60 62 65 या 68 साल नहीं अब इतने साल की उम्र में डॉक्टर होंगे रिटायर!
60 62 65 या 68 साल नहीं अब इतने साल की उम्र में डॉक्टर होंगे रिटायर!
दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नोटिफिकेशन में डॉक्टरों के रिटायरमेंट एज को लेकर दिल्ली की सेवा सचिव की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय एक कमिटी बनाई गई है. यह कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी कि क्या दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के रिटायरमेंट एज 65 से बढ़ाकर 70 कर दिया जाए?
नई दिल्ली. दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की एक चिट्ठी से लोक नायक अस्पताल, जीटीबी और डीडीयू सहित दिल्ली के 50 से अधिक सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों में खलबली मच गई है. वैसे डॉक्टर्स, जिन्होंने अपना करियर अभी-अभी या 15-20 साल पहले शुरू किया है, उन सभी डॉक्टरों को इस चिट्ठी से मिर्ची लग सकती है. दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नोटिफिकेशन में डॉक्टरों के रिटायरमेंट एज को लेकर दिल्ली की सेवा सचिव की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय एक कमिटी बनाई गई है. यह कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी कि क्या दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के रिटायरमेंट एज 65 से बढ़ाकर 70 कर दिया जाए?
आपको बता दें कि साल 2016 में मोदी सरकार ने डॉक्टरों की रिटायरमेंट एज को 60 साल से बढ़ाकर 65 साल कर दिया था. जबकि, दिल्ली में उस समय डॉक्टरों की रिटायरमेंट एज 62 साल थी. इसके बाद केजरीवाल सरकार ने भी साल 2016 में ही केंद्र सरकार के इस फैसले को दिल्ली में लागू कर दिया था. लेकिन, अब दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में एक बार फिर से रिटायरमेंट की एज 65 से भी बढ़ाकर 70 करने की कवायद शुरू हो गई है.
दिल्ली में डॉक्टरों की एज क्या 70 हो जाएगी?
डॉक्टरों की एज बढ़ाने को लेकर बनी कमेटी के बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने विरोध करना शुरू कर दिया है. डॉक्टरों के कई एसोसिशनों ने कहा है कि दिल्ली में नॉन टीचिंग स्पेशलिस्ट कैटेगरी के डॉक्टर्स की एज पहले से ही 62 थी और मेडिकल ऑफिसर्स का रिटायरमेंट एज 60 था. साल 2016 में पीएम मोदी ने सीएचएस डॉक्टरों की रिटायरमेंट एज 65 कर दिया था, जिसे केजरीवाल सरकार ने भी दिल्ली में लागू कर दिया. दिल्ली में टिचिंग स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का पहले से ही रिटायरमेंट एज 65 था. मोदी सरकार का डॉक्टरों की रिटायरमेंट एज बढ़ाने की पीछे ये तर्क ये था कि टीचिंग स्टॉफ की कमी है. लेकिन, सरकार ने रिटायरमेंट बढ़ा दिया नॉन टीचिंग स्टॉफ का.
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इन डॉक्टरों का कहना है कि मेडिकल ऑफिसर्स कैटेगरी के डॉक्टर अस्पतालों में लॉन्ड्री, परचेजिंग जैसे एडमिनिस्ट्रेटिव कैटेगरी के काम में लगे रहते हैं. ये डॉक्टर वार्ड में या फिर ओपीडी में नहीं के बराबर ही मरीज देखते हैं. दूसरी तरफ सरकार के आदेशनानुसार डॉक्टर 62 साल तक ही एडमिनिस्ट्रेटिव काम कर सकते हैं. ऐसे में बाकी तीन साल ये डॉक्टर अस्पताल के छोटे-मोटे काम करते हैं. अगर इन डॉक्टरों का एज एक बार फिर से बढ़ता है तो सबसे ज्यादा खुशी इन्हीं डॉक्टरों को होगी.
फोर्डा शुरू सकती है बड़ा आंदोलन
डॉक्टरों की एसोसिएशन फोर्डा के अध्यक्ष डॉ अविरल माथुर न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘देखिए हमलोग इसकी कड़ी निंदा करते हैं. डॉक्टरों की एज बढ़ाने की यह तरीका सही नहीं है. एक तो पहले से ही नई वैकेंसी नहीं आ रही है. दूसरी तरफ डॉक्टरों की रिटायरमेंट एज बढाया जा रहा है. हमलोगों ने इसी साल पहली जनवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर नई वैकेंसी निकाले जाने के लिए सर्वे कराने का आग्रह किया था. अगले तीन महीने में नई वैकेंसी भी आ गई. पहले वैकेंसी आ इसलिए नहीं रही थी कि ऊपर से पद खाली नहीं हो रहे थे. पहले क्या था डॉक्टरों की रिटायरमेंट एज 60 साल था. लेकिन, पिछले 15 साल में पहले 60 साल, फिर 62 साल, फिर 65 साल, फिर 68 साल और अब 70 साल करने की बात हो रही है.’
एकेडमिक टीचरों को फायदा होगा नुकसान?\
डॉ माथुर ने आगे कहा, ‘ये उन बच्चों को के लिए बुरा होगा, जो एकेडमिक में आना चाहते हैं. उनको वैकेंसी नहीं मिलेगी. देखिए, हमलोग पुराने फैकल्टी के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन, जमाना आगे बढ़ रहा है. आज नई-नई मशीनें आ रही हैं, जिसे पुराने लोग उतने अच्छे से नहीं समझ पाएंगे जितने अच्छे से नए लोग समझेंगे. हमलोगों की मांग है कि यंग टैलेंट के लिए जगह निकाली जाए और जगह बनाई जाए. देखिए कुछ बड़े डॉक्टर हैं, वे लोग चाहते हैं कि वह 70 साल तक भी सिस्टम में बने रहें. इससे उनका नुकसान भी होगा और वह मरीजों को भी नुकसान करेंगे. पहले भी एक-दो डॉक्टरों की वजह से केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित कर दी थी और अब स्टेट में भी यही हो रहा है. हमलोग जल्द ही इसका विरोध शुरू करेंगे.’
राज्यो में रिटायरमेंटे की एज क्यों अलग-अलग?
रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि कमेटी को इन मुद्दों को ध्यान में रखकर अपनी अनुमोदन या रिकमडेंशन देना चाहिए. सीएचएस में अभी तक रिटायरमेंट एज 65 ही है तो डीएचएस डॉक्टरों की एज 70 करना क्या सही रहेगा? आपको बता दें कि दिल्ली सरकार के ज्यादातर अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में सीएचएस के ही डॉक्टर हैं. ऐसे में सेवा सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई इस कमेटी को कई मुद्दों को ध्यान में रखना होगा. इस कमेटी में सेवा सिचिव के अलावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के निदेशक, मौलाना आजाज मेडिकल कॉलेज के डीन और लोक नायक अस्पताल के एमडी को शामिल किया गया है.
Tags: Doctors strikeFIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 13:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed