भगवान कृष्ण के इस मंदिर में साल में एक बार होती है मंगला आरती बेहद खास है वजह

वृंदावन को धर्मस्थली कहा जाता है. धर्मस्थली होने के साथ-साथ इसे श्री कृष्ण की क्रीड़ा स्थली भी कहते हैं. भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन में खेल खेल में अनेकों लीलाएं की. वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जहां साल में एक बार मंगला आरती के दर्शन ठाकुर बांके बिहारी के भक्तों को होते हैं.

भगवान कृष्ण के इस मंदिर में साल में एक बार होती है मंगला आरती बेहद खास है वजह
निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा : वृंदावन के इस मंदिर में साल में एक बार मंगला आरती होती है. भगवान श्री कृष्ण की इस मंगला आरती के साक्षी बनने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से हजारों श्रद्धालु आते हैं. मान्यता के अनुसार जो इस आरती के दर्शन कर लेता है, वह भवसागर से पार हो जाता है. इस मंदिर की मान्यता और मंगला आरती साल में क्यों एक बार की जाती है, उसके बारे में भी हम आपको बताने जा रहे हैं. इसलिए होती है साल में एक बार आरती वृंदावन को धर्मस्थली कहा जाता है. धर्मस्थली होने के साथ-साथ इसे श्री कृष्ण की क्रीड़ा स्थली भी कहते हैं. भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन में खेल खेल में अनेकों लीलाएं की. वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जहां साल में एक बार मंगला आरती के दर्शन ठाकुर बांके बिहारी के भक्तों को होते हैं. ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में साल में एक बार मंगला आरती क्यों की जाती है. यह परंपरा कब से चली आ रही है, उसके बारे में हम आपको जानकारी दे रहे हैं. ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत पुजारी शालू गोस्वामी ने जानकारी देते हुए और मंदिर की मान्यता के बारे में बताते हुए कहा कि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में बाल रूप में विराजमान हैं. निधवन में भगवान श्री कृष्ण गोपियों के साथ रास रचाने के लिए जाया करते थे, तो उनके कुछ वस्त्र निधवन में और कुछ वस्त्र मंदिर में रह गए. ठाकुर जी को रास के समय विघ्न होता था. इसलिए मंगला आरती को बंद किया गया. यह मंगला आरती साल में एक बार जन्माष्टमी के पावन पर्व पर की जाती है. मंगला आरती में शामिल होने वाले भक्तों  के दुख हो जाते हैं दूर शालू गोस्वामी ने यह भी बताया कि जब भगवान रास के लिए जाते हैं, तो वह जब सुबह लौटकर आते हैं, तो वह थक जाते हैं. हारे थके प्रभु को जगाना उचित नहीं है. पहले यह आरती नित्य दिन होती थी, लेकिन तब से भगवान के वस्त्र निधवन में और बिहारी जी मंदिर में पाए गए थे. यह आरती सैकड़ों साल से चली आ रही है. उन्होंने यह भी बताया कि श्रृंगार आरती प्रत्येक दिन वर्ष भर होती रहती है. लेकिन सिंगार आरती के अलावा मंगला आरती को साल में एक बार ही किया जाता है. यह आरती भगवान के भक्तों के लिए बेहद ही खास होती है. इस आरती में जो भी भक्त शामिल होता है, उसे हर दु:ख से निजात मिलती है. Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 15:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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