अंग्रेजों से बचने के लिए इस मंदिर में रुके थे भगत सिंह अब यहां रहता है परिवार
अंग्रेजों से बचने के लिए इस मंदिर में रुके थे भगत सिंह अब यहां रहता है परिवार
Independence Day 2024: ललिता प्रसाद अख्तर ने भगत सिंह को बाबा लाल दास रोड स्थित फुलवारी आश्रम जिसकी उन्होंने स्थापना की थी मंदिर के ऊपर बनी गुंबद में भगत सिंह को छुपाया गया था, मंदिर की उस गुंबद में भगत सिंह एक रात रूके थे.
सहारनपुर /अंकुर सैनी: सहारनपुर जनपद के तमाम हिस्से आज भी आजादी की लड़ाई के पलों को याद कराते हैं. ऐसी ही यादें सहारनपुर के फुलवारी आश्रम में बने मंदिर से जुड़ी है. कहा जाता है कि जब अंग्रेज शहीद भगत सिंह के पीछे पड़े थे. तब उन्होंने सहारनपुर के फुलवारी आश्रम में बने एक ठाकुर जी के मंदिर में छिपकर जान बचाई थी. भगत सिंह फुलवारी आश्रम में बने मंदिर के गुंबद में एक दिन तक छुपे रहे थे.
फुलवारी आश्रम में बना यह मंदिर आज भी आजादी के उस लम्हे को याद दिलाता है. साहित्यकार डॉ वीरेंद्र आजम बताते हैं कि भगत सिंह की एक संस्था ‘नौजवान भारत सभा’ थी. इसके संयोजक सहारनपुर के ललिता प्रसाद अख्तर थे. लोहा बाजार में ललिता प्रसाद अख्तर की कोतवाली के बराबर में ही दुकान थी. जहां पर पुलिस की नाक के नीचे आंदोलनकारी गतिविधियां तैयार की जाती थी. और जब भगत सिंह सहारनपुर आए, तो उन्होंने ललिता प्रसाद अख्तर पर ही भरोसा किया. इसके बाद ललिता प्रसाद अख्तर ने भगत सिंह को बाबा लाल दास रोड स्थित फुलवारी आश्रम जिसकी उन्होंने स्थापना की थी. मंदिर के ऊपर बने गुंबद में भगत सिंह को छिपाया गया था. मंदिर की उस गुंबद में भगत सिंह एक रात रुके थे. इसके बाद भगत सिंह ने अगले दिन आगे के लिए प्रस्थान किया था. उस दृष्टि से सहारनपुर एक बड़ा क्रांतिकारी और आंदोलनकारी स्थान रहा है. भगत सिंह का सहारनपुर में आना इतिहास के पन्नों में दर्ज है.
सहारनपुर में रहता है भगत सिंह का परिवार
स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह का सहारनपुर से गहरा नाता रहा है. अंग्रेज जब भगत सिंह का पीछा कर रहे थे, तो सहारनपुर में ही आकर भगत सिंह छिपे थे. सहारनपुर में ही भगत सिंह का परिवार भी रहता है. जैन डिग्री कॉलेज के पास भगत सिंह के भतीजे सरदार किरनजीत सिंह रहते हैं. वही इनके छोटे भाई सरदार कुलतार सिंह प्रदेश सरकार में राज्य खाद्य रसद मंत्री भी रहे हैं. भगत सिंह की माता जी भी सहारनपुर में आकर रही हैं. इस दृष्टि से भी सहारनपुर एक ऐतिहासिक शहर है.
Tags: Bhagat Singh, Independence day, Local18, Saharanpur news, Shaheed Bhagat SinghFIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 11:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed