कोलकाता. बांग्लादेश में आरक्षण पर जारी हिंंसा के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर असहाय लोग बंगाल का दरवाजा खटखटाएंगे तो हम उन्हें आश्रय जरूर देंगे, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का एक प्रस्ताव है. अगर कोई शरणार्थी है तो आसपास का इलाका उन्हें आश्रय देगा. कुछ देर बाद ट्ववीट कर भी ममता ने यही बात दोहराई.
कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की ‘शहीद दिवस’ रैली में ममता ने कहा, मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए क्योंकि वह एक संप्रभु राष्ट्र है और इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहा जाना चाहिए वह केंद्र सरकार का विषय है. लेकिन मैं आपको यह बता सकती हूं कि यदि संकट में फंसे लोग बंगाल के दरवाजे खटखटाएंगे तो हम उन्हें शरण जरूर देंगे. ऐसा इसलिए है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का एक प्रस्ताव है, जो कहता है कि अशांत क्षेत्रों के लोगों को आसपास के क्षेत्रों को शरण देनी चाहिए.
ट्वीट में भी यही बात दोहराई
कुछ देर बाद उन्होंने ट्वीट भी किया. लिखा, संकटग्रस्त बांग्लादेश से सैकड़ों छात्र और अन्य लोग पश्चिम बंगाल और भारत लौट रहे हैं. मैंने अपने राज्य प्रशासन से वापस लौटने वालों को सभी सहायता और सहायता प्रदान करने के लिए कहा है. लगभग 300 छात्र आज हिली सीमा पर पहुंचे और उनमें से अधिकांश सुरक्षित रूप से अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गए. हालांकि, उनमें से 35 को मदद की जरूरत थी और हमने उन्हें बुनियादी सुविधाएं और सुविधा सहायता प्रदान की. संगठन में शक्ति है! Hundreds of students and others are returning to West Bengal/ India, from the trouble-torn Bangladesh.
I have asked our State administration to render all help and assistance to the returnees.
For instance, around 300 students arrived at Hilli border today and most of them left…
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 21, 2024
लोगों से संयम बरतने की अपील
ममता बनर्जी ने कहा, बंगाल के जो लोग बांग्लादेश की हिंसा में फंस गए हैं, उन्हें हर तरह की सहायता दी जा रही है. बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लोगों से ज्यादा उत्तेजित न होने की अपील की. ममता ने कहा, हमें संयम बरतना चाहिए और इस मुद्दे पर किसी भी उकसावे या उत्तेजना में नहीं आना चाहिए. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने पड़ोसी देश में जारी हिंसा का शिकार बने लोगों के साथ अपनी एकजुटता भी व्यक्त की. बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर कई दिन से प्रदर्शन हो रहे हैं और हालात बिगड़ने पर शनिवार को पूरे देश में सख्त कर्फ्यू लगा दिया गया. सैन्य बलों ने राष्ट्रीय राजधानी ढाका के विभिन्न हिस्सों में गश्त की.
सुप्रीम कोर्ट का आया फैसला
जिस वक्त ममता बनर्जी संबोधित कर रही थीं, उसी वक्त बांग्लादेश से बड़ी खबर आई. वहां की सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर हिंंसा थामने के लिए प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. साफ कहा है कि अब से 93 फीसदी सरकारी नौकरियों में योग्यता के आधार पर भर्ती की जाएगी. शेष 7 प्रतिशत आरक्षित रहेगा. इसका 5 प्रतिशत हिस्सा स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए है. इसलिए स्वाभाविक रूप से, जानकार हलकों का एक बड़ा हिस्सा इस फैसले को कोटा विरोधी कार्यकर्ताओं की जीत मानता है.
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FIRST PUBLISHED : July 21, 2024, 18:06 IST