दीक्षांत समारोह में सर्वश्रेष्ठ से लेकर अन्य पदों पर लड़कियों का कब्जा

लोकल-18 से खास बातचीत में शिवांगी सक्सेना ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान जो ज्ञान अर्जित किया है, उसे जमीनी स्तर पर लागू कर किसानों की आय बढ़ाने में मदद करना चाहती हैं.

दीक्षांत समारोह में सर्वश्रेष्ठ से लेकर अन्य पदों पर लड़कियों का कब्जा
मेरठ: कृषि से संबंधित विभिन्न कोर्सों में अब बेटियां भी तेजी से अपनी पहचान बना रही हैं. पहले यह क्षेत्र अधिकतर बेटों का माना जाता था, लेकिन बदलते समय के साथ बेटियों ने भी अपनी मेहनत और लगन से इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसका उदाहरण मेरठ के मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह में देखने को मिला, जहां बीटेक (कृषि अभियांत्रिकी) की छात्रा शिवांगी सक्सेना ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कुलाधिपति पदक सहित तीन स्वर्ण पदक प्राप्त किए. लोकल-18 से खास बातचीत में शिवांगी सक्सेना ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान जो ज्ञान अर्जित किया है, उसे जमीनी स्तर पर लागू कर किसानों की आय बढ़ाने में मदद करना चाहती हैं. उनका मानना है कि किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने के उपायों पर ध्यान देना चाहिए. वह कृषि के विभिन्न पहलुओं, जैसे उर्वरक क्षमता, पानी की आवश्यकता और बीज की गुणवत्ता पर ध्यान देकर किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने में सहायता करेंगी. कृषि अधिकारी बनने की चाहत शिवांगी का सपना है कि वह कृषि अधिकारी बनकर किसानों की सेवा करें. वह गवर्नमेंट परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं और चाहती हैं कि सरकार की ओर से चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं का सही ढंग से अध्ययन कर किसानों तक उनका लाभ पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि जब देश का किसान सशक्त होगा, तभी हमारा देश विकसित देशों की श्रेणी में आ सकेगा. युवाओं का दायित्व है कि वे अपनी शिक्षा का उपयोग समाज और किसानों के हित में करें. माता-पिता का पूरा समर्थन शिवांगी ने अपने माता-पिता के समर्थन की सराहना की और कहा कि उनके परिवार ने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया. उन्होंने बताया कि उनकी बड़ी बहन ने भी कॉमर्स के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सम्मानित की गई थीं. इसी तरह, शिवांगी को भी उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा कुलाधिपति पदक और दो अन्य स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. सफलता का मंत्र: पढ़ाई में अनुशासन और नियमितता शिवांगी सक्सेना ने अपनी सफलता का रहस्य साझा करते हुए बताया कि उन्होंने नियमित रूप से कक्षाओं में पढ़ाई की और कठिन विषयों का अच्छे से अध्ययन किया. वह कहती हैं कि भले ही वह लंबी घंटों तक नहीं पढ़ती थीं, लेकिन उन्होंने हर विषय की गहनता से रिवीजन की, जिससे उन्हें सफलता प्राप्त हुई. सोशल मीडिया से दूर रहती हैं शिवांगी शिवांगी सक्सेना सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रहती हैं. वह सिर्फ व्हाट्सएप का उपयोग पढ़ाई से संबंधित जानकारी के लिए करती हैं. शिवांगी का कहना है कि उनका लक्ष्य साफ है और वह अपने सपने पर पूरी तरह से फोकस करना चाहती हैं ताकि वह किसानों की जिंदगी में बदलाव ला सकें. पारिवारिक पृष्ठभूमि शिवांगी सक्सेना मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रामपुर की रहने वाली हैं. उनके पिता पोस्ट ऑफिस में कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां गृहिणी हैं. उनकी बड़ी बहन शैक्षिक गतिविधियों में लगी हुई हैं. Tags: Education, Local18FIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 14:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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