शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई से महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट और गहराया
शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई से महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट और गहराया
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शनिवार को एक प्रस्ताव पारित किया कि कोई अन्य राजनीतिक संगठन उसके संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता है. जबकि असंतुष्ट विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बागी विधायकों के समूह ने अपना नाम शिवसेना (बालासाहेब) रखा है.
मुंबई. शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई से महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट और गहरा गया है. बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे ने 38 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. जो कानूनी रूप से पार्टी से अलग होने के लिए जरूरी 37 से एक ज्यादा है. जबकि मुंबई में एक आपातकालीन सत्र में राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे में अपना भरोसा दोहराते हुए उनको विद्रोही विधायकों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया. हालांकि पार्टी ने एकनाथ शिंदे के खिलाफ तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रस्ताव पेश करते हुए शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि ‘शिवसेना और बालासाहेब एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और इन्हें अलग नहीं किया जा सकता. इसलिए शिवसेना के अलावा कोई भी शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे का इस्तेमाल नहीं कर सकता.’ जबकि शिवसेना के सांसद अनिल देसाई ने कहा कि कोई अन्य राजनीतिक दल या समूह इन नामों पर दावा नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को पत्र लिखा है.
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आमतौर पर हर पांच साल में होती है. अगली बैठक 2023 में होने वाली थी. लेकिन शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद एक आपातकालीन बैठक बुलाई. शिंदे ने पार्टी को किस हद तक नुकसान पहुंचाया है, यह शनिवार की बैठक में शामिल हुए लोगों की घटती संख्या से साफ है. 2018 में पिछली कार्यकारी बैठक में 282 पदाधिकारियों ने भाग लिया था. जबकि शनिवार को 245 लोग ही मौजूद थे.
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गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए एकनाथ शिंदे के गुट ने भी एक बैठक की. जिसके बाद बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने शिवसेना (बालासाहेब) का गठन किया है. जबकि शिवसेना के बागी विधायकों के नेता सहित 15 अन्य विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय से समन जारी किया गया है. इन सभी से उनके खिलाफ दायर अयोग्यता नोटिस पर 27 जून तक लिखित जवाब मांगा गया है.
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Tags: CM Uddhav Thackeray, Maharashtra, Shiv senaFIRST PUBLISHED : June 26, 2022, 06:55 IST