यहां आज भी क्यों की जाती है खंडित मूर्तियों की पूजा जानिए इसके पीछे की वजह

Chitrakoot News: चित्रकूट के रामनगर गांव में बने एक तालाब के पास एक शिव मंदिर स्थित है, जिसको आज से वह कई वर्ष पहले चंदेल राजाओं के द्वारा बनवाया गया था. मंदिर के बीचो बीच शिवलिंग स्थापित है, जिसमें पूजा के लिए सावन माह में भक्तों की भीड़ पहुंचती है.

यहां आज भी क्यों की जाती है खंडित मूर्तियों की पूजा जानिए इसके पीछे की वजह
विकाश कुमार/ चित्रकूट: सावन का महीना चल रहा है. ऐसे में तमाम भक्त शिव मंदिरों में जाकर दर्शन पूजन कर रहे हैं. और भोलेनाथ से अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए जलाभिषेक भी कर रहे हैं. ऐसे में हम आज आपको एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका निर्माण चंदेल कालीन शासन में हुआ था. सब से खास बात यह है कि इस मंदिर की स्थापत्य देखकर किसी का भी हृदय प्रसन्न हो जाएगा. यहां सावन के महीने में भक्तों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिलती है. इस मंदिर में आधे से ज्यादा मूर्तियों को खंडित भी किया गया है. हम बात कर रहे हैं चित्रकूट के रामनगर गांव में बने एक तालाब के पास स्थित शिव मंदिर की, जिसको आज से वह कई वर्ष पहले चंदेल राजाओं के द्वारा बनवाया गया था. मंदिर के बीचो बीच शिवलिंग स्थापित है, जिसमें पूजा के लिए सावन माह में भक्तों की भीड़ पहुंचती है. वहीं दूसरी तरफ इस प्राचीन शिवलिंग में भी ऊपर की तरफ छोटा सा गड्ढा है. औरंगजेब के द्वारा इस मंदिर में भी जाकर मूर्तियां के साथ तोड़फोड़ की गई थी. इसमें आज भी कई मूर्तियां मंदिर में खंडित हैं, जिनकी भक्त आज भी पूजा करते हैं. हालांकि इसको पुरातत्व विभाग के द्वारा अपने कब्जे में ले लिया गया है. यह भी पढ़ें- यहां आज भी मौजूद है अनछुआ बौद्धकालीन स्तूप, जानें इसका रहस्य भगवान श्री राम ने भी रात्रि में किया था विश्राम रामनगर गांव के रहने वाले अंकुर ने बताया कि यह मंदिर चंदेल काल के राजाओं ने बनवाया था. इस मंदिर में सावन के समय भक्त शिव भगवान के दर्शन के लिए आते हैं. भगवान शिव उनकी सभी मनोकामना पूरी करते हैं. औरंगजेब के शासनकाल में यहां मौजूद मूर्तियों को खंडित किया गया था. आज भी यह मूर्तियां मंदिर पर स्थापित हैं, जिसकी भक्त पूजा करते हैं. बताया जाता है कि वनवास काल के दौरान प्रभु श्री राम भी इस मंदिर में आए थे. भगवान शिव के दर्शन के बाद यहां एक रात्रि विश्राम भी किए. हालांकि अब यह मंदिर पुरातत्व विभाग के हवाले है. Tags: Chitrakoot News, Dharma Aastha, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 16:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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