आसानी से की जा सकती है. उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही फर्रुखाबाद में केले की खेती अधिक मात्रा में की जाती है. यहां पर इसके बागों को विशेष तरीके से तैयार किया जाता है. एक पेड़ से मिलने वाली केले की फलियां ढाई सौ रुपए तक की बिक जाती हैं. इस हिसाब से किसान लाखों रुपए की कमाई करते हैं. दूसरी और तीसरे साल इस केले के पौधे से निकलने वाले छोटे पौधे तैयार हो जाते हैं. उन्हें बेचकर अच्छी कमाई हो जाती है. ऐसा करके किसान एक बार की मेहनत से कम से कम तीन साल तक कमाई कर लेते हैं.
इन राज्यों से आ रही डिमांड
जिस तरह से इस समय पर क्षेत्र में केले की फसल का बंपर उत्पादन हो रहा है. ऐसे समय पर यहां के किसान केले को डीसीएम में लोड करने के बाद कमालगंज, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, कानपुर और आजादपुर, फरीदाबाद, साहिबाबाद और अन्य प्रदेशों में बिक्री कर रहे है.
ऐसे तैयार होती है फसल
फर्रुखाबाद के नगला जखा गांव निवासी किसान छोटे लाल बताते हैं कि केले की खेती करने के लिए वह सबसे पहले खेत को अच्छी तरीके से जुताई करने के बाद प्रति पांच मीटर की दूरी पर बड़े-बड़े गड्ढे करने के बाद उसमें गोबर से तैयार की गई जैविक खाद डालते हैं. इसके बाद उसमें केले के पौधों को लगा देते हैं. 15 दिनों के अंतराल पर वह सिंचाई करते रहते हैं. इस दौरान वह इन पौधों की जड़ों में गोबर की खाद का भी प्रयोग करते हैं. यह पौधे बारह माह में फल देने लगते हैं.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : June 23, 2024, 11:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed