इस युवा के स्टार्टअप को IVRI का मिला साथ आप भी ऐसे ले सकते हैं मदद
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कृषि संबंधित स्टार्टअप में संस्थान के विशिष्ट वैज्ञानिकों के मार्ग दर्शन के साथ 5 से 25 लाख तक का अनुदान भी दिया जा रहा है. इसी परियोजना के अंतर्गत ही निखिल बोरा को चुना गया है. निखिल की कंपनी को 13 लाख रुपये का अनुदान दिया है. इनका पशु आहार यूपी, राजस्थान और गुजरात में सप्लाई होती है और 20 करोड़ से अधिक का टर्नओवर है.
बरेली. पशुओं के लिए पौष्टिक आहार काफी महत्वपूर्ण होता है. यह किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. राजस्थान के निखिल ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की योजना के अंतर्गत खाद्य अपशिष्ट को पौष्टिक पशु आहार में बदलकर किसानों की आय को बढ़ाने के लिए पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की मदद से एक स्टार्टअप शुरू किया है.
जिसमें वह पशुओं के लिए पौष्टिक आहार बनाएंगे और देशभर में सप्लाई करने का भी कार्य करेंगे. राजस्थान, गुजरात के बाद अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी इस उत्पाद को उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि पशुपालकों की मासिक आय बढ़ सके.
निखिल ने की है बायोटेक इंजीनियरिंग की पढ़ाई
राजस्थान के रहने वाले निखिल बोरा ने अपनी बायोटेक इंजीनियरिंग की पढ़ाई वेल्लोर से की है. इसके बाद फूड पर रिसर्च पर काम करना शुरू कर दिया. बता दें कि जब वह इंटर्नशिप कर रहे थे, तब एक बैक्टीरिया पर रिसर्च कर रहे थे. इसी दौरान खाद्य अपशिष्ट पर रिसर्च किया और उसके बाद अपने इस प्रोजेक्ट को आईवीआरआई में भेजा. वहां से चयन होने के बाद इस पर काम करना शुरू कर दिया. निखिल ने बताया कि आईवीआरआई में उन्हें देश-विदेश के विशेषज्ञों से वेस्ट फूड पर चल रहे काम के साथ प्रोजेक्ट में होने वाले लाभ की जानकारी भी ली.
स्टार्टअप के लिए आईवीआरआई ने ली ज़िम्मेदारी
कृषि और इससे सम्बंधित कई क्षेत्रों के स्टार्टअप को आईवीआरआई में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा पोषित राष्ट्र कृषि विकास योजना चलाया जा रहा है. इसी के अंतर्गत निखिल बोरा के पौष्टिक पशु आहार बनाने वाले स्टार्टअप को समर्थन देने की ज़िम्मेदारी आईवीआरआई ने ली है. आईवीआरआई के निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त के निर्देशन में योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है. इसके अलावा पशु चिकित्सा से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए संस्थान में 35 स्टार्टअप चल रहे हैं. यह पशु विज्ञान की जानकारी के साथ पशुओं के व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों के लिए लाभकारी साबित होगा.
5 से 25 लाख तक सरकार देती है अनुदान
कृषि संबंधित स्टार्टअप में संस्थान के विशिष्ट वैज्ञानिकों के मार्ग दर्शन के साथ 5 से 25 लाख तक का अनुदान भी दिया जा रहा है. इसी परियोजना के अंतर्गत ही निखिल बोरा को चुना गया है. इसके लिए उनकी कंपनी कृमांशी टेक्नोलॉजी ने खाद्य अपशिष्ट को पौष्टिक पशु आहार में तब्दील करने के लिए एक विधि तैयार किया था. इससे खाद्य अपशिष्ट कम हुआ और पशुधन पोषण के लिए कम लागत वाला, उच्च गुणवत्ता वाला समाधान भी प्रदान किया. मंत्रालय ने उनकी कंपनी को 13 लाख रुपये का अनुदान दिया है. कंपनी ने अब तक कई किसानों को लाभ पहुंचाया है. भारत सरकार भी इसके लिए अनुदान भी दे रही है.
20 करोड़ से अधिक है कंपनी का टर्नओवर
यूपी के इन जिलों में भी पशु आहार की होगी सप्लाई नितिन ने यह कार्य राजस्थान के जोधपुर से शुरू किया था और अब तक भारत के कई राज्यों में सप्लाई कर चुके है. निखिल के स्टार्टअप से जुड़कर गुजरात के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, देवरिया, प्रतापगढ़, कानपुर देहात आदि क्षेत्रों में उत्पाद के डीलर बने हैं. इसके जरिए कंपनी का 20 करोड़ से ऊपर का टर्नओवर है. वहीं निखिल के स्टार्टअप से 25 लोगों को प्रत्यक्ष और 100 से ज्यादा लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है. उन्होंने बताया कि इस स्टार्टअप से गाय को अच्छा आहार मिलेगा. इससे दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी.
Tags: Animal husbandry, Bareilly news, Local18, Startup Idea, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 11, 2024, 13:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed