33 साल पहले मनमोहन सिंह ने बेचा था 47 टन गोल्ड अब RBI ने क्यों मंगाया सोना
33 साल पहले मनमोहन सिंह ने बेचा था 47 टन गोल्ड अब RBI ने क्यों मंगाया सोना
रिजर्व बैंक ने इंग्लैंड से 100 टन सोना भारत मंगाया है. वैसे तो यह हमारा ही गोल्ड है, जो विदेशी बैंक में जमा रहता है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में सोना मंगाया क्यों. इससे पहले 1991 में तत्कालीन सरकार ने देश का 47 टन सोना गिरवी रख दिया था.
हाइलाइट्स 1991 में भारत से 47 टन सोना देश के बाहर ले जाकर बेच दिया गया था. आज से करीब 33 साल पहले जब मनमोहन सिंह वित्तमंत्री थे. इस सोने से तब 40 करोड़ डॉलर इंग्लैंड और जापान से लेने पड़े थे.
नई दिल्ली. आज दिनभर आपको मीडिया में यह खबर पढ़ने को मिली है कि रिजर्व बैंक ने इंग्लैंड के बैंक में जमा अपना 100 टन गोल्ड वापस भारत मंगा लिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इतनी भारी मात्रा में सोना देश में मंगाने का क्या कारण हो सकता है. आपको याद होगा कि आज से करीब 33 साल पहले जब मनमोहन सिंह वित्तमंत्री थे, तब भारत से 47 टन सोना देश के बाहर ले जाकर बेच दिया गया था. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल बार-बार उठ रहा कि आखिर इस बार आरबीआई ने इतनी बड़ी मात्रा में सोना क्यों मंगाया है.
सबसे पहले बात करते हैं कि आखिर रिजर्व बैंक देश का सोना बाहर क्यों रखता है. इसकी दो बड़ी वजहें हैं. पहली तो यह हर साल आरबीआई भारी मात्रा में गोल्ड खरीदता है. जाहिर है कि यह सोना विदेश से खरीदा जाता है और ग्लोबल लेवल पर सोने का सबसे बड़ा एक्सचेंज मार्केट भी इंग्लैंड में है. लिहाजा आरबीआई उसी एक्सचेंज से गोल्ड खरीदकर इंग्लैंड के ही बैंक में जमा करा देता है. इससे सोने की लॉजिस्टिक्स कॉस्ट बच जाती है. दूसरा बड़ा कारण ये है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड सैकड़ों साल से सोने की हिफाजत करता आ रहा है और उसे इस मामले में काफी अनुभव है. इस बैंक को दुनिया का सबसे सुरक्षित बैंक भी माना जाता है.
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क्या हुआ था 33 साल पहले
यह बात है साल 1991 की, जब केंद्र में चंद्र शेखर की सरकार थी, तब देश की बैलेंस शीट काफी गड़बड़ा गई थी. आरबीआई के पास आयात बिल जमा करने के लिए भी पैसे नहीं थे. इस कमी को पूरा करने के लिए आरबीआई को 46.91 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था. इस सोने से तब 40 करोड़ डॉलर की रकम इंग्लैंड और जापान से लेनी पड़ी थी. उस समय मनमोहन सिंह देश के वित्तमंत्री थे.
फिर मनमोहन सिंह ने की थी भरपाई
20 साल बाद समय ने एक बार फिर सोने और मनमोहन सिंह की कहानी दोहराई. इस बार मामला पूरी तरह पलटा नजर आया. यह बात है साल 2009 की तब केंद्र में यूपीए की सरकार थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. उन्होंने देश की संपत्तियों को डाईवर्सिफाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 200 टन सोना खरीद लिया. इसके लिए आरबीई को 6.7 अरब डॉलर खर्च करने पड़े थे. इसके बाद से रिजर्व बैंक लगातार सोने की खरीद कर रहा है.
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फिर क्यों मंगाया आरबीआई ने सोना
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो रिजर्व बैंक ने इतनी बड़ी मात्रा में सोना इसलिए वापस अपने वॉल्ट में मंगाया है, क्योंकि बैंक ऑफ इंग्लैंड इस गोल्ड की सुरक्षा के लिए आरबीआई से मोटा पैसा चार्ज करता है. विदेशी बैंक में सोने को रखने की लागत काफी ज्यादा हो रही है. इस लागत को बचाने के लिए ही रिजर्व बैंक ने 100 टन सोना इंग्लैंड से भारत मंगाने का फैसला किया है.
Tags: Business news, Gold price, Gold Price Today, RBI Governor, Reserve bank of indiaFIRST PUBLISHED : May 31, 2024, 19:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed