इस फसल की खेती कर मालामाल हो रहे किसान जानवर भी नहीं पहुंचा पाते नुकसान
इस फसल की खेती कर मालामाल हो रहे किसान जानवर भी नहीं पहुंचा पाते नुकसान
Mungfali Farming: यूपी के चित्रकूट में एक किसान मूंगफली की खेती कर रहा है. किसान ने बताया कि इस फसल को तैयार होने में 110 दिन लगता है. साथ ही इस फसल को जानवर भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.
रजत कुमार /इटावा: एशियाई शेरों के सबसे बड़े आशियाने के रूप में प्रसिद्ध उत्तर प्रदेश के इटावा सफारी पार्क में जन्मे पहले शेर, शिंबा और सुल्तान, के लिए शेरनियों की तलाश जोरों पर है. सफारी प्रबंधन ने इन दोनों शेरों के लिए बेहतरीन किस्म की दो शेरनियों की तलाश शुरू कर दी है, ताकि उनका कुनबा बढ़ाया जा सके. दोनों शेर इस साल आठ साल के हो जाएंगे, लेकिन अभी तक इनका परिवार नहीं बढ़ पाया है.
सफारी प्रबंधन ने इस सिलसिले में सेंट्रल जू अथॉरिटी को पत्र लिखा है और जूनागढ़ के शक्करबाग जू से भी संपर्क किया गया है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इटावा सफारी पार्क में दो नई शेरनियां लाई जाएंगी, जिनसे शिंबा और सुल्तान की मुलाकात कराई जाएगी. ताकि, उनका कुनबा बढ़ सके.
जंगली शेरनियों की तलाश
इटावा सफारी पार्क के निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने लोकल 18 को बताया कि उनके स्तर पर सेंट्रल जू अथॉरिटी से अनुरोध किया गया है कि ऐसी शेरनियों को लाने की अनुमति दी जाए, जो जंगल में पैदा हुई हों न कि किसी ब्रीडिंग सेंटर या चिड़ियाघर में. उनका मानना है कि जंगल में जन्मी शेरनियों के साथ प्रजनन से उत्पन्न शावकों का जीन अलग होगा, जिससे बीमारियों का खतरा कम हो जाएगा.
पहली पीढ़ी के शेर हैं शिंबा-सुल्तान
शिंबा और सुल्तान इटावा सफारी पार्क की पहली पीढ़ी के शेर हैं. इटावा में पहली पीढ़ी के नौ शेर जन्मे थे, जिनमें से दो की मृत्यु हो चुकी है. सफारी प्रबंधन चाहता है कि इन शेरों के प्रजनन के लिए बाहरी शेरनियां लाई जाएं ताकि जीन में विविधता बनी रहे और बीमारियों का खतरा कम हो. 5 अक्टूबर को शिंबा और सुल्तान आठ साल के हो जाएंगे.
Tags: Etawa news, Local18FIRST PUBLISHED : September 22, 2024, 09:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed