World brain day: ब्रेन की खतरनाक बीमारियों को रोकने में कारगर है योग रिसर्च सहित विशेषज्ञों का दावा

योग के प्रमुख दो प्राणायाम मस्तिष्‍क पर सबसे ज्‍यादा सकारात्‍मक प्रभाव डालते हैं. इनमें एक है भ्रामरी प्राणायाम और दूसरा है अनुलोम विलोम. भ्रामरी इतना प्रभावशाली है कि यह मष्तिष्‍क में हुए क्‍लोट्स को भी धीरे-धीरे खत्‍म करने का काम करता है. भ्रामरी प्राणायाम के दौरान ब्रेन में कंपन होता है. यह डिमेंशिया, अल्‍जाइमर जैसी बीमारियों में प्रभावकारी है.

World brain day: ब्रेन की खतरनाक बीमारियों को रोकने में कारगर है योग रिसर्च सहित विशेषज्ञों का दावा
नई दिल्‍ली. मस्तिष्‍क या दिमाग हमारे शरीर का सबसे अहम हिस्‍सा है या कहें कि यह पूरे शरीर का नियंत्रण कक्ष है. यहीं से मिलने वाले संकेतों के अनुसार हमारा शरीर काम करता है. हालांकि कई बार ब्रेन में भी कमियां या बीमारियां हो सकती हैं जिन्‍हें ब्रेन डिसऑर्डर्स कहा जाता है. ये डिसऑर्डर्स कई बार बहुत घातक भी जाते हैं और इनका इलाज हो पाना कठिन हो जाता है लेकिन भारत में चिकित्‍सा की प्राचीन पद्धति योग मस्तिष्‍क संबंधी परेशानियों में सबसे ज्‍यादा कारगर है. ऐसा सिर्फ योग विशेषज्ञ ही नहीं बल्कि कई रिसर्च, वैज्ञानिक विश्‍लेषण और मेडिकल साइंस से जुड़े विशेषज्ञ भी कह रहे हैं. कुछ दिन पहले ही ब्रेन प्‍लास्टिसिटी में प्रकाशित एक वैज्ञानिक विश्‍लेषण, योग इफैक्‍ट ऑन ब्रेन हेल्‍थ: ए सिस्‍टमैटिक रिव्‍यू ऑफ द करेंट लिटरेचर में शोधकर्ताओं ने 11 प्रमुख अलग-अलग अध्‍ययनों को शामिल किया. जिसमें पाया गया कि सिर्फ 10 से 24 सप्‍ताह से योग कर रहे लोगों में योग ने न केवल मस्तिष्‍क के फंक्‍शन को तेज किया बल्कि ब्रेन के स्‍ट्रक्‍चर को भी बदलने में सफल रहा. इतना ही नहीं मानव मस्तिष्‍क में पाए जाने वाले हिप्‍पोकैंपस, कॉर्टेक्‍स, प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्‍स पर योग का बहुत सकारात्‍मक प्रभाव देखने को मिला है. एसएम योग रिसर्च इंस्‍टीट्यूट एंड नेचुरोपैथी अस्‍पताल इंडिया के सचिव और शांति मार्ग द योगाश्रम अमेरिका के फाउंडर व सीईओ योगगुरु डॉ. बालमुकुंद शास्‍त्री कहते हैं क‍ि योग चिकित्‍सा की पद्धति है जो रोगों को आने से तो रोकती ही है, बड़े से बड़े रोगों को काट भी देती है. भारत में तो प्राचीन काल से ही लेकिन अभी भी कई वैज्ञानिक अध्‍ययनों और शोधों में इस बात की पुष्टि हो चुकी है क‍ि मस्तिष्‍क को स्‍वस्‍थ रखने में योग चिकित्‍सा बहुत अधिक प्रभावी है. इसके साथ ही शरीर और आत्‍मा पर भी योग का बेहद सकारात्‍मक असर देखा गया है. दिल्‍ली एम्‍स ने भी माना योग है ब्रेन की इन बीमारियों में कारगर वहीं दिल्‍ली स्थित ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की प्रोफसर डॉ. मंजरी त्रिपाठी कहती हैं क‍ि न्‍यूरोलॉजिकल या ब्रेन डिसऑर्डर्स से बचने में प्रीवेंशन का बहुत बड़ा योगदान है. बचाव के तरीके में जीवनशैली में सुधार के साथ योग काफी प्रभावशाली है. योग भारतीय संस्‍कृति से जुड़ा हुआ है लेकिन दुर्भाग्‍य से बीमारियों की रोकथाम के लिए हम लोग योग के महत्‍व को नहीं समझते हैं. जबकि मेडिकल साइंस और पश्चिमी देशों में हुई कई वैज्ञानिक स्‍टडीज भी इस बात को मान रही हैं क‍ि यह ब्रेन की मल्‍टीपल स्‍केलेरोसिस बीमारी में राहत देता है. जबकि दिल्‍ली एम्‍स की ही स्‍टडी में पाया गया है क‍ि योग माइग्रेन के अटैक को कम करता है. वहीं हाल ही में हुई एक स्‍टडी बताती है क‍ि योग निद्रा, अनिद्रा यानि इन्‍सोम्निया की बीमारी में बहुत अधिक कारगर है. अल्‍जाइमर और डिमेंशिया के मरीजों में भी योग करने से राहत देखी गई है. इसके साथ ही पार्किंसन, स्किट्जोफ्रेनिया या अन्‍य न्‍यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स में यह कारगर है. मस्तिष्‍क पर ऐसे काम करता है योग डॉ. शास्‍त्री कहते हैं कि मस्तिष्‍क, नर्व्‍स सिस्‍टम के माध्‍यम से पूरे शरीर से जुड़ा है. नर्व्‍स यानि तंत्रिकाएं स्‍पाइन से होते हुए पूरे शरीर में फैली हुई हैं. ये ब्रेन तक और ब्रेन से अंगों तक संकेतों को पहुंचाती हैं. ऐसे में जब भी कोई व्‍यक्ति योग, ध्‍यान, प्राणायाम या योगासन करता है तो इसका प्रभाव स्‍पाइन पर पड़ता है. कई बार नर्व्‍स स्‍पाइन में दबने लगती हैं और इससे संकेत पहुंचाने की क्रिया प्रभावित होने लगती है लेकिन श्‍वास क्रियाओं, योगासनों और ध्‍यान के द्वारा स्‍पाइन के बीच नर्व्‍स को पर्याप्‍त जग‍ह मिलती है, कमजोर पड़ने वाली कोशिकाओं में ऊर्जा का संचार होता है, नई कोशिकाएं बनने लगती हैं और मस्तिष्‍क का शरीर के साथ संबंध बेहतर होता जाता है. ये दो प्राणायाम हैं मस्तिष्‍क के लिए बेहद प्रभावी डॉ. बालमुकुंद शास्‍त्री बताते हैं क‍ि योग के प्रमुख दो प्राणायाम मस्तिष्‍क पर सबसे ज्‍यादा सकारात्‍मक प्रभाव डालते हैं. इनमें एक है भ्रामरी प्राणायाम और दूसरा है अनुलोम विलोम. भ्रामरी इतना प्रभावशाली है कि यह मष्तिष्‍क में हुए क्‍लोट्स को भी धीरे-धीरे खत्‍म करने का काम करता है. भ्रामरी प्राणायाम के दौरान ब्रेन में कंपन होता है. यह डिमेंशिया, अल्‍जाइमर जैसी बीमारियों में प्रभावकारी है. भ्रामरी प्राणायाम ब्रेन का पूरा विकास करता है और एपीलेप्‍सी जैसी बीमारियों को खत्‍म करने का काम करता है. वहीं दूसरा है अनुलोम विलोम प्राणायाम. यह प्रणायाम ब्रेन के फंक्‍शन पर असर डालता है. ब्रेन में जो सेल्‍स खत्‍म हो रहे होते हैं, इसे करने के बाद वे रीजेनरेट होने लगते हैं. यह हमारी ग्रंथियों पर असर डालता है. यह हार्मोन्‍स का संतुलन बनाकर रखता है और मस्तिष्‍क को शक्ति प्रदान करता है. 8 योगासन भी ब्रेन पर बेहतर प्रभाव डालते हैं. ये 8 योगासन हैं ब्रेन पर बेहद फायदेमंद पद्मासन वज्रासन पश्चिमोत्‍तानासन भुजंगासन शीर्षासन सर्वांगासन हलासन पादहस्‍तासन ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Brain, Delhi AIIMSFIRST PUBLISHED : July 22, 2022, 13:58 IST