क्या है चित्रकूट में कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा लगाने का महत्व ये है मान्यता
क्या है चित्रकूट में कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा लगाने का महत्व ये है मान्यता
Kamadgiri Parvat Parikrama: हम बात कर रहे हैं चित्रकूट के कामदगिरी पर्वत की जिसकी परिक्रमा लगभग 5 किलोमीटर की है. जिसको लगाने के लिए श्रद्धालु हजारों किलोमीटर दूर से इस पवित्र स्थान पर आते हैं....
रिपोर्ट- विकाश कुमार
चित्रकूट: धर्म नगरी चित्रकूट प्रभु श्री राम की तपोस्थली रही है. यहां प्रभु श्री राम ने अपने वनवास काल के साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए थे. ऐसे में हम धर्म नगरी के एक ऐसे पर्वत के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिसकी परिक्रमा लगाने का एक अलग ही विशेष महत्व है. यहां हजारों-लाखों की तादाद में श्रद्धालु इसकी परिक्रमा लगाने के लिए आते हैं. माना जाता है कि यह पर्वत साक्षात श्री राम का प्रारूप है.
परिक्रमा लगाने से पूरी होती हैं मनोकामनाएं
हम बात कर रहे हैं चित्रकूट के कामदगिरी पर्वत की जिसकी परिक्रमा लगभग 5 किलोमीटर की है. जिसको लगाने के लिए श्रद्धालु हजारों किलोमीटर दूर से इस पवित्र स्थान पर आते हैं. इस पर्वत की लेट कर या पैदल चलकर परिक्रमा भी लगाते हैं.
माना जाता है कि इसकी परिक्रमा लगाने से भक्तों के सारे कष्ट तो दूर होते हैं साथ में उनकी सारी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती है क्योंकि इस पर्वत में आज भी प्रभु श्री राम की शक्तियां हैं जो कामतानाथ सरकार के रूप में भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं. अगर अमावस्या या दीपावली पर्व की बात करें तो यहां उस समय लाखों की तादाद में श्रद्धालु परिक्रमा के लिए आते हैं.
पुजारी ने दी जानकारी
चित्रकूट के पुजारी अमित तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह परिक्रमा लगभग 5 किलोमीटर की है. उनका कहना है कि जब प्रभु श्री राम को वनवास कल हुआ था तब वह यहां चित्रकूट आए थे और चित्रकूट में साधु संतों और ऋषियों के साथ इस पर्वत गिरी की पूजा अर्चना किया करते थे. एक दिन प्रभु श्री राम वनवास काल के बाद यहां से जाने लगे तभी कामत नाथ के संत प्रभु श्री राम के चरणों में आ गए और उन्होंने कहा हम नारायण की प्राप्ति के लिए भजन कर रहे हैं अगर आप यहां से चले जाएंगे तो हमारा उद्धार कैसे होगा. तभी उन्होंने संत को आशीर्वाद दिया कि मैं निरंतर यहां सीता के साथ निवास करूंगा और जो भी भक्त इस पर्वत की पूजा या परिक्रमा करेंगे उसकी मनोकामनाएं की पूर्ति होगी.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 20:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed