J&K का किसने किया सत्यानाश 77 साल बाद भी इस गांव में ना बिजली- ना पानी
J&K का किसने किया सत्यानाश 77 साल बाद भी इस गांव में ना बिजली- ना पानी
Jammu Kashmir Chunav 2024: जम्मू-कश्मीर चुनाव में रियासी जिले के अंजी कायला गांव के लोग भी वोट डाल रहे हैं, लेकिन आजादी के 77 साल बाद भी उनके पास सरकार बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधा तक नहीं उपलब्ध करा पाई है. घाटी में दशकों से पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस जैसी पार्टियों ने राज किया लेकिन लोगों की स्थिति अभी भी बेहद खराब है.
हाइलाइट्स जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पिछले 77 सालों में यहां PDP-NC और कांग्रेस जैसी पार्टी का राज रहा. फिर भी रियासी जिले का यह गांव अब तक बिजली-पानी से मोहताज है.
Jammu Kashmir Chunav 2024: भारत को आजाद हुए 77 साल का वक्त हो गया है. इसके बावजूद भी जम्मू-कश्मीर का एक गांव ऐसा है जहां अबतक भी ना बिजली पहुंच पाई है और ना पानी. बच्चों को रोजाना पांच किलोमीटर पैदल चलकर अपने स्कूल पहुंचना पड़ता है. न्यूज18 की टीम घाटी के रियासी जिले में स्थित अंजी कयाला गांव में पहुंची, जहां लोगों ने बताया कि उनके पास अबतक बुनियादी सुविधाएं भी नहीं पहुंच पाई हैं. जम्मू-कश्मीर में बीते 77 सालों में से ज्यादातर वक्त नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस की सरकारें रही है. इसके बावजूद यहां लोग बिजली-पानी जैसी चीजों के लिए तरस रहे हैं.
न्यूज18 की टीम ने पाया कि सरकार की कोई भी स्कीम कच्ची बनी सड़को को पार कर नहीं पहुंच पाई. लोगों की शिकायत है कि नेता सिर्फ चुनावों के समय हमारे गांव में आते हैं. बताया गया कि इस बार तो उम्मीदवार प्रचार के लिए भी नही आए. आयेंगे भी तो क्या मुंह लेकर, लोगों ने न्यूज18 पर अपने गांव की तरक्की को लेकर कुछ ऐसी बाते जिन्हे सुन कर लग रहा था कि हमारा देश आज भी आजाद नहीं हुआ हैं. धारा 370 हटने के बाद बदलाव आया, कोई शक नहीं पर अभी भी कुछ गांव तरक्की से मरहूम दिखे. महिलाओं का कहना था की चूल्हे के धुएं में जिंदगी निकल गई और गैस तो कभी देखी ही नहीं.
गरीबी इतनी की थोड़ी सी जमीन पर जो उगता हैं, उसी से घर का गुजारा होता हैं, अंजी कयाला नाम का ये गांव रियासी से सिर्फ 10 km की दूरी पर ही स्तिथ हैं, लेकिन ऊंची पहाड़ियों और कच्चे रास्ते से होते हुए इस गांव में पहुंचना हर एक के बस की नहीं. यही वजह हैं कि यहां पर उम्मीदवार सिर्फ चुनावों में ही अपना चेहरा दिखाने आते हैं. गांव के लोगों ने कहा कि वोट मांगने के वक्त हमारे पास हर कोई आता हैं पर जीतने के बाद कोई पहचानता भी नहीं.
दुख तो तब होता हैं जब यहां आकर भी हर उम्मीदवार गांव की हालत देखता हैं और जीतने के बाद भूल जाता हैं. चिलचिलाती गर्मी में हलीमा बेगम ने हाथ से बने पंखे की हवा खुद को भी दी और हमारी टीम को भी और कहा सारी जिंदगी बांस की लकड़ी और पुराने कपड़े से बने इस पंखे के साथ गुजार दी और इस गांव में बिजली नहीं पहुंची. इससे ज्यादा तरक्की क्या हुई, ये आप ही देख सकते हैं. न पानी , न बिजली, न सड़के, न ही सरकार की कोई स्कीम का फायदा. चूल्हे के धुएं में आज भी सुलग रही रियासी जिले के अंजी कयाला गांव की उस दौर वाली जिंदगी, जब दिए की लो में पड़ते थे बच्चे और पहाड़ों के झरनों से भरना पड़ता था पानी. पक्की सड़कों को देखने की चाहत में निकल गई इस गांव की आधी जिंदगी, नई पीढ़ी के बच्चे भी तरस रहे गाड़ी में स्कूल जाने के लिए, गांव में पक्की कब बनेगी सड़के और उन सड़को पर गाड़ी के चलने का हैं बेसब्री से इंतजार.
Tags: Jammu kashmir election 2024, Jammu kashmir newsFIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 14:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed