स्वाभिमान के लिए सपा से तोड़ा था गठबंधन मायावती का बड़ा खुलासा

UP News: आगामी विधानसभा उपचुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने के पीछे की वजहों का खुलासा किया है. अपने बुकलेट में उन्होंने इस बात का खुलासा किया है, जिसे पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बांटा जा रहा है.

स्वाभिमान के लिए सपा से तोड़ा था गठबंधन मायावती का बड़ा खुलासा
हाइलाइट्स मायावती ने बाद समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने के पीछे की वजह बताई है मायवती का कहना है कि 2019 चुनाव परिणाम के बाद अखिलेश ने फोन उठाना बंद कर दिया था लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2019 लोकसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने के पीछे की वजह बताई है. मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद पार्टी को 10 सीटें मिली थीं, जबकि समाजवादी पार्टी के खाते में पांच सीटें आई थीं. मायावती का कहना है कि चुनाव परिणाम के बाद अखिलेश यादव ने फोन उठाना ही बंद कर दिया था. जिसके बाद पार्टी का स्वाभिमान बचाने के लिए उन्होंने समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ दिया था. यह दावा उन्होंने अपनी बुकलेट में किया है जिसे उपचुनाव से पहले पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में बांटा जा रहा है. मायावती द्वारा लिखे गए इस बुकलेट में उन्होंने सपा से दो बार गठबंधन टूटने की वजह बताई है .  उन्होंने इसे पार्टी के सम्मान से जोड़ा है. उनका कहना है कि 2019 लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने फोन उठाना बंद कर दिया था. यह अनदेखी पार्टी के स्वाभिमान ठेस पहुंचाने वाली थी. इस वजह से गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया गया. सपा-बसपा गठबंधन टूटने को दलित सम्मान से जोड़ा दरअसल, आने वाले चुनावों में बसपा अपने कैडर वोट दलितों पर फोकस कर रही है. उसकी कोशिश है कि किसी तरह उसका यह वोट बैंक वापस आ जाए. यही वजह है कि आरक्षण में वर्गीकरण को मायवती लगातार मुद्दा बना रही हैं. यह बताना चाह रही हैं कि वर्तमान सरकार के साथ ही बाकी पार्टियां भी इस मुद्दे पर चुप हैं. बसपा है जो दलितों के सच्ची हितैषी है. इसी तरह मायावती सरकार में कानून व्यवस्था के साथ ही ओबीसी और दलित समाज के गुरुओं की प्रतिमाओं के साथ ही उनके नाम पर शहरों और संस्थाओं का नामकरण किया गया था. अम्बेडकर और कांशीराम के नाम पर भी कई नामकरण और स्मारक बनाए जए. इन कामों की याद भी बसपा फिर से ताजा करना चाह रही है. यह दोनों मुद्दे उस खास तबके के वोटर तक पहुंच सकें, इसीलिए बुकलेट छपवाकर बंटवाई जा रही है. इसी बुकलेट में मायावती ने सपा और बसपा के गठबंधन टूटने का भी जिक्र किया है. और इसे दलित सम्मान के साथ जोड़ दिया हैं. Tags: Akhilesh yadav, BSP chief MayawatiFIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 13:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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