देश छोड़ दो दीवाली पर पटाखों से कुत्ता हुआ परेशान तो महिला को मिली ये सलाह
Dog Diwali Firecrackers: दीवाली की तेज रोशनी और आवाज विशेष रूप से पालतू जानवरों, खासकर कुत्तों पर असर डालती है, जिनकी सुनने की क्षमता मानवों की तुलना में अधिक संवेदनशील होती है.
एक कमेंट में सीधे कहा गया, “हां, बहुत से लोगों को बहुत सी समस्याएं हैं. पूरी दुनिया आपके लिए नहीं बदलेगी.” एक अन्य रिएक्शन में कहा गया, “अपने कुत्ते के साथ देश छोड़ दो.” कुछ यूजर्स ने “व्हाटअबाउटिज़्म” का सहारा लिया, बातचीत को अन्य उत्सवों की ओर मोड़ते हुए कहा कि ईद और थैंक्सगिविंग के दौरान भी जानवरों को तकलीफ होता है, जिससे सेलेक्टिव आक्रोश पर बहस छिड़ गई.
एक अन्य कमेंट करने वाले ने तर्क दिया कि बार्टन बहुत नाटक कर रही हैं. उन्होंने कहा, “लोग सालों से पटाखे फोड़ रहे हैं; यह संवेदनशीलता नई है.” एक ने लिखा, “आपकी बाइबल कहती है कि कुत्तों से सावधान रहें और इसकी तुलना बुराई से करती है. हम आपकी मदद कर रहे हैं ताकि आप बुराई को दूर भगाकर अपने धर्म की आध्यात्मिक पूर्ति प्राप्त कर सकें, अब आप हमें धन्यवाद दे सकती हैं.”
हालांकि, कुछ यूजर्स ने बार्टन का समर्थन किया और उनके पालतू जानवर की परेशानी के लिए सहानुभूति जताते हुए कहा, “पटाखे कई पालतू जानवरों के लिए कठिन होते हैं, और जश्न मनाने के अन्य तरीके भी हैं.”
त्योहारों के मौसम में सेलिब्रिटी पर सवाल
त्योहारों के मौसम में पटाखों और जानवरों के लिए चिंता केवल सोशल मीडिया यूजर्स तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सेलिब्रिटी पर भी असर डालती है. हाल ही में, एक्टर राजपाल यादव ने एक पोस्ट में पटाखा मुक्त दीवाली की अपील की, जबकि दूसरी पोस्ट में उन्होंने चिकन बिरयानी का प्रचार किया. इस पर कई लोगों ने उन्हें ‘मुखौटा’ पहनने का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि वे जानवरों के लिए सेलेक्टिव सहानुभूति दिखा रहे हैं. त्योहारों के दौरान, विशेष रूप से दीवाली में, सेलिब्रिटी अक्सर जानवरों की भलाई की बातें करते हैं, जो चर्चा का विषय बन जाती है.
पटाखों की आवाज़, जो मनुष्यों के लिए उत्सव जैसी होती है, जानवरों के लिए अत्यधिक तनावपूर्ण हो सकती है, जिससे उनकी चिंता बढ़ जाती है. इस मुद्दे ने त्योहारों के दौरान जानवरों की भलाई पर एक नई बहस को जन्म दिया है, जिसमें सेलिब्रिटी और उनके संदेशों की सच्चाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
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