महाराष्ट्र में मिला BJP को मिला नया चाणक्यझारखंड में बंगले झांकते रह गए हिमंत

झारखंड में बीजेपी की हार के बाद असम के सीएम हिमंत विस्वा सरमा काफी झटका लगा है. वे राज्य चुनाव के लिए पार्टी के सह प्रभारी थे. जबकि महाराष्ट्र के नतीजों के बाद भूपेंद्र यादव के साथ के सह प्रभारी अश्वनी वैष्णव के रूप में पार्टी को एक नया चाणक्य मिल गया है.

महाराष्ट्र में मिला BJP को मिला नया चाणक्यझारखंड में बंगले झांकते रह गए हिमंत
लगातार दूसरी बार रेल मंत्री रहने वाले अश्वनी वैष्णव के रूप में पार्टी को एक नया रणनीतिकार या कहें चाणक्य मिल गया है. उन्होंने सह प्रभारी के तौर पर महाराष्ट्र चुनाव में जिस तरह की रणनीति बनाई उससे बीजेपी न सिर्फ सत्ता पर काबिज दुबारा काबिज हुई, बल्कि इस बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी बीजेपी नेता ही बैठेगा.जबकि पार्टी के एग्रेसिव अभियानों की अगुवाई करने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा इस बार सफल नहीं हो सके. अश्वनी वैष्णव ने 2023 में मध्य प्रदेश चुनाव में इसी तरह पर्दे के पीछे रह कर बीजेपी की जीत के लिए काम किया था. खास बात ये भी है कि हिमंत ने भी लगातार अभियान चलाया लेकिन बयानबाजी कुछ ज्यादा की. ऐसा लगने लगा था कि झारखंड का चुनाव वही लड़ रहे हों. इस कारण भी उनसे अपेक्षाएं बहुत बढ़ गई थीं. ये उनकी बयानबाजी ही थी कि झारखंड के मुख्यमंत्री ने कई बार उन पर जुबानी हमले किए.जबकि पार्टी के बेहतरीन रणनीतिकार भूपेंद्र यादव के साथ अश्वनी वैष्णव ने बोलने में बहुत सावधानी बरती. वैसे भी हिमंत राजनीति में आने से पहले वकील थे तो अश्वनी वैष्णव आईएएस नौकरशाह. इस लिहाज से भी दोनों की स्टाइल में अंतर हो सकता है. लेकिन हिमंत विस्वा सरमा ने जिस तरह से पूर्वोत्तर में पार्टी के लिए जोरदार तरीके से अभियान चलाए थे, उससे उनका कद बहुत बढ़ गया था. पार्टी ने हिमंत को झारखंड का सह प्रभारी बनाते हुए ये तथ्य भी ध्यान में रखा होगा कि वे आदिवासी समुदाय से आते हैं और झारखंड में आदिवासी वोटों की बाहुलता है. लेकिन झारखंड में पार्टी की विफलता से निश्चित तौर पर उनकी छवि पर असर पड़ेगा. ये भी पढें : योगी के ‘कट’ से पंचर हुई अखिलेश की साइकिल, 6 महीने में ही कुछ यूं बदला यूपी का मिजाज, PDA का ‘सुलेसन’ नहीं आया काम अश्वनी वैष्णव को भी पार्टी में खासी तरजीह मिलती है. वे लगातार दूसरी बार रेल मंत्री बनाए गए हैं. ओडिशा कैडर के आईएएस अश्वनी वैष्णव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी के समय में प्रधानमत्री कार्यालय में भी काम कर चुके हैं. उस दौर में पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल की शुरुआत करने से भी वे चर्चित हुए थे. आईएएस की नौकरी छोड़ने के बाद वैष्णव ने एमबीए की पढ़ाई की. फिर वे कॉरपोरेट जगत से जुड़ गए. उन्होंने मारुति और होंडा जैसी बड़ी कंपनियों के बड़े ओहदों पर भी काम किया. फिलहाल उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्ववासपात्र मंत्रियों में गिना जाता है. यही कारण है कि उनके पास सूचना प्रसारण और रेल जैसे बड़े मंत्रालय एक साथ है. Tags: Ashwini vaishnav, BJP, CM Himanta Biswa Sarma, Jharkhand election 2024, Maharashtra ElectionsFIRST PUBLISHED : November 23, 2024, 13:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed