Green Crackers: क्या ग्रीन पटाखों से नहीं होता पॉल्यूशन जानें यह नॉर्मल पटाखों से कितने अलग

Green Crackers And Air Pollution: पिछले कई सालों से दिवाली (Diwali) पर ग्रीन पटाखों का चलन बढ़ रहा है. नॉर्मल पटाखे बैन होने के बाद लोग ग्रीन पटाखे चलाकर त्योहार मनाते हैं. अब सवाल उठता है कि क्या ग्रीन पटाखों से पॉल्यूशन नहीं होता? सच्चाई जान लीजिए.

Green Crackers: क्या ग्रीन पटाखों से नहीं होता पॉल्यूशन जानें यह नॉर्मल पटाखों से कितने अलग
हाइलाइट्सग्रीन पटाखों की आवाज सामान्य पटाखों की तुलना में कम होती है.ग्रीन पटाखों में एलुमिनियम, बेरियम जैसे केमिकल्स नहीं होते हैं. Diwali 2022, Green Crackers And Air Pollution: दिवाली पर पटाखे (Crackers) चलाए बिना सेलिब्रेशन अधूरा सा लगता है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक त्योहार पर पटाखे चलाते हुए देखे जा सकते हैं. पटाखे चलाकर लोग त्योहार को खूब एंजॉय करते हैं, लेकिन इससे निकलने वाली गैस हवा को जहरीला बना देती हैं. यही कारण है कि तमाम जगहों पर पटाखों को बैन कर दिया गया है. बैन की वजह से सामान्य पटाखों की जगह ग्रीन पटाखे (Green Crackers) का चलन तेजी से बढ़ रहा है. अधिकतर लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या ग्रीन पटाखे पॉल्यूशन फ्री होते हैं? क्या इन्हें जलाने से हवा में जहरीली गैस नहीं घुलती? आज आपको बताएंगे कि ग्रीन पटाखे क्या होते हैं और यह सामान्य पटाखों से कितना अलग हैं. साथ ही यह भी बताएंगे कि ग्रीन पटाखे चलाने से कितना पॉल्यूशन होता है. यह भी पढ़ेंः पुरुषों में ज्यादा होती है Uric Acid की समस्या, क्या महिलाओं को नहीं खतरा? क्या होते हैं Green Crackers? ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक एयर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए साल 2018 में ग्रीन पटाखों का कांसेप्ट लाया गया था. इसे सामान्य पटाखों के विकल्प के रूप में पेश किया गया था. ग्रीन पटाखों में एलुमिनियम, बेरियम, पोटेशियम नाइट्रेट और कार्बन जैसे खतरनाक केमिकल नहीं होते हैं. इन पटाखों में सामान्य पटाखों की अपेक्षा आवाज भी काफी कम होती है. ग्रीन पटाखों को इस तरह तैयार किया जाता है कि उनसे पर्यावरण पर ज्यादा प्रभाव ना पड़े. बाजार में जगह-जगह आपको ग्रीन पटाखे देखने को मिल जाएंगे. यह भी पढ़ेंः सिर्फ 1 रुपये की गोली से हो सकता है डेंगू का इलाज, डॉक्टर ने बताया तरीका क्या ग्रीन पटाखों से नहीं होता Air Pollution? रिपोर्ट की मानें तो ग्रीन पटाखों में सामान्य पटाखों की अपेक्षा 30% कम पॉल्यूटेंट होते हैं. ग्रीन पटाखों की आवाज करीब 110 डेसिबल होती है, जबकि सामान्य पटाखों की आवाज 160 डेसीबल होती है. हालांकि ग्रीन पटाखे पूरी तरह इको-फ्रेंडली नहीं कहे जा सकते और इन्हें जलाने से भी प्रदूषण फैलता है. आसान भाषा में कहा जा सकता है कि ग्रीन पटाखे चलाने से पॉल्यूशन होता है, लेकिन यह सामान्य पटाखों की अपेक्षा कम है. कहां से खरीदने चाहिए Green Crackers? ग्रीन पटाखे आपको लाइसेंस वाली दुकानों से ही खरीदने चाहिए. स्ट्रीट वेंडर और बिना लाइसेंस वाली दुकानों पर मिलने वाले ग्रीन पटाखे ज्यादा प्रदूषण फैला सकते हैं और हवा को जहरीला बना सकते हैं. इसके अलावा ग्रीन पटाखे चलाते वक्त भी पूरी सावधानी बरतनी चाहिए. ग्रीन पटाखे का मतलब यह नहीं है कि वह आपको नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. यह पटाखे भी आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं, इसलिए सतर्कता बरतें. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Crackers Ban, Diwali, Green Crackers, Health, Lifestyle, PollutionFIRST PUBLISHED : October 20, 2022, 11:32 IST