अंतिम समय पर लोरी गौड़ के धनुष ने दिया धोखाटूटा ओलंपिक का सपना अब

लोरी गौड़ का सपना ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना था. लेकिन ओलंपिक के आखिरी ट्रायल में उनका धनुष टूट गया. लोरी का ये सपना तो टूट गया. लेकिन लोरी एशियन गेम में भारत को रिप्रेजेंट करेंगी.

अंतिम समय पर लोरी गौड़ के धनुष ने दिया धोखाटूटा ओलंपिक का सपना अब
सुमित राजपूत/नोएडा: एक कहावत है ” मंजिल मिल ही जायेगी एक दिन, भटकते-भटकते ही सही, गुमराह तो वो हैं, जो घर से निकले ही नहीं ! ये लाइनें नोएडा के सेक्टर 22 में रहने वाली लोरी गौड़ पर एकदम सटीक बैठती है. लोरी डिसेबिलिटी कैटेगरी की एक महिला आर्चरी की माहिर खिलाड़ी है. उन्होंने स्टेट और नेशनल लेवल पर गोल्ड सहित कई मेडल हासिल किए हैं. लोरी गौड़ का सपना ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना था. लेकिन ओलंपिक के आखिरी ट्रायल में उनका धनुष टूट गया. लोरी का ये सपना तो टूट गया. लेकिन लोरी एशियन गेम में भारत को रिप्रेजेंट करेंगी. नोएडा सेक्टर 22 में रहने वाली लोरी गौड़ फिलहाल बीए की पढ़ाई कर रही हैं. लोरी बेहद गरीब परिवार से आती हैं. उनके पिता ब्रह्मानंद चाउमीन की स्टॉल लगाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. दरअसल लोरी को बचपन से ही जुड़े कराटे शौक था. और उन्होंने मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग ली और जुड़े कराटे की कोच बन गई. 2019 में एक बस ने लोरी गौड़ को टक्कर मार दी. जिसके बाद लोरी गौड़ अपना एक पैर गंवाना पड़ा. जिसके बाद उन्हे जुड़े कराटे छोड़ना पड़ा . एक दिन उनके पिता ने कहां आपने पैर खोया है है हाथ नही आप आर्चरी (तीरंदाजी) में बेहतर कर सकती हैं. तब उन्होंने इसकी शुरुआत की. अंतिम समय पर धनुष ने दिया धोखा 2019 के एशियन गेम्स के लिए लोरी गौड़ का चयन हो गया था. लेकिन कोविड़ के कारण वो भारत की तरफ से नही खेल पाईं. ओलंपिक के लिए 2022 से लोरी गौड़ नोएडा स्टेडियम में अपने कोच अनुराग से ट्रेनिंग ले रही हैं. आपको बता दें, कि ओलंपिक में स्थान बनाने के लिए किसी भी एथलीट को तीन ट्रायल से गुजरना होता है, लोरी गौड़ का पहला ट्रायल मुकाबला हरियाणा निवासी पूजा जाटियाल से हुआ लोरी ने जीत दर्ज की, दूसरा मुकाबला पूजा खंडियाल से हुआ जहां वो आसानी से जीत गई और तीसरा मुकाबला फिर पूजा जाटियाल से हुआ इस दौरान लोरी गौड़ का धनुष टूट गया, यही कारण है कि लोरी ओलंपिक के लिए चयनित नही हुई. नहीं मानी हार लोरी गौड़ ने बताया कि कभी जिंदगी में किसी मोड़ पर हार नही माननी चाहिए. मैने हिम्मत नही हारी है, गरीबी के कारण कई- कई दिनों तक चटनी और सुखी रोटी खाकर गुजारा किया है. आने वाले कुछ महीनों बाद एशियन गेम्स हैं. Tags: Local18, Noida news, Sports news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 8, 2024, 08:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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