क्या भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं मोदी के मंत्री बोले- ये सब प्रोपेगेंडा

क्या भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं मोदी के मंत्री बोले- ये सब प्रोपेगेंडा
विभाग मिलते ही मोदी के मंत्री एक्शन मोड में आ गए हैं. सभी मंत्रियों ने अपने कार्यभार संभालते हुए एक्शन-रिएक्शन शुरू कर दिया है. अरुणाचल प्रदेश से बीजेपी का प्रतिनिधित्व करने वाले किरेन रिजिजू को मोदी सरकार 3.0 में अल्पसंख्यक मामलों का मंत्री बनाया गया है. उनके साथ जॉर्ज कुरियन को राज्य मंत्री बनाया गया है. किरेन रिजिजू को अल्पसंख्यक मंत्रालय के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. किरेन अरुणाचल प्रदेश पश्चिम सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे हैं. 9 जून को शपथ ग्रहण के बाद 10 जून को मंत्रालय का बंटवारा हुआ. मंत्रालय मिलने के एक दिन बाद चार्ज संभालते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का संकल्प विकसित भारत है. उसी को लेकर काम करेंगे. ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ यही हमारे मंत्रालय का मंत्र होगा. पत्रकारों के साथ एक सवाल के जवाब में किरेन रिजिजू ने कहा कि अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं, जैसी बातें प्रोपेगेंडा है. उन्होंने कहा कि उन्हें- सबका साथ सबका विकास और विकसित भारत के लिए काम करना है. उन्होंने कहा किसंसदीय कार्य मंत्रालय का भी चार्ज लिया है. जल्द ही हम संसद सत्र की तारीखों का ऐलान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ही संसद को चलते हैं. दोनों ही संसद के लिए जरूरी हैं. अल्पसंख्यक मंत्रालय में गैर मुस्लिम नेता आमतौर पर अल्पसंख्यक मंत्रालय की जिम्मेदारी किसी मुस्लिम नेता को ही मिलती रही है. लेकिन पिछले दो बार से ऐसा हो रहा है कि इस मंत्रालय की जिम्मेदारी गैर मुस्लिम नेता को दी जा रही है. उसकी वजह ये है कि मोदी मंत्रिमंडल में कोई भी मुस्लिम चेहरा नहीं है. हालांकि, अल्पसंख्यक समुदाय से कई नेता हैं. वर्ष 2022 में मुख्तार अब्बास नकवी का राज्यसभा कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मृति ईरानी को इस मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया था. इस बार चुनाव में स्मृति ईरानी को अमेठी से हार का सामना करना पड़ा. उनके स्थान पर बौद्ध धर्म से ताल्लुक रखने वाले किरेन रिजिजू को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. इससे पहले किरेन रिजिजू कानून मंत्री रहे थे. कानून के बाद उन्होंने पृथ्वी विज्ञान और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की भी जिम्मेदारी निभाई है. बता दें कि अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन जनवरी 2006 में किया गया था. तब से लेकर 2022 तक इसका नेतृत्व मुस्लिम नेता ही करते आ रहे थे. सलमान खुर्शीद, नजमा हेपतुल्ला जैसे नेताओं ने अल्पसंख्यक मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली है. Tags: Kiren rijiju, Minority community, Muslim leadersFIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 17:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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