संगम ढाबा बना सलीम शुद्ध भोजनालय नाम बदलने से खुश नहीं दुकानदार
संगम ढाबा बना सलीम शुद्ध भोजनालय नाम बदलने से खुश नहीं दुकानदार
जनपद मुजफ्फरनगर के खतौली बाईपास पर मौजूद एक चाय की दुकान का नाम पहले चाय लवर पॉइंट हुआ करता था. मगर उसके प्रोपराइटर का नाम फहीम हैं. ऐसे में अब चाय लवर पॉइंट की जगह दुकान का नाम बदलकर वकील अहमद टी स्टॉल कर दिया गया है.
मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान खाने-पीने की दुकानों, ढाबों, होटलों पर प्रोपराइटरों के नाम यानी दुकानदारों के नाम स्पष्ट करने के पुलिसिया फरमान के बाद इसका असर देखना शुरू हो गया है. अब दुकान या फलों के रेड़ी पर अपना नाम स्पष्ट करने का बोर्ड दिखने लगा है. हालांकि इस पर राजनीतिक भूचाल भी आ गया है. तमाम राजनेताओं का बयान भी लगातार सामने आ रहे है. ऐसे में अखिलेश यादव ने भी बयान दिया है कि पहचान स्पष्ट करने वाले इस फरमान पर जिन दुकानदारों का नाम मुन्ना, गुड्डू और फत्ते है, वो क्या करेंगे. इसके बाद न्यूज18 की टीम ने मुजफ्फरनगर के कांवड़ मार्ग पर जीरो ग्राउंड पर रियलिटी चेक किया और सच में ऐसा पाया गया कि कई ऐसे मुस्लिम धर्म के दुकानदार हैं, जिन्होंने अपनी दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगा दिए हैं.
चाय लवर पॉइंट बना वकील अहमद टी स्टॉल
जनपद मुजफ्फरनगर के खतौली बाईपास पर मौजूद एक चाय की दुकान का नाम पहले चाय लवर पॉइंट हुआ करता था. मगर उसके प्रोपराइटर का नाम फहीम हैं. ऐसे में अब चाय लवर पॉइंट की जगह दुकान का नाम बदलकर वकील अहमद टी स्टॉल कर दिया गया है. इस बारे में जब फहीम नाम के इस दुकानदार से बात की तो उन्होंने बताया कि पुलिस उनके पास आई थी, जिसने नाम बदलने को कहा तो उन्होंने नाम बदल लिया.
‘अब यहां कोई नहीं आएगा’
दुकानदार फहीम का यह भी कहना है कि नाम इसलिए बदला है की कांवड़ यात्रा के दौरान यह पता होना चाहिए की दुकान हिंदू की है या मुसलमान की. फहीम का कहना है कि प्रशासन के इस आदेश के बाद कावड़ यात्रा में उन्हें नुकसान होने वाला है. क्योंकि उनकी दुकान का नाम पढ़कर शिवभक्त कावड़िए अब उनकी दुकान पर चाय पीने नही आएंगे.
चार मुस्लिमों को नौकरी से निकाला
इसके अलावा मुजफ्फरनगर के खतौली बाईपास पर स्थित एक साक्षी ढाबा नाम के ढाबे पर काम कर रहे चार मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया गया है. मुस्लिम कर्मचारियों को ढाबे से क्यों हटाया गया जब इस बारे में जानने के लिए हमने ढाबे के मालिक से बात की तो उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन के लोग आए थे, जिन्होंने मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने की बात कही. जिसके बाद उन्होंने उन चार मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया है, जिसमें से दो मुस्लिम ढाबे पर कारीगर थे एवं दो मुस्लिम कर्मचारी अन्य काम करते थे. इसके अलावा संगम शुद्ध भोजनालय सलीम शुद्ध भोजनालय बन गया है.
संगम शुद्ध भोजनालय बना सलीम ढाबा
दूसरी तरफ अगर बात करें तो 25 साल से संगम शुद्ध भोजनालय के नाम से चलने वाले ढाबे का नाम अब पुलिस के आदेश के बाद सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय हो गया है. आपको बता दें कि यह ढाबा नगर के रोड की पर स्थित है. इस ढाबे के मालिक सलीम का साफ तौर पर कहना है कि 25 साल से उसके ढाबे का नाम संगम शुद्ध भोजनालय चलता हुआ आ रहा था. लेकिन पहली बार प्रशासन द्वारा इसका नाम बदलवा दिया गया है, जिसके चलते अब उसने अपने ढाबे का नाम सलीम शुद्ध भोजनालय रख दिया है.
Tags: Muzaffarnagar news, UP newsFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 14:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed