अयोध्या राम मंदिर और सरयू का उफान क्या रामलला के पास आ सकता है पानी
अयोध्या राम मंदिर और सरयू का उफान क्या रामलला के पास आ सकता है पानी
Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में शनिवार से लगातार बारिश हो रही है. रात के समय जोरदार बारिश दर्ज की गई. तो वहीं रविवार सुबह से रिमझिम बारिश हो रही है. सरयू का जलस्तर वार्निंग लेवल के पास पहुंच गया है. रविवार सुबह नदी का जलस्तर 91.530 सेमी रहा है. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या सरयू के उफान से राम मंदिर को कोई खतरा हो सकता है.
अयोध्याः देशभर में बारिश का दौर जारी है. रामनगरी अयोध्या में तो शनिवार दोपहर को बारिश शुरू हुई. रात भर मूसलाधार बारिश की वजह से सरयू नदी उफान पर है. शहर में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में यदि अयोध्या में बाढ़ के हालात बनते हैं तो क्या राम मंदिर इसकी चपेट में आ सकता है. बाढ़ समेत तमाम प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए राम मंदिर का विशेष तरीके से निर्माण किया गया है.
अयोध्या में फिलहाल बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन अयोध्या में पहले बाढ़ आ चुकी है. साल 1998 में अयोध्या में भयंकर बाढ़ आई थी. तब यह फैजाबाद जनपद कहलाता था. बताया जाता है कि उस समय सरयू नदी खतरे के निशान से एक मीटर 30 सेंटीमीटर हो गई थी. तराई इलाकों में हाहाकार मच गया था. हालांकि राम मंदिर की बात करें तो राम मंदिर सरयू नदी से लगभग 72 फीट ऊंचाई पर मौजूद है. यदि बाढ़ का पानी राम मंदिर तक पहुंचता है तो सबसे पहले गोंडा जनपद डूब जाएगा. इसके साथ ही अयोध्या जनपद भी नहीं बचेगा.
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अभी तक ऐसा नहीं हुआ है जब राम मंदिर तक पानी पहुंचा हो. राम मंदिर का एरिया एक टीले के समान है. जो लगभग सरयू से 72 फीट ऊंचा है. इसलिए राम मंदिर इलाका बाढ़ से सुरक्षित माना जाता है. एक हजार करोड़ की लागत से बने राम मंदिर को इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि वह प्राकृतिक आपदाओं के समय भी सुरक्षित रह सके. मंदिर को सरयू नदी की बाढ़ से सुरक्षित करने के लिए मंदिर के चारों तरफ रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया गया है. जिससे कि भविष्य में सरयू का कटान मंदिर की तरफ बढ़े तो मंदिर वैसा का वैसा बना रहे. मंदिर को कोई नुकसान न पहुंचे.
राम मंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए रिटेनिंग वॉल एक सुरक्षा कवच के रूप में तैयार की गई है. जिससे कि बाढ़, भूकंप के दौरान भी मंदिर को कोई नुकसान न हो. यह सुरक्षा दीवार मंदिर की तीन दिशाओं पश्चिम, उत्तर और दक्षिण में बनाई गई है. इस दीवार को 12 मीटर जमीन के अंदर गहराई तक बनाया गया है. जिसमें ग्रेनाइट के पत्थर लगाए गए थे. ग्रेनाइट के पत्थर में पानी के रिसाव को सोखने की क्षमता अधिक होती है. इस वजह से यह दीवार मंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाएगी.
Tags: Ayodhya News, Ram Mandir ayodhya, Ram mandir constructionFIRST PUBLISHED : July 7, 2024, 14:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed