लोहिया संस्थान में लगा देश का पहला 22 हेडर माइक्रोस्कोप सटीक जांच के साथ

इस लैब में विशेषज्ञों द्वारा दूर-दराज से भी बीमारियों और उनके इलाज की तकनीकों पर चर्चा की जा सकेगी, जिससे मेडिकल स्टूडेंट्स, शिक्षक,डॉक्टर और मरीजों को सीधा लाभ मिलेगा.

लोहिया संस्थान में लगा देश का पहला 22 हेडर माइक्रोस्कोप सटीक जांच के साथ
लखनऊ: उत्तरप्रदेश के प्रतिष्ठित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नई 22 हेड्स माइक्रोस्कोप लैब की शुरुआत हुई है. जिसे संस्थान के निदेशक डॉ.सीएम सिंह द्वारा सोमवार को औपचारिक रूप से उद्घाटित किया गया. यह अत्याधुनिक सुविधा भारतीय मेडिकल शिक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है.  इसकी शुरुआत लोहिया संस्थान से हुई है. इस लैब में विशेषज्ञों द्वारा दूर-दराज से भी बीमारियों और उनके इलाज की तकनीकों पर चर्चा की जा सकेगी, जिससे मेडिकल स्टूडेंट्स, शिक्षक, डॉक्टर और मरीजों को सीधा लाभ मिलेगा. इस लैब में 24 लोग एक साथ माइक्रोस्कोप और बड़ी स्क्रीन पर कोशिका या स्लाइड का अध्ययन कर सकते हैं, जिससे निदान में अधिक सटीकता सुनिश्चित होती है. साथ ही यूनिट के पास, सेमिनार रूम में 100 छात्रों के लिए लाइव स्लाइड देखने की सुविधा भी है, जिससे विद्यार्थियों को बीमारी और उसके इलाज की जानकारी समझने में कोई कठिनाई नहीं होगी. इस तरह की सुविधा पहले प्रदेश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध नहीं है. जबकि इस 22 हेड्स माइक्रोस्कोप लैब को शुरू करने का श्रेय लोहिया संस्थान स्थित पैथालॉजी विभाग की एचओडी प्रो.नुजहत हुसैन को जाता है. एक साथ 22 छात्र देख सकते हैं लोहिया संस्थान के निदेशक, प्रो.सीएम सिंह ने बताया कि नए 22 हेड्स वाला माइक्रोस्कोप छात्रों की पढ़ाई में बहुत मदद मिलेगा. इस माइक्रोस्कोप की खासियत यह है कि इस पर लगाई गई चीज़ को एक साथ 22 छात्र देख सकते हैं, जिससे वे आसानी से सीख सकते हैं और बीमारियों की पहचान सही तरीके से कर सकते हैं. इसका फायदा दूर के इलाकों के मेडिकल छात्रों को भी मिलेगा, जो लोहिया के छात्रों की तरह नई बातें सीख सकेंगे. यह छात्र और शिक्षक दोनों के लिए जूम के माध्यम से जुड़कर ट्रेनिंग ले सकेंगे. प्रो.सीएम सिंह ने यह भी बताया कि कई विशेषज्ञों को एक साथ कार्य करने से निदान में सटीकता और विविधता आएगी, जिससे मरीजों को बेहतर उपचार सुनिश्चित होगा. माइक्रोस्कोप पर एक लाइव कैमरा लगा है पैथालॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नुजहत हुसैन,ने जानकारी दी कि प्रयोगशाला में एक मुख्य माइक्रोस्कोप है.  जिससे 22 अन्य हेड्स लगे हुए हैं. इस माइक्रोस्कोप पर एक लाइव कैमरा लगा है, जिसे ज़ूम या अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर प्रसारित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जबकि इसी कक्ष में एक अतिरिक्त कैमरा भी है, जो वक्ता पर ध्यान केंद्रित करेगा . यह व्यवस्था वक्ता और माइक्रोस्कोप विजुअल्स के बीच सहज स्विचिंग की सुविधा देती है, जिससे छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से उत्कृष्ट शिक्षण प्रदान किया जा सकता है और विशेषज्ञ भी अपना कमेंट दे सकते हैं. पैथोलॉजी की पढ़ाई को बेहतर बनाना प्रोफेसर नुजहत हुसैन का कहना है कि नई तकनीकी का मुख्य लक्ष्य उत्तर प्रदेश में पैथोलॉजी की पढ़ाई को बेहतर बनाना है. अक्सर कुछ बीमारियों के बारे में सभी जगह जानकारी नहीं होती, खासकर वे जो बहुत कम दिखाई देती हैं. इस नई प्रणाली की मदद से, ऐसी जानकारी हर जगह के छात्रों तक पहुंचाई जा सकेगी. इससे छात्र न सिर्फ कक्षा में बल्कि ऑनलाइन भी पढ़ सकते हैं. इस 22 हेड्स माइक्रोस्कोप से छात्रों को पढ़ाई में और भी मदद मिलेगी. . Tags: Local18, Lucknow newsFIRST PUBLISHED : April 30, 2024, 12:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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