श्रीकृष्ण ने इस जगह पर कालिया नाग को किया था अपने वश में ये है मान्यता
श्रीकृष्ण ने इस जगह पर कालिया नाग को किया था अपने वश में ये है मान्यता
Janmashtami 2024: वृंदावन की कालीदह पर भगवान श्री कृष्ण ने कालिया नाग का मानमर्दन किया था. यमुना में कालिया नाग का विष पूरी तरह से घुलने के कारण कृष्ण की गाय और पशु पक्षी उस जल को ग्रहण करते ही मर जाते थे. कृष्ण ने कालिया नाग को अपने वश में किया और यमुना से दूर जाकर रहने को कहा. 5500 वर्ष पुराना इतिहास आज भी वृंदावन में आपको कृष्ण की याद दिलाता है.
निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा: धर्म नगरी वृंदावन श्री कृष्ण की लीलाओं से भरी हुई है. इस पावन धरा पर आज भी कृष्ण के होने के साक्ष्य आपको मिल जाएंगे. यमुना के किनारे पर कृष्ण ने अनेकों लीलाएं की. तो वहीं दूसरी और उन्होंने कालिया नाग का भी दमन किया. कालिया नाग को यमुना छोड़कर जाने के लिए कहा.
वृंदावन में कल- कल बहती यमुना 5500 वर्ष की याद को आज भी दिलाती है. भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर युग में यहां जन्म लिया. द्वापर युग में अनेकों लीलाएं वृंदावन के तट और आसपास की. यमुना में कालिया नाग नाम का एक विषैला सर्प अपने परिवार के साथ रहता था. यमुना में रहकर वह अपने राज्य को संचालित करता था. कालिया नाग इतना विषैला था कि यमुना का जल पूरी तरह से जहरीला हो चुका था. यमुना के जल का जो भी पशु पक्षी या व्यक्ति जल का पान करता था. वह विषैले जल को ग्रहण करने के बाद मूर्छित होकर गिर जाता था और दम तोड़ देता था. द्वापर युग में हो रही यमुना के जल को ग्रहण करने से मृत्यु से बृजवासियों में भय व्याप्त हो गया. यमुना के किनारे जाने से हर व्यक्ति डरने लगा. कालीदह स्थित मंदिर के पुजारी कन्हैया पुरोहित से जब यहां की मान्यता के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि यहां भगवान श्री कृष्ण ने बाल अवस्था में कालिया नाग का दमन किया था. बालकृष्ण और उनके सखा यमुना के किनारे गेंद खेलने आए थे.
बृजवासियों को कालिया नाग से दिलाई मुक्ति
श्री कृष्णा जानते थे कि यमुना में कालिया नाग का प्रभाव है. कालिया नाग के प्रभाव को कम करने के लिए कृष्ण ने यमुना में अपनी गेंद को जानबूझकर फेंक दिया. वह गेंद कालिया नाग के पास जाकर गिरी, तो भगवान श्री कृष्ण से सखा गेंद लाने को कहने लगे. श्री कृष्ण ने पेड़ पर चढ़कर यमुना में छलांग लगा दी. कालिया नाग के पास चले गए. कृष्ण ने जानबूझकर कालिया नाग की पूंछ पर पैर रखा और उसे लड़ने के लिए ललकरा. कृष्णा और कालिया नाग के बीच युद्ध हुआ और कालिया नाग को हराकर उसका दमन किया. श्री कृष्ण ने उसे यमुना छोड़कर जाने को कहा. नाग से यह वचन लिया कि यहां से जाने के बाद जब भी वह मुड़कर देखेगा, तो वह पत्थर का हो जाएगा. बृजवासियों को इस तरह श्री कृष्ण ने कालिया नाग के प्रकोप से निजात दिलाई.
कृष्ण की मंगल कामना के लिए अनेकों ब्राह्मणों को की गाय दान
मंदिर के सेवायत पुजारी कन्हैया पुरोहित ने यह भी बताया कि जब बालकृष्ण कालियानाग का दमन कर नंदबाबा और यशोदा मैया के पास लोटे. तो कृष्ण को देखने के बाद कहा कि कहीं लाला को चोट तो नहीं आयी. तब यशोदा मैया ने बालकृष्ण की मंगलकामना के लिए ब्राह्मणों को अनेकानेक गायों का इसी स्थान पर दान दिया था.
Tags: Local18, Mathura news, Religion 18, Sri Krishna JanmashtamiFIRST PUBLISHED : August 18, 2024, 11:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed